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भूत

   { bhūta }
Script: Devanagari

भूत     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
noun  किसी मृत व्यक्ति की आत्मा का वह रूप जो मोक्ष या मुक्ति के अभाव में उसे प्राप्त होता है और जिसमें वह प्रायः कष्टदायक और अमांगलिक कार्य करता है   Ex. विज्ञान भूतों के अस्तित्व को नकारता है ।
HYPONYMY:
अगिया बैताल पनडुब्बा रुखचढ़वा
ONTOLOGY:
संकल्पना (concept)अमूर्त (Abstract)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
जिन पिशाच प्रेत बैताल वैताल छाया साया भूत-प्रेत आसेब सत्व सत्त्व
Wordnet:
asmভূত
bdबुहुद
benভূত
gujભૂત
kanದೆವ್ವ
kasبَد رُح , ژھاے , بوٗت
kokभूत
malപ്രേതം
marभूत
mniꯚꯨꯠ
nepभूत
oriଭୂତ
panਭੂਤ
sanप्रेतः
tamபூதம்
telభూతం
urdشیطان , آسیب , بھوت , پریت
See : तत्त्व, अतीत, भूत काल

भूत     

भूत n.  एक प्राचीन भारतीय मानवजाति का सामूहिक नाम । पुराणों में मानवजाति समूह के चार प्रकार कहे गये हैं, जो निम्न हैं
भूत n.  ब्रह्मांड के अनुसार, इन लोगों की उत्पत्ति भूततत्व से हुयी थी, एवं ये कपिशवर्णीय थे । इनका खाद्यपदार्थ ‘पिशित’ था [ब्रह्मांड २.८.३९-४०] । इनके जन्म की कथा ब्रह्मांड में निम्न प्रकार दी गयी है । ब्रह्मा ने नील लोहित रुद्र को प्रजा उत्पन्न करने के लिए कहा, तब उसने सती के उदर से अपने ही समान पिंगल, सनिषंग, कपर्दी तथा नीललोहित वर्णवाले लाखों भूत उत्पन्न किये, जो पिशित खानेवाले तथा आज्य तथा सोम प्राशन करनेवाले थे [ब्रह्मांड. २.९.६८७-७८]
भूत n.  ये छोटे अवयववाले (कृशाक्ष), लम्बे कानवाले (लंबकर्ण), बडे तथा लटकते हुए ओठवाले (लम्भस्फिक, प्रलंबोष्ठ), लम्बे दॉंतवाले (दंष्ट्रीन), लम्बे नखवाले (नखिन्,), स्थूल शरीरवाले (स्थूलपिंडक), लम्बी भौंहोंवाले (बभ्रुव), घुँघराले खुरदरे केशवाले (हरिकेश, मुञ्जकेश), नीललोहित एवं पिंगल वर्णवाले, एवं ठिगने शरीरवाले होते थे । ये सबल, संगीतविरोधी, सर्प का यज्ञोपवीत धारण करनेवाले, तथा विभिन्न रंगबिरंगे लेपों से अपने शरीर को रंगानेवाले होते थे । ये शिव की सभा में उपस्थित रहनेवाले, हाथों में खोपडी धारण करनेवाले लोग थे, जो केशों को मुकुट की भॉंति बना कर बॉंधते थे । ये नग्नावस्था में रहते थे, तथा कभी कभी विचित्र प्रकार के वस्त्रों के साथ हाथी के चर्म को भी धारण करते थे । इनके हथियार शूल, धनु, निषंग, वरुथ तथा असि थे । ये ‘उर्ध्वरेतस्’ अर्थात ब्रह्मचर्यपालन करनेवाले थे । इनमें विवाह पद्धति न होने के कारण, इनकी पत्नियॉं न होती थी । इनके सर्वसाधारण गुणों से ही इनके कुछ गण हुए थे, जिनके नाम इस प्रकार थे---शूलधर, कृत्तिवास, कर्पिर्दिन, कपर्दिन, कपालिन्, मुंजकेश, नीललोहित आदि । ये पूर्वकाल में अत्यंत जंगली थे, किन्तु असुर एवं देवों के साथ सम्बन्ध आने पर, ये पूर्व से काफी सुधर गये । असुरों के सम्पर्क में आ कर, इन्होंने युद्धकला एवं राजनीति सीखी, तथा अपने की एक समाजव्यवस्था स्थापित की । पुराण के निर्देश से प्रतीत होता है कि, स्वायंभुव मन्वन्तर के पूर्वकालीन युग में ये भारतवर्ष में निवास करते थे । उस समय इनका निवासस्थान हिमालय पर्वत के उत्तर भाग में तथा उसके निकटवर्ती प्रदेशों में था । ये भारत के सर्व प्राचीन आदिवासी माने जाते हैं । असुरों एवं भूत गणों के बीच काफी लडाई चलती रही । अन्त में ये उनके हमलों से अपने को बचाने के लिए, विन्ध्यपर्वत की ढालों तथा घाटियों में रहने आये ।
भूत n.  पुराणों में रुद्र को भूतों का राजा माना है । उस रुप में रुद्र को ‘भूतनायक’ एवं ‘गणनायक,’ तथा भूतों को ‘रुद्रानुचर’ एवं ‘भवप्रिषद्‍’ कहा गया है । किन्तु रुद्र एक व्यक्ति न हो कर, इनके राजा का सामान्य नाम था । कई जगह, इनके राजा को ‘गणपति’ कहा गया है । इन लोगों में जो व्यक्ति सबसे अधिक बलवान् होता था, उस राजा बना कर ये लोग उसे ‘रुद्र’ नाम से विभूषित करते थे । पुराणों में, इस प्रकार के दो रुद्रों का निर्देश मिलता है । उनमें से वीरभद्र नामक रुद्र ‘सिंहमुख’ नामक भूतगणों का प्रमुख था [वामन.४.१७] । दूसरा नंदिकेश्वर नामक रुद्र शैलादि नामक भूत गणों का मुखिया था [मत्स्य.१८१.२] । वामन के अनुसार, भूतगणों की कुल संख्या ग्यारह करोड मानी जाती है । इन भूतगणों में स्कंद, शाख एवं भैरव आदि प्रमुख व्यक्ति थे, तथा इनके अधिकार में अनेकानेक गण थे । वामन में भूतों के रुप एवं अस्त्रों की विस्तृत जानकारी दी गयी है । वहॉं पर इनके मुख की आकृति का वर्णन ‘वानरास्य’ एवं ‘मृगेन्द्रवदन’ नाम से किया गया है । भस्म, खट्‌वांग आदि इनके प्रमुख आयुध थे [वामन.६७.१-२३] । इनके ध्वज पर प्रायः किसी पशु अथवा पक्षी का चिन्ह रहता था, एवं उसी पशु अथव पक्षी के नाम से ‘मयूरध्वज’ अथवा ‘मयूरवाहन’ ऐसे नाम गणनायक को प्राप्त होते थे ।
भूत n.  -भगवान् शंकर एवं अंधाकासुर के बीच हुए युद्ध में, भूतगण शंकर के पक्ष में शामिल था । इस युद्ध में, सर्वप्रथम ‘विनायक’ नामक भूतों के गणपति ने अंधक पर आक्रमण किया, जिस में अंधक के द्वारा वह परास्त हुआ । तत्पश्चात् नंदी नामक अन्य एक गणपति ने अंधक पर आक्रमण किया, एवं विनायक की सहाय्यता से अंधक से घमासान युद्ध कर उसे परास्त किया । अंधक शंकर की शरण में आने पर, उसे भी शिव ने अपने एक भूतगण का गणपति बनाया, एवं वह भृंगी नाम से प्रसिद्ध हुआ । भगवान शंकर ने महिषासुर एवं शुंभ निशुंभ के साथ किये युद्ध में, उसके भूतगणों का अधिपति रुद्र न हो कर ‘रुद्राणी’ नामक कई भूतस्त्रियॉं थी । इन दोनों युद्ध में भूतगणों का विजय हुआ । पुराणों में इन सारे युद्धों का निर्देश देवीमहात्म्य बताने के लिए किया गया है । यही कारण है कि, इन युद्धों वा निर्देश वामन तथा मार्कडेय पुराणों में एवं ‘देवीमहात्म्य’ में ही केवल उपलब्ध है । भूतगणों के बहुत सारे युद्ध असुरगणों से हे हुए थे । किन्तु दक्षयज्ञ के समय, इन्ह्ये देवपक्ष से संग्राम करना पडा । उस युद्ध में भी भूतगणों का विजय हुआ, एवं देवपक्ष को बहुत बूरी तरह से हार खानी पडी [वायु.१.३०-८९-१०१] । देव एवं असुरों के साथ किये युद्ध में यद्यपि भूतगणों का विजय हुआ, फिर भी अन्त में इन्हे उत्तरी भारत का प्रदेश छोड कर, दक्षिण भारत में स्थलांतर करना पडा । भूतगणों का यह स्थलांतर वैवस्वत मन्वन्तर के काल तक पूर्ण हो कर उस समय ये लोग संपूर्णतः दक्षिण भारत के रहिवासी बन चुके थे ।
भूत II. n.  एक हैहयवंशीय राजा । स्कंद के अनुसार, इसके पुत्र का नाम शंख था (शंख ४. देखिये) ।
भूत III. n.  (सो. यदु.वसु.) एक यादव राजा, जो भागवत के अनुसार वसुदेव एवं पौरवी का पुत्र था ।
भूत IV. n.  एक ब्रह्मर्षि, जो भृगु ऋषि का पुत्र था ।

भूत     

कोंकणी (Konkani) WN | Konkani  Konkani
noun  मोक्ष वा मुक्ती मेळूंक नाशिल्ल्यान वायट वा अमंगळ कार्य करपी अतृप्त मनशाचो भटकूपी आत्मो   Ex. आयच्या काळार भुतांचें अस्तित्वूच ना जालां
HYPONYMY:
आगयो वेताळ
ONTOLOGY:
संकल्पना (concept)अमूर्त (Abstract)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
asmভূত
bdबुहुद
benভূত
gujભૂત
hinभूत
kanದೆವ್ವ
kasبَد رُح , ژھاے , بوٗت
malപ്രേതം
marभूत
mniꯚꯨꯠ
nepभूत
oriଭୂତ
panਭੂਤ
sanप्रेतः
tamபூதம்
telభూతం
urdشیطان , آسیب , بھوت , پریت
noun  खायल्या पांवड्याचीं आनी विभत्सक कर्मा करपी एक हीण देवयोनी   Ex. कांय लोक भुताची पुजा करतात
HYPONYMY:
ब्रह्मप्रेत
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
kasپِشاچ , پریت , مَلِنٛمُکھ
malപിശാച്
tamபிசாசு
telభూతం
urdبھوت پریت , پریت , پشاچ , سیطان

भूत     

A dictionary, Marathi and English | Marathi  English
A figure expressive of desolation. "The satyr shall dance there &c." Is. xxxiv, 13--15.
Elapsed, past, gone by, been. 2 In comp. Been, become, entered into and standing in the state of. Ex. पात्रभूत, विषयभूत, आधारभूत, आश्रयभूत, सिद्धभूत, साधनभूत, कारणभूत, अंगभूत, प्रमाणभूत, निमित्तभूत, अवधिभूत, मर्यादाभूत, द्रव्यभूत, भारभूत, सारभूत, त्रासभूत &c. Become, being, or constituting a vessel, an object, support, protection, an effect, a means, a cause, a member or part, proof or evidence, a reason or an occasion, a term or bound &c. The first member of the compound taking the augment च्चि, another class of compounds arises; as कारणीभूत, प्रमाणीभूत, शुद्धीभूत, पवित्रीभूत, भस्मीभूत, वशीभूत, द्रवीभूत, चूर्णीभूत, नम्री- भूत, जडीभूत, जरजरीभूत, अवयवीभूत, अंगीभूत, गुणीभूत, गणीभूत, आश्रयीभूत, अर्थीभूत, उपसर्जनीभूत, साधनीभूत, धनीभूत, जिवनीभूत, ग्रहणीभूत, विशेषणी- भूत &c. Become affected by; become the subject or recipient of; as Become caused or occasioned; become proved or evidenced; become purified or cleansed; reduced to ashes; brought under subjection or government; melted; pulverized; softened; solidified, paralysed, or stupefied; attenuated &c. Such compounds are valuable; but as they are quite numberless, and as their sense and power and the law of their formation are sufficiently apparent from the instances now explained or presented, they will not occur in order. न भूतो न भविष्यति A Sanskrit phrase. It never has been and it never will be.

भूत     

Aryabhushan School Dictionary | Marathi  English
  Past. In comp. Been, become, entered into and standing in the state of. Ex. आधारभूत, कारणभूत.
n m  A goblin; a ghost.
  An element. Any created thing.
भूत म्हणता भूत लागावयाचें   Cry out devil and a devil enters. Fact.

भूत     

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi
noun  मोक्षाच्या अभावी प्राप्त होणारी, सामान्यपणे अमंगल कृत्य करणारी मृत माणसाच्या आत्म्याचे रूप   Ex. वैज्ञानिक भुताचे अस्तित्व मानत नाही
HYPONYMY:
आग्यावेताळ
ONTOLOGY:
संकल्पना (concept)अमूर्त (Abstract)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
पिशाच पिशाच्च
Wordnet:
asmভূত
bdबुहुद
benভূত
gujભૂત
hinभूत
kanದೆವ್ವ
kasبَد رُح , ژھاے , بوٗت
kokभूत
malപ്രേതം
mniꯚꯨꯠ
nepभूत
oriଭୂତ
panਭੂਤ
sanप्रेतः
tamபூதம்
telభూతం
urdشیطان , آسیب , بھوت , پریت

भूत     

 न. 
वि.  
( व्या . ) वर्तमान क्षणापूर्वी गेलेला काळ ; भूतकाळ .
राक्षस ; पिशाच ; स्मशानांत संचार करणारी , झाडांवर वास्तव्य करणारी , प्रेतांस सजीव करणारी , मनुष्यें खाणारी एक दुष्ट योनि . कधीं कधीं देवास , मूर्तीस वास करणार्‍या चित्कलेस लक्षणेनें हा शब्द लावतात . पंढरीचें भूत मोठें । भावार्थीया झडपी नेटें ।
गेलेला ; झालेला . भूत भविष्य कळों यावें वर्तमान । - तुगा २११२ .
मृताची छाया ; पिशाच ; समंध . तीं त्या पाहूं न शकति जेंवि नृहरिमंत्रजपपरा भूतें । - मोभीष्म ५ . १५ .
( समासांत उत्तरपदीं ) झालेला ; एखाद्याच्या स्थितींत शिरलेला आणि स्थित असणारा . उदा० पात्र - विषय - आधार - आश्रय - सिद्ध - साधन - भूत . समासांत पदांतीं ई प्रत्यय लागून कांहीं समास होतात . उदा० कारणी - प्रमाणी - शुद्धी - पवित्री - भस्मी - वशी - द्रवी - भूत इ० . [ सं . ] ( वाप्र . ) भूतो भविष्यति - विलक्षण गोष्ट . जें कधीं नव्हतें व कधीं होणार नाहीं अशी गोष्ट .
( ल . ) विटलेली खराब झालेली वस्तु . वाळले चिळले तुकडे विटून त्याचें भूत झालेलें . - नामना ८० .
०पूर्व वि.  पूर्वी झालेला ; मागील काळांत असलेला , झालेला . [ सं . ]
उपदेवतांचा एक विशिष्ट वर्ग , योनिविशेष .
०भविष्य वि.  
पृथ्वी , आप , तेज , वायु ; आकाश या पंचतत्त्वांपैकीं कोणतेंहि आदितत्त्व . ऐसी दोनी भूतें खाये । - ज्ञा ६ . २४० .
सृष्ट पदार्थ ( सजीव , निर्जीव ); कोणतेंहि द्रव्य , तत्त्व , कारण . सोळा सूक्ष्म भूतादि सत्रावा जीव ( पंचकम्रेंद्रियें , पंचज्ञानेंद्रियें , पंचतन्मात्रा , मन व जीव ).
झालेलें व होणारें .
प्राणी . मजयुद्धाभिप्रायापासुनि मागें बळेंचि फिरवील । ऐसें भूत नसेचि त्रिजगीं ... - मोकर्ण २७ . ५४ .
( व्या . ) भविष्यकाळीं एखाद्या क्रियेचा व्यापार होऊन गेला असेल असा अर्थ ज्या क्रियापदाच्या रुपापासून निष्पन्न होतो तो ( काळ ). [ सं . ]
( कायदा ) खरी , जशी घडली तशी गोष्ट .
०भूत   वि ( व्या . ) भूतकाळीं व्यापार होऊन संपला असा क्रियापदाच्या रुपापासून बोध होतो तो ( काळ ). [ सं . ] भूतलें वि .
( सोंगट्यांचा खेळ ) एकदां मारली गेली असून पुनः डावांत बसलेली सोंगटी . [ सं . भू = होणें ]
अनुभविलेलें ; भोगलेलें . मग जीवें भूतलीं जियें संकटें । - ज्ञा ११ . ५७६ .
०घालणें   मंत्रतंत्रानें एखाद्याच्या अंगांत भुताचा संचार , घरीं भूतबाधा करविणें . जनासि घालिती भूतें । - दावि ४८० . भूत म्हणतां भूत लागतें , लागावयाचें भूत म्हणा म्हणजे भूत शिरलेंच . भूत पुढें दत्त म्हणून उभेंच . भुतें नाचणें ( घरांत , गावांत , रानांत ) एखाद्या स्थलाचा भणभणीतपणा दर्शविण्या करितां उपयोग करितात . सामाशब्द -
झालेलें ; होऊन गेलेलें . तरि भूतलें आठवे । - ज्ञा १३ . १२२ .
०केत   खेत प्रेत - न . ( व्यापक ) भूत ; प्रेत ; पिशाच ; राक्षस इ० [ भूत + केत ( द्वि ); भूत + प्रेत ]
०कोलीत  न. पिशाच . दीपिका .
०खान  न. ( ल . ) जिचे केस मोकळे अस्ताव्यस्त सुटलेलें , वस्त्रें घाणेरडीं , आणि स्वरुप भयंकर व हिडीस आहे अशी स्त्री , मुलगी ; विद्रूप मूल . [ भूत + फा . खान ]
०खाना  पु. 
भुतें , पिशाचें आणि वेताळ यांचा उपद्रव असलेली जागा .
भुतें , पिशाचें यांच्या खोड्या , चेष्टा व दुष्ट कृत्यें ; भूतचेष्टा . ( क्रि० उठणें ; माजणें ). जिकडे तिकडे भूतखाना उठला आहे , दुपारची बाहेर जाऊं नको .
भुतांचा समुदाय .
( ल . ) एका ठिकाणीं गोळा झालेल्या मुलांचा जमाव .
अडाणी लोकांची दंगल .
भयंकर व हिडिस माणूस .
( निंदेनें ) घाणेरडी व अव्यवस्थित जागा .
फ्रीमेसन संस्था . [ भूत + फा . खाना ]
०खीच  स्त्री. भूतांची खिचडी ; प्राण्यांचा नाश . नाना युगांतशक्तीचीं पात्रें । भूतखिचा वोटविलीं । - ज्ञा ११ . ३४३ .
०ग्राम  पु. 
स्थावर व जंगम वस्तू .
पंचमहाभूतांचा समुदाय . [ सं . भूत + ग्राम ]
०चेष्टा  स्त्री. भुतांचा खेळ , कृति , चमत्कार . ( शरीरबाधा होणें , भ्रम होणें , ठेवल्या जागेवरुन पदार्थ अकस्मात नाहींसा होणें इ० ). [ सं . ]
०जात  न. जीवमात्र ; सर्व प्राणी . तुवां जन्मौनि पोसिलीं । भूतजातें । - ऋ ४५ . [ सं . ] भुतंडा , भुतांडा पु .
गांजणूक ; कुतरओढ ( स्त्राष्टधनी , तगाददार इ० कांची ).
दबडगा ; दगदग ( कामाची ) ( क्रि० लागणें ).
०त्रय  न. पृथ्वी , आप व तेज . लोप आथी भूतमात्रा । देहींचा देही । - ज्ञा ६ . २९८ . [ सं . ]
०दया  स्त्री. प्राणिमात्रावर करावयाची दया .
०पति   पु शिव ; शंकर . [ सं . ]
०पीडा  स्त्री. भूतबाधा . [ सं . ]
०प्रलय  पु. 
सर्व सजीव व निर्जीव वस्तूंचा नाश ; सर्वंगत प्रलय .
भुतांच्या बेसुमार चेष्टा . [ सं . ]
०प्रेत  न. भूतकेत पहा . [ सं . ]
०बाधा  स्त्री. भुताची पीडा ; भुतांनीं उत्पन्न केलेला रोग , दुसरी एखादी अनिष्ट गोष्ट . [ सं . ]
०भाव  पु. प्राणिमात्र . तेवीं भूतभावीं नाशिवंत । अविनाश जें । - ज्ञा ८ . १७७ . [ सं . ]
०भावन वि.  
जग ह्या कल्पनेचा आश्रय . मी ये परीचा भूतभावनु । परी सर्व भूतांसि अभिन्नु । - ज्ञा ९ . ८६ .
जग उत्पन्न करणारा ; पालन करणारा . [ सं . ]
०यज्ञ  पु. 
पंचमहायज्ञापैकीं एक ; वैश्वदेवांतील बलिहरण . पंचमहायज्ञ पहा .
( विनोदानें ) आपल्या देहातील पंचमहाभूतांस बलिदान . जेवण , भोजन देणें . ( क्रि करणें ). [ सं . ]
०वेळ  स्त्री. भर दुपार . संध्याकाळ व मध्यरात्र ( या वेळीं भुतें बाहेर पडतात ).
०वैद्य वि.  देवऋषी ; पंचाक्षरी . [ सं . ]
०शुद्धि   पूजेच्या , एखाद्या संस्काराच्या पूर्वी करावयाचा एक विधि . [ सं . ]
०संचार  पु. पिशाचबाधा ; अंगांत भूत येणें . [ सं . ]
०सृष्टि  स्त्री. 
भुतांच्या शक्तीनें उत्पन्न झालेली माया ; ऐंद्रजाल .
मांत्रिक , जादुगार , गारुडी यांनीं केलेली ठकवणूक , हातचलाखी , नजरबंदी .
भूतांचा समुदाय .
पंचमहाभूतात्मक जग ; पंचमहाभूतांपासून ईश्वरानें उत्पन्न केलेलीं शरीरें ; संयुक्त पंचमहाभूतें .
( ल . ) अकस्मात उत्पन्न होऊन क्षणांत नाश पावणारे , बुजबुजणारे कोट्यवधि प्राणी ( माशा , आळ्या , कृमी इ० ). [ सं . ] भुतांची घाई - स्त्री .
अंगांत आलेल्या भुताचें झपाट्याचें धापलणें आणि चलनवलन .
मालमत्तेवर भुतांनीं केलेली धामधूम व खोडसाळपणा . तंववरिच भुतांची घाई । जंव मंत्रवादी नाहीं पावला । भुताची दिवटी - स्त्री . दलदलीच्या जमीनींतून निघणारी दीप्तिमान हवा . ही सपक्ष सर्पासारखी अंतरालांत उडाल्यासारखी दिसते . ( इं . ) ड्रॅगुन . - राको ५८३ . भुताटकी - स्त्री .
एखाद्याचें वाईट , बरें करण्यासाठीं भुतांस कांहीं देऊं करुन त्यांना उठवण्याची , घालण्याची , काढण्याची विद्या , धंदा ; जादूगिरी ; चेटूक .
भुतांचा व्यवहार , चेष्टा इ० . [ भूत + अटकी का . आटकी = खेळ ) ] भुताटक्या , की - वि . भुताटकी करणारा . भुताटणें , भुतारणें - अक्रि . ( राजा . ) राग इ० मुळें भूत अंगांत संचरल्याप्रमाणें चाळे करणें . भूतांत - पु . ( महानु . ) काळ ; यम . तुज सदा भूतांत तो ही भीये । - गस्तो ६५ . भूतात्मा - पु .
शरीर ; देह .
जीवाचें व क्रियेचें उपादानकारण असें मूलभूत तत्त्व ; प्राणिमात्रांचा आत्मा .
देव . [ सं . ] भूताभास - पु . जग भासणें ; जगाचा आभास . आणि भूताभासु आधींच सरे । - ज्ञा ९ . ८० . [ सं . भूत + आभास ] भुतारणें - अक्रि . ( राजा . ) भुताटणें . भुतारा , री , भुतेरा - पुस्त्रीपु . भुतें काढणारा ; पंचाक्षरी . भुतारें - न . लहान भूत भूतार्त - वि . भुतानें पीडिलेला . [ सं . भूत + आर्त ] भुतावळ , भुताळ , ळें - स्त्रीन .
भुतांची , पिशाचांची जमात . ( क्रि० उठणें ; येणें ; लागणें ).
( समुच्चयानें ) भुतें आणि पिशाचें ; त्यांचा सर्व गण , वर्ग
( ल . ) लुच्चे , सोदे , शठ , भिकारी किंव द्वाड आणि त्रासदायक मुलें यांची गर्दी ; हलकट लोकांची टोळी . ( क्रि० माजणें , उठणें , जमणें ). [ सं . भूत + आवलि ] म्ह० वेताळाचे मागें भुतावळ आहेच भुताळा , ळ्या - वि . दुसर्‍याचा नाश होण्याकरितां त्यावर भुतें घालणारा ; पंचाक्षरी ; चेटक्या . भूतावळी - स्त्री . भुतावळ ; भुतांचा समुदाय . तैसें वीरक्तिचीये भूतावळी । नेदिजे देहदमनाची वळी । - भाए २२३ . भूतावळी औट कोटी । - दा २० . ६ . २६ . [ सं . भूत + आवलि ] भूताविष्ट - वि . भूतसंचार झालेला . [ सं . भूत + आविष्ट ] भूतावेश - पु . भूतसंचार ; पिशाचसंचार . [ सं . भूत + आवेश ] भूताहिती - पु . देव - पितर - आत्म - ऋण न देणारा . - हंको . [ सं . ] भुतेंखेतें - नअव . भुतें , पिशाचें , हडळी , समंध इ० . भुतोंडी , भूतोंडी - स्त्री .
पंचमहाभूतांस म्हणजे देहाच्या घटकांस दिलेला भाग , घास , फराळ , अल्पाहार . ( क्रि० देणें ). भुतांला भुतोंडी द्यावी मग निघावें .
भूतबळी . ऐसे आसुरिये प्रकृतीचे तोंडीं । जे जाले गा भूतोंडीं । - ज्ञा ९ १८४ . [ सं . भूत + उंडी ] भुत्या , भुता - पु . भवानी देवीच्या भगतांच्या वर्गांतील एक व्यक्ति ; देवीचा उपासक . हे गळ्यांत कवड्यांच्या माळा , अंगावर तेलकट वस्त्रें आणि हातांत पोत ( जळता काकडा ) घेऊन भिक्षा मागत फिरतात . भुत्याचें झाड , भुत्या - नपु . एक झाड . याचें लाकूड जळतांना प्रकाश पडतो . दिवट्या , रव्या इ० करण्याकडे याचा उपयोग करतात . या लाकडाची रवी पुरली असतां तिला अंकुर फुटतो असे म्हणतात . म्हणून या रवीच्या योगानें चेटकांचा प्रतिकार होऊन लोणी येतें अशा समजुतीनें लोणी येण्याकरितां हिचा उपयोग करतात . भूतोन्माद - पु . भूतावेशामुळें उत्पन्न झालेलें वेड ; यांत रोग्याचें संभाषण , पराक्रम , शक्ति व हालचाल , तसेंच तत्त्वज्ञान , शिल्पज्ञान इ० जाणण्याची शक्ति हीं अमानुष असतात . या उन्मादाच्या लहरीचा काल ठराविक असतो . - योर १ . ७३२ . [ सं . भूत + उन्माद ]

भूत     

नेपाली (Nepali) WN | Nepali  Nepali
noun  कुनै मरेका व्यक्‍तिको आत्माको त्यो रूप जुनचाहिँ मोक्ष वा मुक्‍तिका अभावमा उसलाई प्राप्‍त हुन्छ र जसमा ऊ प्राय   Ex. आधुनिक युगमा भूतको कुनै अस्तित्व छैन
ONTOLOGY:
संकल्पना (concept)अमूर्त (Abstract)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
प्रेत पिचाश पिशाच
Wordnet:
asmভূত
bdबुहुद
benভূত
gujભૂત
hinभूत
kanದೆವ್ವ
kasبَد رُح , ژھاے , بوٗت
kokभूत
malപ്രേതം
marभूत
mniꯚꯨꯠ
oriଭୂତ
panਭੂਤ
sanप्रेतः
tamபூதம்
telభూతం
urdشیطان , آسیب , بھوت , پریت
See : अतीत, तत्त्व

भूत     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
भूत  mfn. mf()n. become, been, gone, past (n. the past), [RV.] &c. &c.
actually happened, true, real (n. an actual occurrence, fact, matter of fact, reality), [Yājñ.] ; [R.] &c.
existing, present, [Kaṇ.]
इत्थम्   (ifc.) being or being like anything, consisting of, mixed or joined with, [Prāt.] ; [Up.] ; [Mn.] &c. (also to form adj. out of adv., e.g.-, एवम्-, तथा-भ्°)
purified, [L.]
obtained, [L.]
fit, proper, [L.]
भृत   often w.r. for
भूत  m. m. a son, child, [L.]
a great devotee or ascetic, [L.]
(pl.) N. of an heretical sect (with जैनs, a class of the व्यन्तरs), [L.]
N. of शिव, [L.]
of a priest of the gods, [L.]
of a son of वसु-देव and पौरवी, [BhP.]
of a son-in-law of दक्ष and father of numerous रुद्रs, ib.
of a यक्ष, [Cat.]
भूत  n. n. (cf. above) that which is or exists, any living being (divine, human, animal, and even vegetable), the world (in these senses also m.), [RV.] &c. &c.
a spirit (good or evil), the ghost of a deceased person, a demon, imp, goblin (also m.), [GṛS.] ; [Up.] ; [Mn.] &c. (cf.[RTL. 241] )
महा-भ्°   an element, one of the 5 elements (esp. a gross el° = q.v.; but also a subtle el° = तन्-मात्रq.v.; with Buddhists there are only 4 el°), [Up.] ; [Sāṃkhyak.] ; [Vedântas.] &c.
ROOTS:
महा भ्°
महा-भ्°   N. of the number ‘five’ (cf. and पाञ्चभौतिक)
ROOTS:
महा भ्°
well-being, welfare, prosperity, [VS.] ; [TS.] ; [AitBr.]

भूत     

भूत [bhūta] p.p. p.  p. p. [भू-क्त]
Become, being, existing.
Produced, formed.
Actually being, really happened, true; भूताश्चार्था विरुद्ध्यन्ति देशकालविरोधिताः [Rām.5.3.37.]
Right, proper, fit; अभूतेनापवादेन कीर्तीं निपतितामिव [Rām. 5.15.34;] भूतार्थव्याहृतिः सा हि न स्तुतिः परमेष्ठिनः [R.1.33.]
Past, gone.
Obtained.
Mixed or joined with.
Being like, similar, (see भू); मग्नां द्विषच्छद्मनि पङ्कभूते [Ki.3.39.]
तः A son, child.
An epithet of Śiva.
The fourteenth day of the dark half of a lunar month (also भूता).
A great devotee.
 N. N. of a priest of the gods.
The dark fortnight of a month (कृष्णपक्ष).
see भूतगण.
गणः the collection of created beings.
the whole class of spirits or devils; प्रेतान् भूतागणांश्चान्ये यजन्ते तामसा जनाः [Bg.17.4.]
-गत्या   truthfully; तदखिलमिह भूतं भूतगत्या ...... अभिलषति स्म [N.9.159.]
-गुणः   a quality of the elements; शब्दस्पर्शरूपरसगन्धा भूतगुणाः स्मृताः Śāradātilakam.
-ग्रस्त   possessed by a devil.
ग्रामः the whole multitude or aggregate of living beings; [U.7;] भूतग्रामः स एवायं भूत्वा भूत्वा प्रलीयते [Bg.8.19.]
a multitude of spirits.
the body.
घ्नः a kind of birch tree.
a camel.
garlic. (-घ्नी) the holy basil.
-चतुर्दशी   the fourteenth day of the dark half of Kārtika.
-चारिन्  m. m. an epithet of Śiva.
-चिन्तकः = स्वभाववादिन्   q. v.; दैवमित्यपरे विप्राः स्वभावं भूतचिन्तकाः [Mb.12.232.19.]
-चिन्तनिकः   an adherent to the doctrine that the mind or intellect is produced from material elements.
-चिन्ता   an enquiry into the elements, investigation into their nature.
-चैतन्यम्   intellectuality of matter.
-जननी   the mother of all beings.-जयः victory over the elements.
-तन्त्रम्   the doctrine of spirits.
-तन्मात्रम्   a subtle element.
-दया   compassion towards all beings, universal benevolence.
-द्रुमः   Cordia Latifolia (Mar. भोंकर).
-द्रुह्, -ध्रुक् a.  a. injurious, malicious.
-धरा, -धात्री, -धारिणी   the earth.
-धात्री   sleep.-नाथः an epithet of Śiva; तद् भूतनाथानुग नार्हसि त्वम् [R.2.58.]
-नायिका   an epithet of Durgā.
नाशनः the marking-nut plant.
mustard.
pepper.
(नम्) Asa Fœtida.
a bead used for rosaries (रुद्राक्ष).-निचयः the body.
-पक्षः   the dark fortnight.
पतिः an epithet of Śiva; ध्यानास्पदं भूतपतेर्विवश [Ku.3.43,74.]
of Agni.
the sacred basil.
the sky; ज्वलसि यन्निशि भूतपतिं श्रितः [N.4.55.]
-पत्री   the holy basil.
-पालः   the guardian of living beings.
-पूर्णिमा   the day of fullmoon in the month of Āśvina.
-पूर्वम्   ind. formerly.a.
former, ancient, old; पश्यामि च जनस्थानं भूतपूर्वखरा- लयम् [U.2.17.]
deceased.
-प्रकृतिः  f. f. the origin of all beings; यामाहुः सर्वभूतप्रकृतिरिति [Ś.1.1] (v. l.).
-बलिः = भूतयज्ञ   q. v.
-ब्रह्मन्  m. m. a low Brāhmaṇa who maintains himself with the offerings made to an idol; see देवल.-भर्तृ a. sustaining all beings; भूतभर्तृ च तज्ज्ञेयं ग्रसिष्णु प्रभविष्णु च [Bg.13.16.] -m. an epithet of Śiva.
-भव a.  a. existing in all beings.
-भव्यम्   past and future.
भावनः an epithet of Brahman.
of Viṣṇu.
-भाविन्   a.
creating living beings.
-भाषा, -भाषितम्   the language of devils.
-भृत् a.  a. sustaining the elements or creatures; भूतभृन्न च भूतस्थो ममात्मा भूतभावनः [Bg.9.5.]
-भौतिक a.  a. consisting of the elements.
-महेश्वरः   an epithet of Śiva.-मातृ f. an epithet of Gaurī.
-मातृका   the earth.-मात्रम्,
-त्रा   the rudiment of an element.
-मात्रा  f. f. pl. the coarse and subtile elements; तास्वेव भूतमात्रासु प्रलीयन्ते विभागशः [Ms.12.17.]
-यज्ञः   an oblation or offering to all created beings, one of the five daily Yajñas to be performed by a householder.
-योनिः   the origin of all created beings.
-रयाः a.  a. a class of gods under the 5th Manu; [bhāg.]
-लिपिः   a particular magic formula.
-वर्गः   the whole class of spirits. -वादिन्a. telling the real fact or truth.
-वासः   the Bibhītaka tree.
-वाहनः   an epithet of Śiva.
विक्रिया epilepsy.
possession by a devil.
-विज्ञान, -विद्या   demonology (भूतविद्या); [Ch. Up.7.1.2.]
-विनायकः   a leader of evil beings; [bhāg.]
-विभुः   a king; शाहभूविभुः [Śāhendra. 2.93.]
-वेशी   a white flowering Vitex Negundo (Mar. निर्गुडी).
-शुद्धिः  f. f. purification of the elements (of the body).
तम् Any being (human, divine or even inanimate); इत्थं रतेः किमपि भूतमदृश्यरूपं मन्दीचकार मरणव्यवसायबुद्धिम् [Ku.4.45;] [Pt.2.] 87.
A living being, an animal, a creature; क्षरः सर्वाणि भूतानि कूटस्थोऽक्षर उच्यते [Bg.15.16;] भूतेषु किं च करुणां बहुली- करोति [Bv.1.122;] [U.4.6.]
A spirit, ghost, an imp, a devil (m. also in these senses); ततो रक्षां महातेजः कुरु भूतविनाशिनीम् [Rām.7.66.3.]
An element; (they are five, i. e. पृथ्वी, अप्, तेजस्, वायु, and आकाश); तं वेधा विदधे नूनं महाभूतसमाधिना [R.1.29.]
An actual occurrence, a fact, a matter of fact.
The past, past time.
The world.
Well-being, welfare.
A symbolical expression for the number 'five'.
Fitness, propriety.-Comp.
-अनुकम्पा   compassion for all beings; भूतानुकम्पा तव चेत् [R.2.48.]
-अनुवादः   a mention of established facts, a variety of अर्थवाद (q. v.); भूतानुवादमात्रमनर्थकम् ŚB. on [MS.1.2.4.]
-अन्तकः   the god of death, Yama.-अभिषङ्गः possession by evil spirits.
-अरिः   Asa Fœtida.
संसारः the world of mortals.
the course of existence; घोरेऽस्मिन् भूतसंसारे नित्यं सततयायिनि [Ms.1.5.]
-संघः   the totality of beings or of the elements.
-संचारः   demoniac possession.-संचारिन् m. a forest conflagration.
-संप्लवः   universal deluge or destruction; आभूतसंप्लवस्थानममृतत्वं हि भाषते.-समागमः the meeting of mortals; यथा काष्ठं च ... समेत्य च व्यपेयातां तद्वद् भूतसमागमः [Mb.12.28.36.]
सर्गः the creation of the world, the class or order of created beings.
creation of the elements.
-साक्षिन्  m. m. 'allseeing', an eye-witness of created beings.
-सृज्  m. m. an epithet of Brahman; बहुधा गतां जगति भूतसृजा कमनीयतां समभिहृत्य पुरा [Ki.6.42.]
-सृष्टिः  f. f.
the illusion effected by the power of Bhūtas.
the whole class of Bhūtas taken collectively.
स्थानम् the abode of living beings.
the abode of demons.
-हत्या   destruction of living beings.
-हन्त्री   a species of Dūrvā grass.
-हरः   bdellium.-हासः a kind of fever.
अर्थः the fact, real fact, true state, truth, reality; आर्ये कथयामि ते भूतार्थम् [Ś.1;] भूतार्थशोभाह्नियमाणनेत्रा [Ku.7.13;] कः श्रद्धास्यति भूतार्थं सर्वो मां तुलयिष्यति [Mk.3.24.]
an element of life. ˚कथनम्, ˚व्याहृतिः f. a statement of facts; भूतार्थव्याहृतिः सा हि न स्तुतिः परमेष्ठिनः [R.1.33.] -अवमानिन् m. despiser of all; भूतावमानी हैहयश्चार्जुनः [Kau.A.1.6.]
-आत्मक a.  a. consisting or composed of the elements.
आत्मन् one whose soul is purified.
composed of the five elements (as the body); cf. [Ms.12.12.] (-m.)
the individual (as opposed to the Supreme Soul); विद्यातपोभ्यां भूतात्मा बुद्धिर्ज्ञानेन शुद्ध्यति [Ms.5.19;] विधमिष्यति ते देहे भूतात्मानं चिरोषितम् [Rām.6.59.] 55.
an epithet of Brahman.
of Śiva.
of Viṣṇu; भूतात्मा भूतभावनः [V. Sah.]
an elementary substance.
war, conflict.
the elementary or vital principle.
a soul which clings to the elements, a carnal mind; भूतात्मनस्तपोविद्ये बुद्धेर्ज्ञानं विशोधनम् [Y.3.34.]
आदिः the Supreme Spirit.
an epithet ofAhaṁkāra (in Sāṅkhya phil.).
-आर्त a.  a. possessed by a devil.
आवासः the body.
an epithet of &Scute;iva.
of Viṣṇu; वसन्ति त्वयि भूतानि भूतावासस्ततो हरिः Hariv.-आविष्ट a. possessed by a devil or evil spirit.
-आवेशः   demoniac possession.
-इज्यम्, -इज्या   making oblations to the Bhūtas.
-इन्द्रियजयिन्  m. m. a kind of ascetic.-इष्टा the fourteenth day of a lunar fortnight. -ईशः
of Śiva; भूतेशस्य भुजङ्गवल्लिवलयस्रङ्नद्धजूटा जटाः [Māl.1.2;] भूतेशप्रीति- हेतोः Udb.
-ईश्वरः   an epithet of Śiva; भूयः स भूतेश्वर- पार्श्ववर्ती [R.2.46.]
-उपदेशः   a reference to past things or such as already exist.-उपसृष्ट,
-ओदनः   a dish of rice (eaten to counteract the influence of demons).
-कर्तृ, -कृत्  m. m. an epithet of Brahman; सर्वलोकप्रभुर्ब्रह्मा भूतकर्तृ तथर्षयः [Rām.2.25.25;] ततस्थानाह भूत- कृत् 7.4.12.
-कला  f. f. a power which produces the five elements; धरादिपञ्चभूतानां निवृत्त्याद्याः कलाः स्मृताः Śāradātilakam.
कालः past time.
(in gram.) the past or preterite time.
-कोटिः   absolute non-entity; Bhddh.
-क्रान्तिः  f. f. possession by a devil.

भूत     

Shabda-Sagara | Sanskrit  English
भूत  mfn.  (-तः-ता-तं)
1. Been, become.
2. Being, existing.
3. Gone, past. 4. (In composition,) Like, resembling.
5. Obtained, got.
6. Pro- [Page534-a+ 60] per, right.
7. True.
8. Known.
9. Mixed.
 mn.  (-तः-तं)
1. A goblin, a ghost, a malignant spirit, haunting cemeteries, lurking in trees, animating carcases and deluding or devouring human beings.
2. A living being.
 m.  (-तः)
1. A son, a child.
2. A demi-god of a parti- cular class.
3. The fourteenth day of the dark half of the lunar month.
4. A name of ŚIVA.
 n.  (-त)
1. An element; five Bhūtas are enumerated: earth, fire, water, air and Ākās or æther.
2. (In law,) Fact, matter of fact, the real state of the case, or what has actually been.
3. The past.
4. Welfare.
5. The world.
6. The number “five,” (in math.)
E. भू to be, aff. क्त of the participle past.
ROOTS:
भू क्त
भूत  mfn.  (-तः-ता-तं)
1. Hired, paid, maintained.
2. Cherished, suppor- ted.
3. Filled.
4. Having, being possessed of, or endowed with. 5. Borne, carried.
 m.  (-तः)
1. A servant.
2. A hired labourer.
E. भृ to nourish, aff. क्त.
ROOTS:
भृ क्त

भूत     

See : अतीत, वृत्त

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