आवृज् [āvṛj] 1 Ā.
To bestow, give (Ved.).
To turn to or towards.
To choose; तमेव दयितं भूय आवृङ्क्ते पति- माम्बिका
[Bhāg.4.7.59.] -Caus.
To bend, bend down; incline; गौरवेणावर्जितः
[Pt.4.;] आवर्ज्य शाखाः सदयं च यासाम्
[R.16.19;13.17,24;] [Mv.5.63;] K 14,58;
[Ku.2.26,] 3.54;7.54;
[Me.48.] To subdue, win or gain over, attract, please; आवर्जितानि मनांसि
[Nāg.1;] मरीचिमाव- र्जितवतीव श्लाघसे
[Dk.45,58,133,155;] [Mv.2;] [K.368;] पवनावर्जितरुग्णपुष्करस्य
[Bu. Ch.5.62] ; आवर्जितानि च मया सकलसामाजिकमनांसीति मे निश्चयः
[Nāg. Act 1,] between verses 2 and 3.
To bring, collect; चतुर्दिगावर्जितसंभृताम्
[R.6.76.] To pour out, offer, give; अपि त्वदावर्जितवारिसंभृतम्
[Ku.5.34;] [R.15.8;] तनयावर्जितपिण्डकाङ्क्षिणः 8.26;1.62, 67;
[Mu.4;] [K.241.] To draw or force out; Nāg.4 and 5; आवर्जितं मया चञ्च्वा हृदयात्तव शोणितम्
[Nāg.5.] To empty, pour out the contents of (as a jar &c.); कलश- मावर्जयति
[Ś.1;] [V.5;] [Ku.7.1;] [K.82,31.]