मूजवंत n. एक जाति, जिसका निर्देश महावृष, गंधार एवं बह्रिक लोगों के साथ प्राप्त है
[अ.वे.५.२२.५] । संभवतः ये सारी जातियॉं समाज से बहिष्कृत थी, जिस कारण ज्वर को इन लोगों के प्रदेश मे जाने की प्रार्थना की गयी है । एक दूरस्थ लोगों के रुप में इनका निर्देश यजुर्वेद संहिताओं में भी प्राप्त है
[तै.सं.१.८] ;
[का.सं.९.७] । काश्मीर की दक्षिनपश्चिमी निचली पहाडीयों को मूजवंत पर्वत कहा जाता था । संभव है, उसी पर्वत के नाम से इन लोगों को ‘मूजवंत’ नाम प्राप्त हुआ होगा । बाद के महाकाव्य में मूजवंत पर्वत को हिमालय के अंतर्गत एक पर्वत बताया गया है । ऋग्वेद में सोम को ‘मौजवंत’ (मूजवंत पर्वत से प्राप्त) कहा गया है
[ऋ.१०.३४.१] ।