विषाणिन् n. एक ज्ञातिसमूह, जो दाशराज्ञ युद्ध में सुदास राजा के पक्ष में शामिल था
[ऋ. ७.१८.७] । रौथ इन्हें सुदास राजा के विपक्षी मानते है, किंतु वह अयोग्य प्रतीत होता है । अलिन, भलानस, शिव, एवं पक्थ लोगों के साथ इनका निर्देश प्राप्त है, जिससे प्रतीत होता है कि, ये उन्हीके समान उत्तरीपश्र्चिम भारत में रहनेवाले लोग होंगे। ‘विपणिन्’ का शब्दशः अर्थ ‘सींगयुक्त’ है । ये लोग संभवतः सींग के आकार का अथवा सींगो से अलंकृत शिरस्त्राण धारण करते होंगे, जिस कारण इन्हें ‘विषणिन्’ नाम प्राप्त हुआ था ।