सुबाहु n. रैवत मन्वन्तर के सप्तर्षियों में से एक ।
सुबाहु II. n. एक अप्सरा, जो कश्यप एवं प्राधा की कन्या थी
[म. आ. ५९.४९] ।
सुबाहु III. n. एक नाग, जो कश्यप एवं कद्रू के पुत्रों में से एक था ।
सुबाहु IV. n. चेदि देश का एक राजा, वीरबाहु राजा का पुत्र था । यह दमयंती का मौसेरा भाई था, जिस कारण वह अपने वनवास काल में सैरन्ध्री के रूप में इसके यहाँ रही थी
[म. व. ६२.१८, ६६.१३] ।
सुबाहु IX. n. एक वन्यदेशाधिपति, जो किरात, तंगण, कुलिंद आदि लोगों का अधिपति था । इसका राज्य हिमालय की तलहटी में था । पांडवों के वनवासकाल में अर्जुन को छोड़ कर बाकी सारे पाण्डव कुछ काल तक यहाँ रहे थे
[म. व. १४१.२४-३०, १७४.१५] । भारतीय युद्ध में यह पाण्डवों के पक्ष में शामिल था ।
सुबाहु V. n. एक राक्षस, जो ताटका राक्षस का पुत्र, एवं मारीच का भाई था । इसके पिता का नाम सुंद था । विश्वामित्र ऋषि के यज्ञ का विध्वंस करने के लिए यह उपस्थित हुआ था । उस समय राम दशरथि ने इसका वध किया
[म. स. परि. १.२१.५०१] ।
सुबाहु VI. n. रामसेना का एक वानर ।
सुबाहु VII. n. (सू. इ.) एक इक्ष्वाकुवंशीय राजा, जो शत्रुघ्न दाशरथि राजा का पुत्र था । इसके भाई का नाम शूरसेन था
[वायु. ८८.१८६] । इसकी पत्नी का नाम सत्यवती था । शत्रुघ्न ने इसे मथुरा (मधुरा) प्रदेश का राज्य प्रदान किया था
[वा. रा. उ. १०८] ।
सुबाहु VIII. n. (सो. क्षत्र.) एक राजा, जो ऋतध्वज राजा एवं मदालसा का पुत्र था । इसकी कन्या का नाम शशिकला था, जिसका विवाह सुदर्शन राजा से हुआ था
[दे. भा. ३.२१.२२] । इसने अपने ज्येष्ठ भाई अलर्क पर आक्रमण किया था । किन्तु उसने स्वयं ही अपना राज्य इसे दे दिया
[मार्क. ४१] ।
सुबाहु X. n. ०. (सो. वृष्णि.) अक्रूर के पुत्रों में से एक
[मत्स्य. ४५.३२] ।
सुबाहु XI. n. १. कृष्ण एवं कालिंदी का एक पुत्र ।
सुबाहु XII. n. २. एक संशप्तक योद्धा, जो भारतीय युद्ध में दुर्योधन के पक्ष में शामिल था । इसी युद्ध में यादव राजा युयुत्यु ने इसके हाथ तोड़ डाले
[म. द्रो. २३. १३-१४] ।
सुबाहु XIII. n. ३. (सो. कुरु.) धृतराष्ट्र के शतपुत्रों में से एक । भीम ने इसका वध किया
[म. भी. ९२.२६] ;
[क. ३५. ७-८] । १४. चोल देश का एक राजा, जिसकी कथा ‘दानमाहात्म्य’ कथन करने के लिए पद्म में दी गयी है
[पद्म. भू. ९४-९९] ।
सुबाहु XIV. n. ५. एक क्षत्रिय, जिसकी पत्नी का नाम चंद्रकला था
[पद्म. क्रि. ५] ।
सुबाहु XIX. n. ०. चक्रांग नगरी का एक राजा, जिसने राम दाशरथि के अश्वमेध यज्ञ के पूर्व शत्रुघ्न से युद्ध किया था । अपने पूर्वजन्म में यह ऋषि था, जो राम की निंदा करने के कारण अपनी नयी आयु में से एक संसारबद्ध पुरुष बना । शत्रुघ्न के साथ हुए युद्ध में हनुमत् ने इसे मूर्च्छित किया । हनुमत् के स्पर्श के कारण इसका उद्धार हुआ । पश्चात् अपने पुत्र दमन को राज्य प्रदान कर, यह स्वयं अश्वरक्षा के लिए सेना में शामिल हुआ ।
सुबाहु XV. n. ६. काशीदेश का एक राजा, भीमसेन ने अपने पूर्वदिग्विजय में इसे जीता था ।
सुबाहु XVI. n. ७. स्कंद का एक सैनिक
[म. श. ४५] ।
सुबाहु XVII. n. ८. एक प्राचीन नरेश, जिसने अपने जीवन में कभी भी मांस भक्षण नही किया था
[म. अनु. ११५.६६] ।
सुबाहु XVIII. n. ९. अंगराज कर्ण के सुदामन नामक पुत्र का नामान्तर ।