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हव्यघ्न

   
Script: Devanagari

हव्यघ्न     

हव्यघ्न n.  एक राक्षस, जो भरद्वाज ऋषि के यज्ञाग्नि के धुएँ से उत्पन्न हुआ था । एक बार भरद्वाज ऋषि ने गौतमी नदी के किनारे अपनी पैठीनसी नामक पत्‍नी के साथ एक यज्ञ प्रारंभ किया । उस यज्ञ के धुएँ में से यह उत्पन्न हुआ, एवं हविर्द्रव्य भक्षण करने लगा। भरद्वाज ऋषि के द्वारा पूछे जाने पर इसने कहा, ‘मै ब्रह्मा के द्वारा शापित एक अभागी व्यक्ति हूँ, एवं मेरा नाम कृष्ण है । मेरी प्रार्थना है कि, आप मुझे गंगोदक, सुवर्ण एवं गोधृत एवं सोम से ‘प्रोक्षण’ कर, जिससे मैं मुक्त हो जाऊँगा’। इसकी प्रार्थना के अनुसार, भरद्वाज ऋषि ने प्रोक्षण किया, जिस कारण यह मुक्त हुआ [ब्रह्म. १३३]

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