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काश्यप

   { kāśyapḥ, kāśyapa }
Script: Devanagari

काश्यप     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
KĀŚYAPA I   (KAṆVA).
1) General.
Two sages Kaśyapa and Kāśyapa are mentioned in the Purāṇas, and due to the close similarity in the names in some Purāṇas the two names are used one for the other. There is, therefore, considerable difficulty in distinguishing the one from the other and unerringly hitting upon the right person in certain contexts. There is a very ancient sage the first cause or the original father of all living beings in the universe. He is described, in most of the Purāṇas, as the grandson of Brahmā and the son of Marīci. He was the husband of the original or first mothers of living beings, called Diti and Aditi. The interpretation that he was called Kaśyapa as he used to drink Kaśyam (liquor) is not founded on facts. No Purāṇa refers to him as a drunkard. The sage called Kāśyapa was the foster father of Śakuntalā. The statement that he was called Kāśyapa as he was born in the dynasty of Kaśyapa is also not correct. Kaṇva was not born in the dynasty of Kaśyapa. The genealogy of Kāśyapa is as follows: 2). Genealogy. Descended from Viṣṇu thus: Brahmā-- Atri--Candra--Budha--Purūravas--Āyus--Nahuṣa-- Yayāti--Puru--Janamejaya--Prācinvān--Pravīra-- Namasyu--Vītabhaya--Śuṇḍu--Bahuvidha--Saṁyāti -Rahovādī--Raudrāśva--Matināra--Prītiratha-- Medhātithi--Kaṇva (Kāśyapa). Medhātithi was Kaṇva's father. [Śānti Parva, Chapter 208, Verse 27] . According to the Agni Purāṇa a son called Kaṇva was born (Kāśyapa) to Medhātithi, son of King Prītiratha of the Puru dynasty. But, nothing about the family matters of Kaṇva is mentioned therein. In the Mahābhārata itself the name Kāśyapa is often used instead of Kaṇva. From the above facts it may be understood that Kaṇva was born as a prince, and that later on, he became a sage. Moreover, the Agni Purāṇa says that Santurodha, the brother of Kaṇva's father, was the father of Duṣyanta. According to that Kāśyapa and Duṣyanta were the sons of brothers, Kāśyapa being that of the elder one. For the time being the above are the only reasonable inferences, and the truth has to be found out by further researches. But, one thing is certain according to the genealogy, that Kāśyapa was born twenty generations after Kaśyapa. 3). Kāśyapa and Takṣaka. The story is told in the [2nd Skandha of Devī Bhāgavata] and in the [Ādi Parva of Bhārata] that Takṣaka set out to bite King Parīkṣit and Kāśyapa to cure him of Takṣaka's poison, but that Takṣaka bribed Kāśyapa off his mission to save the King. But, the story as such is unfounded. It was Kaśyapa and not Kāśyapa whom Brahmā had taught the science of the treatment and cure of poison (see under Kaśyapa) and, therefore, it should be Kaśyapa whom Takṣaka bribed. 4). Kaśyapa and Śakuntalā. See under KA. VA. 5). Kāśyapa and Ṛṣyaśṛṅga. Father of Ṛṣyaśṛṅga was one Kāśyapa; may be Kaśyapa or Kāśyapa. The greater possibility is for Kāśyapa to be the father. (See under ṚṢYAŚṚṄGA). 6). After a Yajña Viśvakarman made a land-gift to Kāśyapa once. (See under KAṆVA).
KĀŚYAPA II   Priest of Vasudeva; this Kāśyapa lived for years as a good friend of the Pāṇḍavas. He is considered to be a very distinguished ascetic. [Aśvamedha Parva, Chapter 16] .
KĀŚYAPA III   Son of Sage Kaśyapa. This Kāśyapa was member of Indra's assembly. [Sabhā Parva, Chapter 7] . He was present at the Yajña conducted by emperor Pṛthu.
KĀŚYAPA IV   An Agni, the son of Kaśyapa. Pāñcajaṇya was born from the five Agnis, Kāśyapa, Vasiṣṭha, Prāṇa, Aṅgiras and Cyavana, all of whom were sons of Kaśyapa. [Vana Parva, Chapter 220] .
KĀŚYAPA V   A haughty Vaiśya once felled to the ground a brahmin youth called Kāśyapa by hitting him with his chariot. (See under Indra, Para 38).
KĀŚYAPA VI   Sons of Kaśyapa like Vibhāṇḍaka. Rājadharman, Viśvāvasu, Indra, Āditya and Vasu, other Devas and other living beings born in Kaśyapa's dynasty--all these are also called Kāśyapas.

काश्यप     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
noun  एक पौराणिक ऋषि   Ex. एकबार आत्महत्या करने जा रहे काश्यप को इंद्र ने रोका था ।
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
काश्यप ऋषि
Wordnet:
benকাশ্যপ
gujકાશ્યપ
kasکاشیپ , کاشیپ ریش
kokकाश्यप
marकाश्यप
oriକାଶ୍ୟପ ଋଷି
panਕੱਸ਼ਪ
sanकाश्यपः
urdکاشیپ , کاشیپ رشی
See : अरुण

काश्यप     

काश्यप n.  किसी विस्तृत कुल का नाम । प्रजापति के द्वारा उत्पन्न सभी प्रजायें काश्यप माने कश्यपकुलोत्पन्न है [श.ब्रा.७.५.१.५] ; कश्यप देखिये । यह सर्वसाधारण पैतृक नाम है तै.आ.२.१८,१०.१.८ । अगस्त्य तथा परशुराम के समान, यह भी दक्षिण का निवासी माना जाता है । अपने वंश अथवा उपनिवेश का काश्यप से संबंध जोडनेवाले में पाये जाते है । शाकटायन के साथ व्याकरणयज्ञ कह कर, इसका उल्लेख है [शु. प्रा.४.५] । कश्यप गोत्र का मंत्रकार । यह ऋषि भी है (भृगु, कश्यप अवत्सार, ऋश्यशृंग, देवतरस, श्यावसायन, शूष वाह्रेय, गौत्म असित देवल, निध्रुवि, भूतांश, रेम, रेभसूक्ति, विव्रि तथा हरित देखिये) ।
काश्यप II. n.  एक मांत्रिक ब्राह्मण । सर्पदंश हुए परीक्षित को अपने मंत्रसामर्थ्य से जीवित कर के, धनप्राप्ति करने के लिये यह जा रहा था । यह समाचार पाते ही, वृद्ध ब्राह्मण का रुप ले कर, ,मार्ग में तक्षक ने काश्यप से भेट की, तथा इससे कहा, ‘तुम्हारे सामने इस वृक्ष को मैं काटता हूँ । अपने मंत्रसामर्थ्य से तुम इसे जीवित करो, तभी तुम्हारा मंत्रसामर्थ्य मैं सत्य मानूँगा’ । तक्षक के दंश से भस्मसात् वृक्ष, इसने मंत्रसामर्थ्य से अंकुरित कर के दिखाया । इसके मंत्रसामर्थ्य के प्रति तक्षक को पूर्ण विश्वास हो गया । राजा से प्राप्त होनेवाली संपदा से अधिक धन दे कर, तक्षक ने इसे विदा किया । ब्राह्मणशाप के सामने अपना मंत्र सिद्ध न होगा, इस आशंका से काश्यप घर लौटा [म.आ.३९] । परंतु राजा के पास न जाने के कारण, लोगों ने इसे जातिच्युत कर दिया । तब यह व्यंकटाचल पर गया । वहॉं के तीर्थस्नान से यह पापमुक्त हो गया [स्कंद २.१.११]
काश्यप III. n.  एक ब्राह्मण । काश्यप की एक पुरानी कथा, भीष्म ने ज्ञान के महत्त्व का वर्णन करने के लिये, युधिष्ठिर को बताई है, वह निम्न प्रकार से है । काश्यप नामक एक तपस्वी तथा सदाचरसंपन्न ब्राह्मण था । इस एक वैश्य ने रथ का धक्का दे कर गिरा दिया । तब विकल हो कर, क्रोध से यह प्राण देने के लिये प्रवृत्त हो गया । यह जान कर, इन्द्र शृंगाल रुप से वहॉं आया । उसने इसे मानवदेव तथा उसमें भी ब्राह्मणप्राप्ति की प्रशंसा इसे मानवदेह तथा उसमें भी ब्राह्मणप्रपति की प्रशंसा कर के मृत्यु से निवृत्त किया, तथा ज्ञान की ओर इसका ध्यान प्रेरित किया । तब काश्यप को भी आश्चर्य हुआ । तब इन्द्र की पूजा कर यह घर लौट आया [म.शां.१७३] ; नारद देखिये ।
काश्यप IV. n.  एक धर्मशास्त्रकार । अठारह उपस्मृतिकारों में से यह एक है [सस्मृतिचं. १] ;[सरस्वतीविलास पृष्ठ १३] । उसी प्रकार, पाराशरधर्मसूत्र में भी धर्मशास्त्रकर्ता कह कर इसका उल्लेख है । परंतु याज्ञवल्क्यस्मृति में इसका नामनिर्देश नहीं है । इसके ग्रंथो में आह्रिककर्म, श्राद्ध, अशौच, प्रायश्चित्तादि के बारे में काफी जानकारी दी गई है । मिताक्षरा, स्मृतिचन्द्रिकादि ग्रंथों में इसके धर्मशास्त्र सें उद्धहरण लिये गये है । काश्यपस्मृति नामक एक स्वतंत्र ग्रंथ है । उसमें गृहस्थ के कर्तव्य, भिन्नभिन्न प्रकार के प्रायश्चित्तादि की जानकारी है । कश्यप नामक एक धर्मशास्त्रकार का उल्लेख बौधायनधर्मसूत्र में है [बौ. ध. १.२.२०] । परंतु यह तथा कश्युप दोनों भिन्नभिन्न हैं, वा एक ही हैं, इसके विषय में निश्चित जानकारी प्राप्त नहीं होती है । एक व्याकरणकार के रुप में पाणिनि ने इसक उल्लेख किया है [पा. सू. ८.४.६७] । यह शिल्पकार तथा शिक्षाकार भी था । इसके नाम पर निम्नलिखित ग्रंथ उपलब्ध हैः---१. काश्यपपंचरात्र, २. काश्यपसंहिता, ३. काश्यपस्मृति, ४. काश्यपसूत्र । कश्यपस्मृति एवं कश्यप संहिता, तथा काश्यपस्मृति एवं काश्यपसंहिता इन ग्रंथो का रचयिता एक ही होगा (C.C.) । अठारह ज्योतिषसंहिताकारो में से एक । इसकी काश्यपसंहिता प्रसिद्धि है । इस संहिता के कुल पचास अध्याय है । कुल श्लोकसंख्या करीब-करीब १५०० है । कहते हैं कि, इस ग्रंथ में सूर्य पर प्राप्त धब्बों का उल्लेख है, तथा दूरवीक्षणादि यंत्रों का भी वर्णन है (कवि चरित्र) ।
काश्यप IX. n.  अत्रि का मानसपुत्र [ब्रह्मांड. ३.८.७४-८७]
काश्यप V. n.  भौत्य मन्वन्तर का एक मनुपुत्र ।
काश्यप VI. n.  सावर्णि मन्वन्तर के सप्तर्षियो में से एक ।
काश्यप VII. n.  स्वारोचिष मन्वन्तर के सप्तर्षियों में से एक ।
काश्यप VIII. n.  वैवस्वत मन्वन्तर के सप्तर्षियो में से एक ।
काश्यप X. n.  ०. एक शाखाप्रवर्तक (पाणिनि देखिये) ।
काश्यप XI. n.  १. गोकर्ण नामक शिवावतार का शिष्य ।
काश्यप XII. n.  २. दाशरथि राम की राजसभा का एक धर्मशास्त्री ।
काश्यप XIII. n.  ३. दाशरथि राम की सभा का एक हास्यकार ।
काश्यप XIV. n.  ४. पांडवों के साथ यह द्वैतवन में था ।
काश्यप XV. n.  ५. वसुदेव का पुरोहित । पांडवों के जातकर्मादि संस्कार इसने किये [म.आ.परि.१] ;[क्र. ६७. पंक्ति.२०]

काश्यप     

कोंकणी (Konkani) WN | Konkani  Konkani
noun  एक पुराणीक रुशी   Ex. एक फावटी जीव दिवपाक गेल्ल्या काश्यपाक इंद्रान आडयिल्लें
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
काश्यपरुशी
Wordnet:
benকাশ্যপ
gujકાશ્યપ
hinकाश्यप
kasکاشیپ , کاشیپ ریش
marकाश्यप
oriକାଶ୍ୟପ ଋଷି
panਕੱਸ਼ਪ
sanकाश्यपः
urdکاشیپ , کاشیپ رشی
See : अरूण

काश्यप     

A dictionary, Marathi and English | Marathi  English
kāśyapa m A tribe of Bráhmans or an individual of it.

काश्यप     

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi
noun  एक पौराणिक ऋषी   Ex. एकदा आत्महत्या करायला जाणार्‍या काश्यपना इंद्र देवाने रोखले होते.
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
काश्यप ऋषी
Wordnet:
benকাশ্যপ
gujકાશ્યપ
hinकाश्यप
kasکاشیپ , کاشیپ ریش
kokकाश्यप
oriକାଶ୍ୟପ ଋଷି
panਕੱਸ਼ਪ
sanकाश्यपः
urdکاشیپ , کاشیپ رشی

काश्यप     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
काश्यप  mfn. mf()n. belonging to कश्यप, relating to or connected with him (e.g.काश्यपी देवी, the earth, [Hariv. 10645] ; See काश्यपी below), [MBh.] &c.
बिदादि   (g.) a patr.fr.कश्यप (designating an old grammarian [[VPrāt.] ; [Pāṇ. 8-4, 67] ] and many other persons, including some, whose family-name was unknown [Comm. on KātyŚr.]; many subdivisions of काश्यप families are known e.g.उरुबिल्वा-क्°, गया-क्°, दशबल-क्°, नदी-क्°, महा-क्°हस्ति-क्°)
N. of अरुण (the sun), [VP. iii, 12, 41]
of विष्णु, [L.]
a sort of deer, [L.]
a fish, [L.]
N. of a बुद्ध, [Inscr.]
काश्यप  n. n.N. of different सामन्s, [ĀrṣBr.]

काश्यप     

काश्यपः [kāśyapḥ]   1 N. of a celebrated sage.
 N. N. of Kaṇāda.
An epithet of Aruṇa.
-पी   The earth; [Mb.13.62.62.] तानपि दधासि मातः काश्यपि यातस्तवापि च विवेकः [Bv.1.68.]
-पम्   Flesh.
Comp. नन्दनः an epithet of Garuḍa.
 N. N. of Aruṇa.
a god.
a demon.

Related Words

काश्यप   काश्यप ऋषि   काश्यप ऋषी   ऋषि वंश. - काश्यप वंश   ज्‍याला नाहीं गोत्र, त्‍याला काश्यप गोत्र   काश्यपः   କାଶ୍ୟପ ଋଷି   ਕੱਸ਼ਪ   કાશ્યપ   কাশ্যপ   काश्यपरुशी   आर्जिहायन   काश्यपीय   कश्यपद्वीप   काश्यपायन   काश्यपिन्   विवृहत्   मित्रभू   शिल्व   चौदा गोत्रें   देवतर   सिद्धौघ   निध्रुवि   वत्सार   कृतकोटि   वैकर्णेय   चन्द्रदेव   देवतरस   द्विवेदिन्   अग्निभू   असितमृग   काश्यपी   उषस्य   ऋष्यशृंग   कौषीतकेय   विपश्यिन्   शवस्   श्रुष   ध्वस्त्र   कणाद   चंड   विभांडक   महत्तर   पुरुषन्ति   श्रावक   काश्य   सुनय   सूनु   सुकर्मन्   असित   हरित   दुष्यंत   अनंत   ऋश्यशृंग   विदर्भ   पुनर्वसु   चौदा   तिलोत्तमा   सुदेव   बौधायन   रुरु   पिंगल   वत्स   परिक्षित्   पर्वत   कश्यप   २४   ३२   सिद्ध   पाणिनि   मनु   रोमहर्षण   महावीर वर्धमान   पराशर   १८   गौतम बुद्ध   रुद्र-शिव   द्रोण      बलि   परशुराम         अग्नि   अर्जुन   व्यास   भीमसेन   नारद   युधिष्ठिर   હિલાલ્ શુક્લ પક્ષની શરુના ત્રણ-ચાર દિવસનો મુખ્યત   ନବୀକରଣଯୋଗ୍ୟ ନୂଆ ବା   વાહિની લોકોનો એ સમૂહ જેની પાસે પ્રભાવી કાર્યો કરવાની શક્તિ કે   સર્જરી એ શાસ્ત્ર જેમાં શરીરના   ન્યાસલેખ તે પાત્ર કે કાગળ જેમાં કોઇ વસ્તુને   બખૂબી સારી રીતે:"તેણે પોતાની જવાબદારી   ਆੜਤੀ ਅਪੂਰਨ ਨੂੰ ਪੂਰਨ ਕਰਨ ਵਾਲਾ   బొప్పాయిచెట్టు. అది ఒక   लोरसोर जायै जाय फेंजानाय नङा एबा जाय गंग्लायथाव नङा:"सिकन्दरनि खाथियाव पोरसा गोरा जायो   आनाव सोरनिबा बिजिरनायाव बिनि बिमानि फिसाजो एबा मादै   भाजप भाजपाची मजुरी:"पसरकार रोटयांची भाजणी म्हूण धा रुपया मागता   
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