पौंड्र n. करुष राजा पौंड्रक वासुदेव का नामांतर
[भा.११.५.४८] ।
पौंड्र II. n. नंदिनी गौ के पार्श्वभाग से प्रकट हुयी एक म्लेच्छ जाति
[म.आ.१६५.३६] । इनके लिए ‘पुंड्र’ पाठभेद प्राप्त है ।
पौंड्र III. n. पौंडु देश के निवाशियों के लिये प्रयुक्त एक सामूहिक नाम मांधाता के राज्य में जो निवास करते थे
[म.शां.६५.१४] । ये लोग पहले क्षत्रिय थे, किन्तु ब्राह्मणों के क्रोधसे शूद्र हो गये
[म.अनु.३५.१७-१८] । इन लोगों को श्रीकृष्ण ने पराजित किया था ।
[म.स.परि.१.२१.१५६३] । युधिष्ठिर के राजसूर्य यज्ञ में भी ये लोग उपस्थित थे
[म.व.४८.१८] । भारतीय युद्ध में ये लोग, युधिष्ठिर की ओर से क्रौंच व्यूह में शामिल थे
[म.भी.४६.४९] । अंत में कर्ण ने इन को पराजित किया था
[म.द्रो.३२] ।