प्रसेन n. (सो. वृष्णि.) एक यादववंशीय राजा, जो निम्न नामक राजा का द्वितीय पुत्र था । विष्णु, मत्स्य, पद्म एवं वायु में इसे निम्न राजा का पुत्र कहा गया है, तथा इसके ज्येष्ठ भ्राता का नाम सत्राजित बताया गया है। ये दोनों भाई जुडवा पैदा हुए थे एवं कुबेर की भॉंती सद्गुणों से संपन्न थे । इसे ‘प्रसेनजित्’ नामांतर भी प्राप्त था । इसके पास स्यमंतक मणि था, जिससे प्रतिदिन प्रचुर घनराशि झरती रहती थी । इसे धारण कर एक बार यह जंगल गया, वहॉं सिंह ने इसका वध किया । पश्चात् ऋक्षराज जांबवत् ने वह मणि इसके मृतदेह से निकाल कर प्राप्त की
[पद्म. सृ.१३] ;
[भा.९.२४.१३,१०.५६.१३] ;
[दे. भा. माहात्म्य.२] । पद्म में प्राप्त कथा में सिंह का वृत्तांत नहीं है, उसमें जांबवत द्वारा प्रसेन के वध की कथा वर्णित है ।
प्रसेन II. n. कर्ण का पुत्र, जिसका सात्यकि द्वारा वध हुआ
[म.क.६०.४] । वध के पूर्व केकय सेनापति उग्रकर्मन् से इसका युद्ध हुआ था । पाठभेद (भांडारक्र संहिता)---‘सुपेण’।