बिन्दुमती n. (स्वा.प्रिय.) ऋषभदेव के वंश में उत्पन्न मरीचि राजा की पत्नी । इसके पुत्र का नाम बिन्दुमत था ।
बिन्दुमती II. n. सोमवंशीय शशबिन्दु राजा की ज्येष्ठ कन्या, जो युवनाश्वपुत्र मांधाता की पत्नी थी । इसे ‘चैत्ररथी’ नामान्तर भी प्राप्त है । मांधाता राजा से इसे अंबरीष, पुरुकुत्स एवं मुचकुंद नामक तीन पुत्र उत्पन्न हुए
[वायु.८८.७२] ;
[ब्रह्मांड ३.६३.७०] ।
बिन्दुमती III. n. मदनपत्नी रति के अश्रु बिंदुओं से उत्पन्न एक कन्या, जिसे ‘अश्रुबिन्दुमती’ नामान्तर भी प्राप्त है । मदन का पुनर्जन्म होने के पश्चात् रति के ऑखों में आनंदाश्रु झरने लगे । उनमें से दाये ऑंख से टपके हुए अश्रुओं से इसका जन्म हुआ । बडी होने पर इसका विवाह पूरुवंशीय ययाति राजा से हुआ । गर्भवती होने पर, पृथ्वी के सारे लोकों में प्रवास करने की इसे इच्छा हुयी । फिर ययाति ने सारा राज्यभार अपना पुत्र पूरु पर सौंप कर, वह इसे पृथ्वीप्रदक्षिणार्थ ले गया
[पद्म. भू. ७७-८२] । किन्तु ययाति से उत्पन्न इसके पुत्र का नाम क्या था, इसका निर्देश अप्राप्य है ।