मग n. शाक्द्वीप में रहनेवाले वेदवेत्ता ब्राह्मण का एक समूह । महाभारत मेम इनके नाम लिए ‘मङ्ग’ पाठभेद प्राप्त है
[म.भी.१२.३४] । कृष्णपुत्र सांब ने अपनी उत्तर आयु में सूर्य की कठोर तपस्या की, जिस कारण प्रसन्न हो कर भगवान् सूर्यनारायण ने अपनी तेजोमये प्रतिमा उसे पूजा के लिए प्रदान की । उस मूर्ति की प्रतिष्ठापना के लिए, सां ब ने चन्द्रभागा नदी के तट पर एक अत्यधिक सुंदर मंदिर बनवाया । भगवान् सूर्यनारायण के पूजापाठ के लिए सांब ने शाकद्वीप में रहनेवाले मग नामक ब्राह्मणों को बडे ही सम्मान के साथ बुअलाया । सांब के इस आमंत्रन के कारण, मग ब्राह्मणों के अठारह कुल चंद्रभागा नदी के तट पर उपस्थि हुये, एवं वहीं रहने लगे
[भवि.ब्राह्म.११७] ;
[सांब.२६] । भविष्य में इनके नाम के लिए ‘भ्रग’ पाठभेद प्राप्त है । किन्तु वह सुयोग्य प्रतीत नही होता है ।‘मग जाति के ब्राह्मण भारत में आज भी विद्यमान है ।