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मृश् 1. (often confounded with √ 1.मृष्) cl. 6. P. ( [Dhātup. xxviii, 131] ) मृश॑ति (rarely, [A.] °ते; pf. P. ममर्श, ममृशुः, [MBh.] ; मामृशुः, [RV.] ; Ā. ममृशे, [Br.] ; aor. अ॑मृक्षत्, [RV.] &c.; अमार्क्षीत् or अम्राक्षीत्Gr. ; fut. मर्ष्टा, म्रष्टा, ib.; मर्क्ष्तति, म्रक्ष्यति, ib.; inf. मर्ष्टुम्, [MBh.] &c.; -मृ॑शे, [RV.] ; ind.p. -मृश्य, ib.; -मर्शम्, [Br.] ), to touch, stroke, handle, [AV.] ; to touch mentally, consider, reflect, deliberate, [BhP.] : Intens. , मर्मृशत् (See अभि-√ मृश्), [RV.] ; मरीमृश्यते (?), to seize, grasp, [ŚBr.] मृश् [ cf. Lat. mulceo.] मृश् 2. ( ifc. ) one who strokes or touches, [MW.]
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