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मेधातिथि

   { medhātithi }
Script: Devanagari

मेधातिथि     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
MEDHĀTITHI I   Grandson of Svāyambhuva Manu. Svāyambhuva Manu had two sons named Priyavrata and Uttānapāda. Of these Priyavrata married Sarūpā and Barhiṣmatī, daughters of Viśvakarmaprajāpati. Medhātithi was the son born to Priyavrata of Sarūpā. Agnīdhra, and others were the brothers of Medhātithi. Medhātithi became the King of Plakṣadvīpa after the death of Priyavrata. [8th Skandha, Devī Bhāgavata] . Medhātithi got seven sons named Śāntahaya, Śiśira, Sukhodaya, Ānanda, Śiva. Kṣemaka and Dhruva. They all became Kings of Plakṣadvīpa. The countries they ruled were named after them as Śāntahayavarṣa, Śiśiravarṣa, Sukhodayavarṣa, Ānandavarṣa, Śivavarṣa, Kṣemakavarṣa and Dhruvavarṣa. There are seven mountains showing the boundaries of these states and they are called Gomeda, Cāndra, Nārada, Dundubhi, Somaka, Sumana and Vaibhrāja. In these beautiful countries and grand mountains live a great many Devas, Gandharvas and virtuous men. [Chapter 4, Aṁśa 2, Viṣṇu Purāṇa] .
MEDHĀTITHI II   A Rajarṣi of the Pūru dynasty. Genealogy. Pūru--Janamejaya Prācīnvān--Manasyu-- Vītabhaya--Śuṇḍu--Bahuvidha--Saṁyāti--Rahovādī-- Bhadrāśva-- Matināra-- Pratiratha-- Kaṇva--Medhātithi. This Medhātithi got two sons named Duṣyanta and Pravīra. It was this Duṣyanta who married Śakuntalā. [Chapter 278, Agni Purāṇa] . Medhātithi was a celebrated sage of Bhārata. The maharṣi referred to in Śūkta 12, Anuvāka 4, Maṇḍala 1 of Ṛgveda is Medhātithi son of Kaṇva. Once Indra coming in the form of a goat drank the soma of Medhātithi and the latter called him ‘goat’ (Meṣa) and thenceforth Indra got the name Meṣa. [Sūkta 51, Anuvāka 10, Maṇḍala 1, Ṛgveda] . We get the following details about Medhātithi from the Mahābhārata.
(1) He was a King in the court of Indra.
(2) Medhātithi had a son named Kaṇvamuni who was popular on the east coast of Bhārata. [Śloka 23, Chapter 107, Śānti Parva] .
(3) Medhātithi observed Vānaprastha and attained Svarga. [Śloka 7, Chapter 336, Śānti Parva] .
(4) Medhātithi was considered to be a sage deserving worship and when he went to see Bhīṣma once Dharmaputra received him with respect and worshipped him. [Śloka 3, Chapter 26, Anuśāsana Parva] .
MEDHĀTITHI III   A river. This river is the place of birth of Agni. [Śloka 23, Chapter 222, Vana Parva] .
MEDHĀTITHI IV   A sage who was the father of Arundhatī, wife of Vasiṣṭha. This Medhātithi who was living in an āśrama on the banks of the river Candrabhāgā performed a Jyotiṣṭoma yajña. [Kālikā Purāṇa] .

मेधातिथि     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
noun  एक पौराणिक ऋषि   Ex. अरुन्धती मेधातिथि की पुत्री थी जो उन्हें यज्ञ से प्राप्त हुई थी ।
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
मेधातिथि ऋषि
Wordnet:
benমেধাতিথি ঋষি
gujમેધાતિથિ
kasمیدھاتِتھی , میدھاتِتھی ریش
kokमेधातिथी
marमेधातिथी
oriମେଧାତିଥି ଋଷି
panਮੇਧਾਤਿਥੀ
sanमेधातिथिः
urdمیدھاتِتھی , میدھاتِتھی رشی

मेधातिथि     

मेधातिथि n.  (स्वा.प्रिय.) शाकद्वीप का एक सुविख्यात राजा, जों प्रियवत एवं बर्हिष्मती के पुत्रों में से एक था । इसे निम्नलिखित सात पुत्र थेः
मेधातिथि (काण्व) n.  एक वैदिक सूक्तद्रष्टा [ऋ.१.१२.२३, ८.१.३-२९, २.४१-४२, ९२] । ऋग्वेद में अन्यत्र इसका निर्देश ‘मेध्यातिथि काण्व’ नाम से प्राप्त है [ऋ.१.३६.१०] । इसने स्वयं को ‘काण्व मेधातिथि’ कहलाया है [ऋ.८.२०.४०]
मेधातिथि (काण्व) n.  यह कण्व का वंशज, एवं प्रसिद्ध वैदिक ऋषि था । ऋग्वेद के अनुसार, इन्द्र इसके पास एक मेष के रुप में आया था [ऋ.८.२.४०] । यही पुराण कथा सुविख्यात ‘सुब्रह्मण्य मंत्र’ में भी निहित है, जिसमें इन्द्र को ‘मेधातिथि का मेष’ कहा गया है, एवं जिसका पाठन यज्ञमंडप में सोम को ले आते समय पुरोहित करते है [जै.ब्रा.२.७९] ;[श.ब्रा.३.३.४.१८] । पंचविंश ब्राह्मण में, इसके एवं वत्स ऋषि के दरम्यान हुए वादसंवाद का निर्देश प्राप्त है, जहॉं इसने उसे हीनकुलत्व का लाच्छन लगाया था । किन्तु वत्स ने अग्निपरीक्षा के द्वारा, अपने कुल की श्रेष्ठता साबित की थी [पं.ब्रा.१४.६.६] । यह विभिन्दुकियों के यज्ञ का बृहस्पति था, जिन्होने इसे विपुल गायें प्रदान की थी [जै.ब्रा.३.२३३] । आसंग राजा ने भी इसे विपुल धन प्रदान किया था । अतः इसने उसकी स्तुति की थी [ऋ.८.२.४१-४२] । अथर्ववेद में इसका उल्लेख अनेक ऋषियों के साथ प्राप्त हैं [अ.वे.४.२९.६]
मेधातिथि (काण्व) n.  आंगिरस गोत्र के लोगों में से ‘काण्व’ अथवा ‘काण्वायन’ गोत्र के आदिपुरुष मेधातिथि, एवं इसके पिता कण्व माने जाते है । वायु,मत्स्य, विष्णु एवं गरुड के अनुसार, सुविख्यात पौरव राजा अजमीढ को कण्वनामक एक पुत्र था, जिसका पुत्र मेधातिथि था । आगे चल कर, इसी मेधातिथि से काण्वायन ब्राह्मण उत्पन्न हुए [मत्स्य.४९.४६-४७] ;[वायु.९९.१६९-१७०] । इसी ‘काण्वायन’ गोत्र में निम्नलिखित वैदिक सूक्तद्रष्ट आचार्य उत्पन्न हुए थेः---प्रगाथ काण्व [ऋ.८.६५.१२ बृहद्दे.६.३५-३९] ; पृषध्र काण्व, जो दस्यवेवृक का समकालीन था [ऋ.८.५६.१-२] ; देवातिथि काण्व [ऋ.८.४.१७] ; वत्स काण्व [ऋ.८.६.४७] ; सध्वंस काण्व [ऋ.८.८.४]
मेधातिथि II. n.  एक ऋषि, जो वसिष्ठ की अरुन्धती नामक पत्नी का पिता था । इसका आश्रम चन्द्रभागा नदी के तट पर था । इसने ज्योतिष्टोम नामक यज्ञ किया था [कालि.२२]
मेधातिथि III. n.  वैवस्वत मन्वन्तर का सत्रहवॉं व्यास ।
मेधातिथि IV. n.  एक प्राचीन महर्षि, जिसका पिता कण्व पूरब के सप्तर्षियों में से एक था [म.शां.२०१.२६] । महाभारत के अनुसार, यह एक दिव्य महर्षि था, एवं इसने वानप्रस्थाश्रम का स्वीकार कर, स्वर्ग-प्राति की थी [म.शां.२३६.१५] । उपरिचर वसु राजा यज्ञ का यह एक सदस्य था [म.शां.३२३.७] । यह इंद्रसभा का भी सदस्य था [म.स.७.१५] । शरशय्या पर पडे हुए भीष्म से यह मिलने के लिये आया था, एवं युधिष्ठिर के द्वारा यह पूजित हुआ था [म.अनु.२६.३-९]
मेधातिथि V. n.  सुमेधस् देवों में से एक ।
मेधातिथि VI. n.  एक ऋषि, जो परिक्षित राजा की मृत्यु के समय उपस्थित था [भा.१.१९.१००] |
मेधातिथि VII. n.  दक्षसावर्णि मन्वन्तर के सप्तर्षियों में से एक ।

मेधातिथि     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
मेधातिथि  m. am.N. of a काण्व (author of [RV. 1, 12-23, viii, 1 &c.] ), [RV. viii, 8, 20]
of the father of कण्व, [MBh.] ; [R.]
of a son of मनुस्वायम्भुव, [Hariv.]
of one of the 7 sages under मनुसावर्ण, ib.
of a son of प्रिय-व्रत, [Pur.]
भट्ट   (also with ) of a lawyer and commentator on the मानव-धर्म-शास्त्र, [Kull.] on [Mn. ix, 525] ([IW. 303] )
of a river, [MBh.]
a parrot, [L.]
मेधा°तिथि   b See under मेध.

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