Dictionaries | References

राहु

   { rāhuḥ, rāhu }
Script: Devanagari
See also:  राहू , राहो

राहु     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
RĀHU   An Asura.
1) Birth.
Son of Kaśyapaprajāpati by his wife Siṁhikā. [Ādi Parva. Chapter 65, Verse 31] .
2) Rāhu and the Solar eclipse.
The oldest story about Rāhu is that about the solar eclipse. (See under Candra IV, Para 4).
3) Other information.
(i) Rāhu is a member of Brahmā's court. [Sabhā Parva Chapter 11, Verse 29] .
(ii) Sañjaya once spoke to Dhṛtarāṣṭra about Rāhu. [Bhīṣma Parva, Chapter 12, Verse 40] .
(iii) Rāhu exists 10,000 yojanas below the Sun. [Bhāgavata, 5th Skandha] .
(iv) Rāhu is installed in temples as wearing a half-moon on his head. [Agni Purāṇa, Chapter 51] .

राहु     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
noun  शास्त्रों में वर्णित नौ ग्रहों में से एक   Ex. आपके बेटे की जन्म कुंडली में राहु सातवें घर में है ।
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
धूम ग्रह सैंहिकेय तम स्वर्भानु विधुन्तुद नभाक तमोगु तमोमय तमा अहि
Wordnet:
benরাহু
gujરાહુ
kanರಾಹು
kokराहू
malരാഹു
marराहू
oriରାହୁ
panਰਾਹੂ
sanराहुः
tamராகு
telరాహువు
urdراہو , دھوم سیارہ , تم , تمومیہ , تما

राहु     

राहु n.  एक दानव, जो अष्टग्रहों में से एक पापग्रह माना जाता है । सूर्य को ग्रसित करनेवाल दानव के रूप में इसका निर्देश अथर्ववेद में प्राप्त है [अ. वे. १९.९-१०] । पुराणों में इसे कश्यप एवं दनु का पुत्र बताया गया है । अन्य ग्रंथों में से इसे कश्यप एवं सिंहिका का पुत्र कहा गया है [म. आ. ५९.३०] ;[विष्णुधर्म. १.१०६] ;[पद्म. सृ. ४०] । भागवत एवं ब्रह्मांड में इसे विप्रचित्ति एवं सिंहिका का पुत्र कहा गया है [भा. ६.६.३७, १८.१३] ;[ब्रह्मांड.३.६.१८.२०] । स्वर्भानु नामक एक आसुर प्राणिका निर्देश ऋग्वेद में प्राप्त है, जिसे सूर्य के प्रकाश को रोंकनेवाला माना गया है [ऋ. ५.४०] ; स्वर्भानु देखिये । बैदिक साहित्य में निर्दिष्ट स्वर्भानु का स्थान ही वैदिकोत्तर पुराणकथाशास्त्र में राहु के द्वारा लिया गया है, जिस कारण इसे ‘चंद्रार्कप्रंदन’ (चंद्र एवं सूर्य को जीतनेवाला) कहा गया है [भा. ५.२३.७] । कई पुराणों में इसका नामान्तर स्वर्भानु बताया गया है [ब्रह्मांड. ३.६.२३] । शिशुमार चक्र के गले में इसका निवासस्थान था ।
राहु n.  समुद्रमंथन के उपरान्त देव-गण अमृतपान करने लगा, जब यह दानव भी प्रच्छन्न रूप धारण कर अमृतपान में शामिल हुआ । अमृत इसके गलें तक ही पहुँच पाया था कि, सूर्यचंद्र ने यह दैत्य होने की सूचना विष्णु को दी । विष्णु ने तत्काल इसका शिरच्छेद किया, जिससे इसका सिर बदन से अलग हो कर धरती पर जा गिरा [म. आ. १७.४.६] । पश्वात् इसके सिर से केतु का निर्माण हुआ. एवं यह सिरविरहित अवस्था में घूमने लगा । तदोपरान्त विष्णु की डर से ये दोनों भाग गयें । किन्तु सूर्य एवं चंद्रमा के प्रति राहु-केतुका द्वेष कम न हुआ । इसी कारण, ये आज भी उन्हे ग्रासते रहते हैं, जिसे क्रमश: सूर्यग्रहण एवं चंद्रग्रहण कहते हैं [पद्म. ब्र. १०] । राहु ग्रह का आकार वृत्ताकार माना जाता है । इसका व्यास बारह हजार योजन, तथा दायरा बयालिस हजार योजन है । जिस समय शंकर एवं जालंधर का युद्ध था, उस समय यह जालंधर की ओर से राजदूत बन कर शंकर के पास गया था [पद्म. उ. १०] । किन्तु वहाँ शंकर की क्रोधाग्नी से डर कर यह भाग गया [पद्म. उ. १९] । इस पापग्रह के प्रभाव की जानकारी संजय ने धृतराष्ट्र को बताई थी [म. स. १३.३९-४१] । ब्रह्मा की सभा में उपस्थित ग्रहों में भी इसका नाम प्राप्त है । इसकी कन्या का नाम सुप्रभा था [पद्म. सृ. ६] . जिसे भागवत में स्वर्भानुपुत्री कहा गया है । कई अन्य पुराणों में इसकी कन्या का नाम प्रभा दिया गया है [ब्रह्मांड. ३.६२३] ;[विष्णु. १.२१]

राहु     

A dictionary, Marathi and English | Marathi  English
the ninth. To them are ascribed the eclipses of the sun and moon. राहुकेतु मागें लागणें or राहूसारखा मागें लागणें-येणें -पाठ घेणें &c. To press upon and worry greatly.

राहु     

Aryabhushan School Dictionary | Marathi  English
 m  The ascending node. A दैत्य.

राहु     

 पु. 
एक उपग्रह ; नवग्रहांतील आठवा ग्रह .
ज्याचे शिर विष्णूने धडापासून वेगळे केले असा एक दैत्य . ह्याचे डोके तो राहुग्रह व धड केतु ग्रह झाला . यांच्यामुळे सूर्यचंद्रांस ग्रहणे लागतात असे म्हणतात .
( ज्यो . ) भूमिच्छाया ; वरचा पातबिंदु . [ सं . ] ( वाप्र . ) राहूकेतु मागे लागणे , राहूसारखा मागे लागणे - येणे - पाठ घेणे - खनपटीस बसणे , अतिशय सतावणे ; एखाद्याच्या मागे लागून त्याला ग्रासण्यास पहाणे . सामाशब्द -
०ग्रस्त वि.  राहूने ग्रस्त केलेला ; ग्रहण लागलेला ( सूर्य , चंद्र ). [ सं . ]
०ग्रास  पु. ग्रहणामुळे होणारा सूर्य - चंद्राचा अस्त . [ सं . ]
०पर्व  न. ज्या दिवशी ग्रहण लागते तो दिवस , पर्वकाल . [ सं . ]
०मेळ  पु. ग्रहण ; राहूचा संयोग . तेथ रविचंद्र राहुमेळु । होतां पाहे पुण्यकाळु । - ज्ञा १७ . २७२ . [ प्रा . ]
०संताप  पु. ज्याप्रमाणे भूमध्यवृत्त आणि क्रांतिवृत्त ही एकमेकांस २३॥ अंशांचा कोन करुन छेदितात , त्याप्रमाणे चंद्राची कक्षा व क्रांतिवृत्त ही एकमेकांस ५ अंशाचा कोन करुन छेदितात . ती ज्या दोन बिंदूंतून छेदितात त्यापैकी एकाला राहुसंपात म्हणतात . - सृष्टि ११३ . [ सं . ]

राहु     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
राहु  m. m. (fr.रभ्; cf.ग्रह and √ ग्रह्) ‘the Seizer’, N. of a दैत्य or demon who is supposed to seize the sun and moon and thus cause eclipses (he is fabled as a son of विप्र-चित्ति and सिंहिका and as having a dragon's tail; when the gods had churned the ocean for the अमृत or nectar of immortality, he disguised himself like one of them and drank a portion; but the Sun and Moon revealed the fraud to विष्णु, who cut off राहु's head, which thereupon became fixed in the stellar sphere, and having become immortal through drinking the अमृत, has ever since wreaked its vengeance on the Sun and Moon by occasionally swallowing them; while at the same time the tail of the demon became केतु [q.v.] and gave birth to a numerous progeny of comets and fiery meteors; in astron.राहु is variously regarded as a dragon's head, as the ascending node of the moon [or point where the moon intersects the ecliptic in passing northwards], as one of the planets [cf.ग्रह], and as the regent of the south-west quarter [[Laghuj.] ] ; among Buddhists many demons are called राहु), [AV.] &c. &c.
an eclipse or (rather) the moment of the beginning of an occultation or obscuration, [VarBṛS.]

राहु     

राहुः [rāhuḥ]   [रह्-उण् [Uṇ.1.3] ]
 N. N. of a demon, son of Viprachitti and Siṁhikā and hence often called Saiṁhikeya; ग्रसते हि तमोपहं मुहुर्ननु राह्वाह्वमहर्पतिं तमः [Śi.16.57;] विधुरपि विधियोगाद् ग्रस्यते राहुणासौ H. [When the nectar, that was churned out of the ocean, was being served to the gods, Rāhu disguised himself and attempted to drink it along with them. But he was detected by the sun and the moon who informed Viṣṇu of the fraud. Visnu, thereupon, severed his head from the body; but as he had tasted a little quantity of nectar the head became immortal, and is supposed to wreak its vengeance on the sun and moon at the time of conjunction and opposition; cf. [Bh.2.34.] In astronomy Rāhu is regarded, like Ketu, as one of the nine planets, or only as the ascending node of the moon.]
An eclipse, or rather the moment of occultation.
Abandoning.
One who abandons.
The regent of the southwest quarter. -Comp.
-उच्छिष्टम्, -उत्सृष्टम् = लशुन   q. v.
-गतः a.  a. darkened, eclipsed; also राहुग्रस्त.
-ग्रसनम्, -ग्रासः, -दर्शनम्, -पीडा, -संस्पर्शः   an eclipse (of the sun or moon).
-छत्रम्   green ginger.
-पीडा   an eclipse.
-भेदिन्  m. m. N. of Viṣṇu.
-रत्नम्   a kind of gem (= गोमेद).
-शत्रुः   the moon; राहुशत्रोः प्रियां पत्नीं ...... ग्रहेणाभ्युदितेनैकां रोहिणीमिव पीडिताम् [Rām.2.114.3.]
-सूतकम्   'the birth of Rāhu',i. e. an eclipse (of the sun or moon); [Y.1.146;] cf. [Ms.4.11.]
-हन्  m. m. N. of Kriṣṇa; L. D. B.

राहु     

Shabda-Sagara | Sanskrit  English
राहु  m.  (-हुः) The ascending node; in mythology, the son of VIPRACHITTI by SINHIKĀ, a Daitya, with the tail of a dragon, whose head was severed from his body by VISHṆU, on the information of the sun and the moon who caught him in the act of drinking Amrita which was being served to gods, but being immortal by tasting it, his head and tail retained their separate existence, and being transferred [Page605-a+ 60] to the stellar sphere, became the authors of eclipses; the first especially, by endeavouring at various times to swallow the sun and the moon to wreak his vengeance.
E. रह् to abandon, (the planets which it has vainly attempted to devour,) aff. उण्, and the vowel made long.
ROOTS:
रह् उण्

Related Words

राहु   রাহু   ରାହୁ   રાહુ   ਰਾਹੂ   राहुः   ராகு   రాహువు   ರಾಹು   രാഹു   राहू   rahu   धूम ग्रह   तमोगु   सिंहिकापुत्र   सिंहिकासुत   ध्रुवराहु   अर्करिपु   स्वर्भाणु   राहवीय   राहूपसर्ग   चन्द्रारि   ascending node   सिंहिकेय   शशाङ्कशत्रु   स्वर्भानुसूदन   दानवपति   राहुगत   राहुहन्   सराहु   शिरोमात्रावशेष   अर्कशशिशत्रु   धूमग्रह   नऊ ग्रह   चन्द्रार्कमर्दन   महाग्रह   शिरःशेष   शीर्षावशेषीकृत   विप्रचित्   राहुग्रस्त   कर्मचण्डाल   अभ्रपिशाचक   कुग्रह   केतुरत्न   ग्रसनु   सिंहिकातनय   हिरङ्गु   राहवि   राहुग्राह   राहुभेदिन्   राहुमूर्द्धभिद्   राहुसंस्पर्श   राहूच्छिष्ट   राहूत्सृष्ट   मुखशेष   चन्द्रप्रमर्दन   तिमिरमय   मननाय   ग्रसना   ग्रहकल्लोल   ग्रहपीडन   विधुन्तुद   सूर्यग्रह   भरणीभू   राहुग्रास   सग्रह   संछर्दन   उपग्रस्   अभ्रपिशाच   सुरद्विष्   मुष्टिघात   जळपणें   अगु   विधुंतुद   राहुकेतु मागें लागणें   राहूसारखा पाठ घेणें   राहूसारखा मागें येणें   राहूसारखा मागें लागणें   भुजंगम   मलयज   उपरक्त   गिलित   खण्डपर्शु   कृष्णवर्त्मन्   सैंहिक   पापग्रह   देवताड   सैंहिकेय   नवग्रह   सिंही   स्वर्भानु   दुर्ग्रह   मिळणीं मिळणें   मेघहास   दैतेय   तमोमय   मरुवक   उपग्रह   अंतर्दशा   उपप्लुत   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP