विचित्रवीर्य n. (सो. पुरु.) एक राजा, जो शंतनु एवं सत्यवती से उत्पन्न दो पुत्रों में कनिष्ठ पुत्र था । इसके ज्येष्ठ भाई का नाम चित्रगंद था । गंधर्व युद्ध में इसके ज्येष्ठ बन्धु चित्रांगद की मृत्यु हो गयी, जिस कारण कनिष्ठ होते हुए भी भीष्म ने इसे राजगद्दी पर बैठाया
[म. आ. ९५.१३] । यह भीष्म की आज्ञा से ही राज्यशासन करता था ।
विचित्रवीर्य n. भीष्म ने काशिराज की कन्याएँ अंबा, अंबिका एवं अंबालिका को स्वयंवर में जीत लिया, एवं उनका विवाह इससे करना चाहा। किन्तु उनमें से अंबा ने इससे विवाह करने से इन्कार कर दिया। इसी कारण, भीष्म ने अंबिका एवं अंबालिका से इसका विवाह करा दिया। असंयमपूर्ण जीवन के कारण, यहा राजयक्ष्मा का शिकार बन गया, एवं अल्पवय में ही अनपत्य अवस्था में इसकी मृत्यु हुई
[म. आ. ९६.५७-५८] । इसकी मृत्यु के पश्र्चात्, भीष्म ने इसकी पत्नीयाँ अंबिका एवं अंबालिका को नियोग-पद्धति से संतति उत्पन्न करने की आज्ञा दी। तदनुसार, कृष्णद्वैपायन व्यास से अंबिका एवं अंबालिका को क्रमशः धृतराष्ट्र एवं पाण्डु नाम पुत्र उत्पन्न हुए। अंबिका की दासी से विदुर उत्पन्न हुआ
[म. आ. ९०.६०] ।
विचित्रवीर्य II. n. एक शिवभक्त, जो शिव की उपासना के कारण जीवन्मुक्त हुआ था
[स्कंद. १.३३] ।