विदूरथ n. (सो. यदु. क्रोष्टु. ) एक यादव राजा, जो भजमान राजा का पुत्र था
[ब्रह्मांड. ३.७१.१३६] ।
विदूरथ II. n. (सो. यदु. वृष्णि.) एक यादव राजा, जो चित्ररथ राजा का पुत्र था । इसके पुत्र का नाम शूर था
[भा. ९.२४.१८] ।
विदूरथ III. n. (सो. यदु. वृष्णि.) एक वृष्णिवंशीय क्षत्रिय, जो वृद्धशर्मन् एवं वसुदेवभगिनी श्रुतदेवा का पुत्र था । इसके भाई का नाम दन्तवक्र था । यह रुक्मिणी तथा द्रौपदी के स्वयंवर में उपस्थित था
[म. आ. १८६] । यह शिशुपाल, शाल्व, जरासंध आदि का मित्र था, एवं जरासंध ने मथुरा नगरी के पूर्वद्वार का संरक्षण करने के लिए इसकी नियुक्ति की थी । इसका भाई दन्तवक्र तथा शाल्व, शिशुपाल आदि का श्रीकृष्ण के द्वारा वध होने के पश्र्चात्, उनकी मृत्यु का बदला लेने के लिए इसने कृष्ण पर आक्रमण किया। किन्तु उसने इसका मस्तक काट कर इसका वध किया
[भा. १०.७८.११-१२] ।
विदूरथ IV. n. (सो. क्रोष्टु.) एक यादव राजा, जो लोमपादवंशीय विधृति राजा का पुत्र था । इसे ‘उदर्क’ एवं ‘दाशार्ह’ नामान्तर प्राप्त थे
[अग्नि. २७५.१९-२०] । पद्म, एवं मत्स्य में इसे निर्वृति राजा का पुत्र कहा गया है, एवं दशाई राजा का पिता कहा गया है
[पद्म. सृ. १३] ;
[मत्स्य. ४४.४०] ।
विदूरथ IX. n. एक राजा, जो भलंदन ऋषि का मित्र था । इसके सुनीति एवं सुमति नामक दो पुत्र, एवं मुदावती नामक एक कन्या थी ।
विदूरथ IX. n. एक बार यह जंगल में मृगया के हेतु गया था, जहाँ इसने बहुत बडी दरार देखी, जो कुजृंभ राक्षस की जमुहाई से भूमि पर पड़ी हुई दरारों में से एक थी । वहाँ पास ही बैठे हुए सुव्रत मुनि ने इसे बताया, ‘कुजृंभ राक्षस के पास एक दैवी मूसल है, जिसके कारण वह अजेय बन कर पृथ्वी के सारे लोगों त्रस्त कर रहा है’। आगे चल कर कुजृंभ ने इसकी कन्या मुदावती का हरण किया, एवं उसका वध करने गये सुनीति एवं सुमति नामक इसके दोनों पुत्रों को कैद किया। फिर इसके मित्र भलंदन ऋषि के पुत्र वत्सप्रि ने कुजृंभ का वध किया, एवं मुदावती की मुक्तता कर उससे विवाह किया
[मार्क. ११३] ।
विदूरथ V. n. सावर्णि मनु के पुत्रों में से एक
[ब्रह्मांड. ४.१.९४] ।
विदूरथ VI. n. (सो. पुरू.) एक राजा, जो सुरथ राजा का पुत्र एवं सार्वभौम राज का पिता था
[भा. ९.२२.१०] ।
विदूरथ VII. n. चंपक नगरी के हंसध्वज राजा का भाई।
विदूरथ VIII. n. दक्षिण भारत का एक राजा, जिसने अपनी कन्या दिष्टवंशीय राज्यवर्धन राजा को विवाह में प्रदान की थी ।