Dictionaries | References स सुवर्चस् { suvarcas } Script: Devanagari Meaning Related Words Rate this meaning Thank you! 👍 सुवर्चस् Puranic Encyclopaedia | English English | | SUVARCAS I One of the hundred sons of Dhṛtarāṣṭra. He was killed by Bhīma in the great war. [Karṇa Parva Chapter 84, Verse 5] .SUVARCAS II Son of Suketu. Both the father and the son attended the wedding of Draupadī. [Ādi Parva, Chapter 185, Verse 9] .SUVARCAS III A son of Tapa, the Pāñcajanyāgni. [Ādi Parva, Chapter 185, Verse 9] .SUVARCAS IV A very truthful Sage who lived in ancient India. Dyumatsena father of Satyavān lived in the āśrama of this sage. He consoled Dyumatsena when Satyavān and Sāvitrī who had gone out to collect firewood were very late to return. [Vana Parva, Chapter 298, Verse 10] .SUVARCAS IX Wife of sage Dadhīci. At the request of Indra, the maharṣi sacrificed himself so that the former might use his bones. Suvarcas who hated the Devas especially Indra as the cause of her husband's death cursed Indra that he and his dynasty be ruined. She decided to end her life in the pyre of her husband when the following celestial voice was heard: “You are pregnant.” Then she opened her stomach with a sharp stone, took out the foetus and placed it near a Banyan tree and ended her life in her husband's pyre. [Padma Purāṇa, Uttara Khaṇḍa, 135] ; Śivaśataka, 24-25. The child born from the foetus is the famcus Pippalāda. (See under Pirpalāda). SUVARCAS V A son of Garuḍa. [Udyoga Parva, Chapter 101, Verse 2] .SUVARCAS VI A soldier who fought on the Kaurava side and got killed by Abhimanyu in the great war. [Droṇa Parva, Chapter 48, Verse 15] .SUVARCAS VII One of the two attendants given to Subrahmaṇya by Himavān, the other one being Ativarcas. [Śalya Parva, Chapter 45, Verse 46] .SUVARCAS VIII A son of the king Khanīnetra. He is known as Karandhama as well. (See under Karandhama). Rate this meaning Thank you! 👍 सुवर्चस् प्राचीन चरित्रकोश | Hindi Hindi | | सुवर्चस् n. दवीचि ऋषि की पत्नी। इसके पति दधीचि ऋषि की अस्थियों को इंद्र ने इसे धोखा दे कर प्राप्त की (दधीचि देखिये) देवताओं का, विशेषतः इंद्र का यह स्वार्थी कृत्य देख कर इसने उन्हें पशु बनने का एवं उनका निर्वेश होने का शाप दिया । पश्चात् यह अपने पति के साथ सती होने के लिए प्रवृत्त हुई। उसी समय आकाशवाणी से इसे ज्ञात हुआ कि, यह गर्भवती है । यह सुन कर इसने पत्थर से अपना उदर विदीर्ण कर गर्भ बाहर निकाला, एवं उसे एक पीपलवृक्ष के पास रख कर, यह पति के मृत देह के साथ सती हो गयी [पद्म. उ. १५५] ;[शिव. शत. २४-२५] । इसके गर्भ से उत्पन्न हुआ दधीचि ऋषि का पुत्र, आगे चल कर पिप्पलाद नाम से सुविख्यात हुआ (पिप्पलाद १. देखिये) ।सुवर्चस् (वसिष्ठ) n. एक ऋषि, जो कुरुवंशीय सम्राट् संवरण का पुरोहित था [म. आ. ७९.३६] ।सुवर्चस् II. n. (सू. निमि.) एक राजा, जो वायु के अनुसार स्वागत राजा का पुत्र था ।सुवर्चस् III. n. (सू. दिष्ट.) दिष्टवंशीय करंधम राजा का नामान्तर (करंधम २. देखिये) ।सुवर्चस् IV. n. (सो. कुरु.) धृतराष्ट्र का एक पुत्र, जो भारतीय युद्ध में भीमसेन के द्वारा मारा गया [म. क. ६२.५] ।सुवर्चस् IX. n. एक ऋषि, जो भूति ऋषि का भाई था । एक बार इसने एक यज्ञ का आयोजन किया, जिसके लिए इसने बड़े सन्मान से भूति ऋषि को निमंत्रण दिया था [मार्क. ९६] ।सुवर्चस् V. n. कौरवपक्ष का एक योद्धा, जो भारतीय युद्ध में अभिमन्यु के द्वारा मारा गया [म. द्रो. ४७.१५] ।सुवर्चस् VI. n. ब्रह्मसावर्णि मनु का एक पुत्र ।सुवर्चस् VII. n. सुद्रसावर्णि मनु का एक पुत्र ।सुवर्चस् VIII. n. एक राजा, जो ऐक्ष्वाकव मरु नामक राजा का पुत्र माना गया है । पौराणिक साहित्य के अनुसार, कलियुग में पृथ्वी के समस्त क्षत्रिय लोग विनष्ट होनेवाले है, एवं विद्यमान क्षत्रियकुलों में से पौरव, देवापि एवं ऐक्ष्वाकव मरु नामक केवल तीन ही वंश इस संहार से बचने वाले है । ये तीनों क्षत्रिय लोग अपने योगसामर्थ्य के कारण कलियुग के अंत तक क्षत्रिय राजा रहेंगे । इनमें से ऐक्ष्वाकव मरु को उन्नीसवें युगचक्र के प्रारंभ में वर्चस् नामक पुत्र उत्पन्न होनेवाला है, जो आगे चल कर समस्त क्षत्रियकुलों का उद्धार करेगा [ब्रह्मांड. ३.७४.२५१] । अन्य पुराणों में देवापि के पुत्र का नाम सपौल अथवा सत्य दिया गया है [वायु. ९९.४३८] ;[मत्स्य. २७३.५६-५८] ।सुवर्चस् X. n. ०. एक राजा, जो सुकेति राजा का पुत्र, एवं सुनामन् राजा का भाई था । अपने भाई एवं पिता के साथ यह द्रौपदीस्वयंवर में उपस्थित था [म. आ. १७७.९] ।सुवर्चस् XI. n. १. एक अग्नि, जो पांचजन्य नामक अग्नि का पुत्र था [म. व. २१०.१३] ।सुवर्चस् XII. n. २. एक ऋषि, जिसने सत्यवान् एवं सावित्री के विरहदुःख से व्याकुल हुए द्युमत्सेन राजा को सांत्वना प्रदान की थी [म. व. २८२.१०] ।सुवर्चस् XIII. n. ३. गरुड का एक पुत्र ।सुवर्चस् XIV. n. ४. हिमवत् के द्वारा स्कंद को दिये गये दो पार्षदों में से एक । दूसरे पार्षद का नाम अतिवर्चस् था [म. श. ४५.४२] । Rate this meaning Thank you! 👍 सुवर्चस् A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit English | | सु—वर्चस् mfn. mfn. full of life or vigour, fiery, splendid, glorious, [RV.] &c. &c. ROOTS:सु वर्चस्सु—वर्चस् m. m.N. of a son of गरुड, [MBh.] ROOTS:सु वर्चस् of one of स्कन्द's attendants, ib. of a son of धृत-राष्ट्र, ib. of a son of the tenth मनु, [Hariv.] of a son of खनी-नेत्र, [MBh.] of a Brāhman, ib. of a brother of भूति, [MārkP.] Related Words सुवर्चस् सपौल कापीत ऋषि वंश. - वसिष्ठ वंश करंधम मरु सुकेतु शान्ति श्रुत संवरण सुश्रुत देवापि धृतराष्ट्र वसिष्ठ भीमसेन भृगु मनु હિલાલ્ શુક્લ પક્ષની શરુના ત્રણ-ચાર દિવસનો મુખ્યત ନବୀକରଣଯୋଗ୍ୟ ନୂଆ ବା વાહિની લોકોનો એ સમૂહ જેની પાસે પ્રભાવી કાર્યો કરવાની શક્તિ કે સર્જરી એ શાસ્ત્ર જેમાં શરીરના ન્યાસલેખ તે પાત્ર કે કાગળ જેમાં કોઇ વસ્તુને બખૂબી સારી રીતે:"તેણે પોતાની જવાબદારી ਆੜਤੀ ਅਪੂਰਨ ਨੂੰ ਪੂਰਨ ਕਰਨ ਵਾਲਾ బొప్పాయిచెట్టు. అది ఒక लोरसोर जायै जाय फेंजानाय नङा एबा जाय गंग्लायथाव नङा:"सिकन्दरनि खाथियाव पोरसा गोरा जायो आनाव सोरनिबा बिजिरनायाव बिनि बिमानि फिसाजो एबा मादै भाजप भाजपाची मजुरी:"पसरकार रोटयांची भाजणी म्हूण धा रुपया मागता नागरिकता कुनै स्थान ३।। कोटी ঁ ۔۔۔۔۔۔۔۔ ۔گوڑ سنکرمن ॐ 0 ० 00 ૦૦ ୦୦ 000 ০০০ ૦૦૦ ୦୦୦ 00000 ০০০০০ 0000000 00000000000 00000000000000000 000 பில்லியன் 000 மனித ஆண்டுகள் 1 १ ১ ੧ ૧ ୧ 1/16 ರೂಪಾಯಿ 1/20 1/3 ૧।। 10 १० ১০ ੧੦ ૧૦ ୧୦ ൧൦ 100 ۱٠٠ १०० ১০০ ੧੦੦ ૧૦૦ ୧୦୦ 1000 १००० ১০০০ ੧੦੦੦ ૧૦૦૦ ୧୦୦୦ 10000 १०००० ১০০০০ ੧੦੦੦੦ ૧૦૦૦૦ ୧୦୦୦୦ 100000 ۱٠٠٠٠٠ १००००० ১০০০০০ ੧੦੦੦੦੦ ૧૦૦૦૦૦ 1000000 १०००००० ১০০০০০০ ੧੦੦੦੦੦੦ ૧૦૦૦૦૦૦ ୧୦୦୦୦୦୦ 10000000 १००००००० Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. 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