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धर्मस्व n. एक ब्राह्मण। एक बार गंगा की डोली ले कर, यह घर जा रहा था । रास्ते में एक बैल ने, रत्नाकर नामक व्यापारी के कापकल्प नामक नौकर की हत्या की । कापकल्प स्वयं अत्यंत पापी था । किंतु उसकी अचानक मृत्यु के कारण, धर्मत्व के हृदय में उसकी प्रति दया उत्पन्न हुई । इसने उसके शरीर पर तुलसीपत्र से गंगोदक छिडक दिया । इससे कापकल्प का उद्धार हो गया । गंगोदक का यह प्रभाव देख, धर्मत्व ने स्वयं गंगा की आराधना की, एवं वर प्राप्त किया, ‘गंगा का नाम लेते लेते ही मुझे मृत्यु प्राप्त हो’[पद्म. क्रि.७] ।
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DHARMASVA A Brahmin. Once this Brahmin was coming home with water from the Gaṇges. On the way he saw Kāpakalpa, the servant of merchant Ratnākara, being killed by an ox. Though Kāpakalpa was a sinner, his end aroused pity in the heart of the Brahmin. So he sprinkled the Ganges-water on the body of Kāpakalpa, who instantly regained life and energy. The Brahmin who saw the power of Ganges-water began to worship the Ganges from that day onwards. It is mentioned in [Padma Purāṇa, Kriyā Khaṇḍa, Chapter 7] , that finally the Brahmin got a boon from the Ganges that only uttering the name of the Ganges should he meet with death.
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