विद्युज्जिह्र n. एक राक्षस, जो खशा राक्षसी का पुत्र, एवं शूर्पणखा का पति था । पूर्वजन्म में यह कालकेंद्र नामक दानव था
[वा. रा. उ. १२.२] । राम ने इसका वध किया था ।
विद्युज्जिह्र II. n. रावण का एक प्रधान, जिसने माया-जाल से राम का टूटा हुआ मस्तक, एवं धनुष्य सीता को दिखाया था । इसने सीता को रावण के वश में जाने के लिए पुनःपुनः अनुरोध किया, किन्तु सीता अपने सतीत्व पर अटल रही।
विद्युज्जिह्र III. n. एक राक्षस, जो विश्रवस् एवं वाका के पुत्रों में से एक था । यह महातल नामक पाताललोक में स्थित अर्वाक्तलम् नामक नगर में रहता था
[वायु. ५०.३५] ।
विद्युज्जिह्र IV. n. घटोत्कच का साथी एक राक्षस, जिसका दुर्योधन के द्वारा वध हुआ
[म. भी. ८७.२०] ।
विद्युज्जिह्र V. n. अमुत की रक्षा करनेवाले दो सर्प
[म. आ. २९.५-६] । विद्युत् के समान जिह्वा होने के कारण, इन्हें यह नाम प्राप्त हुआ होगा।