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हंस

   { haṃsḥ, haṁsa(ṁ), haṁsa }
Script: Devanagari

हंस     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
HAṀSA I   An incarnation of Mahā Viṣṇu in Kṛtayuga. He instructed great sages like Sanaka on yoga in the presence of Brahmā. He is also called yajña. [Bhāgavata 11th Skandha] . Hamsa, who was a prajāpati as well advised the Sādhyadevas about the means to attain salvation and the advice is known as Haṁsagītā. [Śānti Parva, Chapter 288] . HAṀSA II. A son born to Kaśyapa of his wife, Ariṣṭā. He was a Gandharva and it is believed that Dhṛtarāṣṭra was an aṁśāvatāra of this Gandharva. [M.B. Ādi Parva, Chapter 6, See also under Aṁśāvatāṛa] . HAṀSA III.
1) General.
A minister of Jarāsandha. Haṁsa and Ḍiṁbhaka were the sons of Brahmadatta, the chief of Sālva, and they were adepts in archery. Paraśurāma was their preceptor. [Harivaṁśa 3, 103] . The Mahābhārata calls Haṁsa's brother Ḍibhaka.
2) Education.
Vicakra and Janārdana were intimate friends of Haṁsa from their very infancy, of whom Janārdana was the son of Mitrasaha, a friend of Brahmadatta. Haṁsa, Ḍimbhaka and Janārdana had their education together and their marriages also were conducted at the same time. After some time Śiva presented them many weapons like Rudrāstra, Mahe- śvarāstra and Brahmaśirāstra, and also two attendants for self-protection. [Harivaṁśa 3, 105] .
3) Curse of Durvāsas.
Swollen-headed and haughty on account of Śiva's boon, Haṁsa and Ḍiṁbhaka turned out to be a nightmare to the world, and they once tried to give trouble to Durvāsas, who cursed them to be killed by Mahāviṣṇu. Sometime later the sage himself informed Śrī Kṛṣṇa about this curse of his.
4) Death.
The Haṁsa brothers began an aśvamedha (Horse Sacrifice) and deputed Janārdana to collect the tax thereof. Śrī Kṛṣṇa alone refused to pay the tax with the result that Haṁsa clashed with Kṛṣṇa who killed Ḍimbhaka and kicked Haṁsa down to Pātāla. He died there, in Pātāla of snake-bite. [Harivaṁśa 3, 128] .
5) Grief of Jarāsandha.
Haṁsa's death caused much grief to Jarāsandha, and for many years after it, he shed tears over the death of his friend. Even at the time when Bhīmasena, during his triumphal tour of the east, attacked Jarāsandha he remembered the dead Haṁsa and Ḍimbhaka. [Sabhā Parva, 13, 37] .
HAṀSA(Ṁ)   Swan. For story about the origin of haṁsa on earth see under Sṛṣṭi, Para 12.

हंस     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
noun  बत्तख की तरह का एक जलपक्षी   Ex. हंस माँ सरस्वती का वाहन है ।
HYPONYMY:
राजहंस धृतराष्ट्र मल्लिक हंसी
MERO COMPONENT OBJECT:
हंस
ONTOLOGY:
पक्षी (Birds)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
विधिवाहन स्वेतच्छद स्वेतपक्ष श्वेतपत्र शितिच्छ शितिपक्ष पुरुदंशक बंधुर बन्धुर
Wordnet:
bdहांसो रानि
benহাঁস
gujહંસ
kanಹಂಸ
kasأنٛز
kokहांयस
malവന്വാത്തു്
marहंस
mniꯀꯥꯡꯉ
nepहाँस
oriହଂସ
sanहंसः
tamஅன்னப்பறவை
telహంస
noun  एक प्रकार के संन्यासी   Ex. हंस से भी श्रेष्ठ परमहंस होते हैं ।
ONTOLOGY:
व्यक्ति (Person)स्तनपायी (Mammal)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
kanಸಂನ್ಯಾಸಿಗಳ ಒಂದು ಭೇದ
kasہنٛس
tamகுடும்பத்தை விட்டு சந்நியாசம் போகும் முறை
urdہنس
noun  हंस पक्षी का मांस जो खाया जाता है   Ex. ठकुराइन आज हंस बना रही है ।
HOLO COMPONENT OBJECT:
हंस
ONTOLOGY:
प्राकृतिक वस्तु (Natural Object)वस्तु (Object)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
हंस का मांस हंस-मांस
Wordnet:
benহাঁস
gujહંસ
kasأنٛز , أنٛز سُنٛد ماز
kokहंसाचें मास
marहंस
oriହଂସ ମାଂସ
panਹੰਸ
sanहंसामिषम्
urdہنس , ہنس کاگوشت
noun  एक वर्णवृत्त   Ex. हंस के प्रत्येक चरण में एक एक भगण और दो गुरु होते हैं ।
ONTOLOGY:
गुणधर्म (property)अमूर्त (Abstract)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
sanहंसः
See : हंस उपनिषद्

हंस     

हंस n.  ब्रह्मा का एक मानसपुत्र, जो आजन्म ब्रह्मचर्यव्रत का पालन करता रहा [भा. ४.८.१]
हंस II. n.  कृतयुग में उत्पन्न श्री विष्णु का एक अवतार, जिसने सनकादि आचार्यों को ब्रह्मा की उपस्थिति में योग की शिक्षा प्रदान की थी । इसे ‘यज्ञ’ नामान्तर भी प्राप्त था [भा. ११.१३.१९-४१] । यह प्रजापति था, एवं इसने साध्यदेवों को मोक्षसाधन का कथन किया था । इसके द्वारा साध्यदेवों को दिया गया यही उपदेश महाभारत में ‘हंसगीता’ नाम से उपलब्ध है [म. शां. २८८] । भागवत में और एक ‘हंसगीता’ दी गयी है, जिसमें ‘भिक्षुगीता’ भी समाविष्ट है [भा. ११.११-१३]
हंस III. n.  साध्य देवों में से एक ।
हंस IV. n.  एक गंधर्व, जो कश्यप एवं अरिष्टा के पुत्रों में से एक था । इसीके ही अंश से धृतराष्ट्र का जन्म हुआ था [म. आ. ६१.७७]
हंस IX. n.  एक श्रेष्ठ पक्षी, जो कश्यपपत्‍नी ताम्रा का पौत्र, एवं ताम्राकन्या धृतराष्ट्री की संतान मानी जाती है [म. आ. ६०.५६] । महाभारत में हंस पक्षियों का निर्देश अनेकबार आता है । सुवर्ण से विभुषित एक हंस ने नल एवं दमयंती के संदेश एक दूसरे को पहुँचा कर, उनमें अनुराग उत्पन्न किया था [म. व. ५०.१९-३२] । भीष्म की मृत्यु के समय, सप्तर्षियों ने हंस का रूप धारण कर उसे दक्षिणायन में प्राणत्याग करने से रोका था [म. भी. ११४.९०] । एक हंस एवं काक का रूपात्मक आख्यान भी कर्णार्जुन युद्ध के समय निर्दिष्ट है [म. क. २८.१०-५४]
हंस V. n.  शिवदेवों में से एक ।
हंस VI. n.  (सो. वसु.) वसुदेव एवं श्रीदेवा के पुत्रों में से एक ।
हंस VII. n.  जरासंध का एक मंत्री, जो शाल्वाधिपति ब्रह्मदत्त का पुत्र था । इसके भाई का नाम डिम्भक था, एवं ये दोनों अस्त्रविद्या में परशुराम के शिष्य थे [ह. वं. ३.१०३] । महाभारत में इसके भाई का नाम ‘डिभक’ दिया गया है । ये दोनों भाई जरासंध के मंत्री, एवं सलाहगार के नाते काम करते थे ।
हंस VII. n.  इसके मित्रों ने विचक्र एवं जनार्दन प्रमुख थे । इनमें से जनार्दन, इसके पिता के मित्रसह नामक मित्र का पुत्र था । हंस, डिंभ्भक एवं जनार्दन इन तीनों मित्र की शिक्षा एवं विवाह एक साथ ही हुआ था । आगे चल कर इसने एवं डिम्भक ने शिव की कड़ी तपस्या की, जिससे प्रसन्न हो कर शिव ने इन्हें युद्ध में अजेयत्व, एवं स्वसंरक्षणार्थ दो भूतपार्षद इन्हें प्रदान किये थे । उसीके साथ ही साथ इन्हें रुद्रास्त्र, माहेश्वरास्त्र, ब्रह्मशिरास्त्र आदि अनेकानेक अस्त्र भी शिवप्रसाद से प्राप्त हुए थे [ह. वं. ३.१०५]
हंस VII. n.  शिव से प्राप्त अस्त्रशस्त्रों के कारण, ये दोनों भाई अत्यंत उन्मत्त हुए, एवं सारे संसार को त्रस्त करने लगे । एक बार इन्होनें दुर्वासस् ऋषि को त्रस्त करना प्रारंभ किया, जिस कारण क्रुद्ध हो कर उस क्रोधी मुनि ने इन्हें विष्णु के द्वारा विनष्ट होने का शाप दिया [ह. वं. ३.१०७-१०८] । आगे चल कर अपने शाप का वृत्त दुर्वासस् ने द्वारका में जा कर कृष्ण से कथन किया, एवं इन उन्मत्त भाईयों की वध करने की प्रार्थना उससे की ।
हंस VII. n.  आगले साल इन्होनें राजसूय यज्ञ किया, एवं तदहेतु करभार प्राप्त करने के लिए अपने मित्र जनार्दन को इन्होनें कृष्ण के पास भेजा [ह. वं. ३. ११३-११५] । कृष्ण ने इन्हें करभार देने से इन्कार किया, एवं युद्ध का आह्वान दिया । पश्चात् संपन्न हुए युद्ध में कृष्ण ने इसके मित्र विचक्र का वध किया, एवं इसे लत्ताप्रहार कर पाताल में ढकेल दिया । वहाँ पाताल के सर्पों के दंश से इसकी मृत्यु हो गयी [ह. वं. ३.१२८] । महाभारत के अनुसार, अपने भाई डिम्भक के वध की वार्ता सुन कर, इसने स्वयं ही यमुना नदी में कूद कर आत्महत्या कर ली [म. स. १३.४०-४२]
हंस VII. n.  इनके वध की वार्ता ज्ञात होते ही जरासंध राजा ने अत्यधिक शोक किया, एवं दीर्घकाल तक विलाप करता रहा। आगे चल कर भीमसेन ने अपने पूर्वदिग्विजय में जरासंध पर आक्रमण किया, उस समय भी उसने अपने इन दोनों स्वर्गीय मंत्रियों का स्मरण किया था [म. स. १३.३६]
हंस VIII. n.  जरासंध की सेना का एक राजा, जो कृष्ण एवं जरासंध के दरम्यान हुए सत्रहवें युद्ध में बलराम के द्वारा मारा गया [म.स.१३.४२-४३]

हंस     

कोंकणी (Konkani) WN | Konkani  Konkani
noun  एक वर्णवृत्त   Ex. हंसाच्या दर एका चरणांत एक एक भगण आनी दोन गुरु आसतात
ONTOLOGY:
गुणधर्म (property)अमूर्त (Abstract)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
sanहंसः
See : हांयस

हंस     

A dictionary, Marathi and English | Marathi  English
. 4 An ascetic or devotee of a certain order. 5 A name of pantheism for ब्रह्म as the spiritual substance constituting the visible universe. 6 A name of Vishn̤u, of the sun &c.

हंस     

Aryabhushan School Dictionary | Marathi  English
 m  A swan or goose; a duck. A gander. A term in Hindu philosophy.

हंस     

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi
noun  बदकापेक्षा मोठा एक पांढरा पक्षी   Ex. हंस सरस्वत्तीचे वाहन आहे
HYPONYMY:
राजहंस हंसी मल्लिक धृतराष्ट्र
MERO COMPONENT OBJECT:
हंस
ONTOLOGY:
पक्षी (Birds)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
bdहांसो रानि
benহাঁস
gujહંસ
hinहंस
kanಹಂಸ
kasأنٛز
kokहांयस
malവന്വാത്തു്
mniꯀꯥꯡꯉ
nepहाँस
oriହଂସ
sanहंसः
tamஅன்னப்பறவை
telహంస
noun  एक प्रकारचे संन्यासी   Ex. हंसपेक्षा परमहंस हे श्रेष्ठ आहेत.
ONTOLOGY:
व्यक्ति (Person)स्तनपायी (Mammal)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
kanಸಂನ್ಯಾಸಿಗಳ ಒಂದು ಭೇದ
kasہنٛس
tamகுடும்பத்தை விட்டு சந்நியாசம் போகும் முறை
urdہنس
noun  हंसाचे मांस जे खाल्ले जाते   Ex. त्यांच्याकडे हंस खातात.
HOLO COMPONENT OBJECT:
हंस
ONTOLOGY:
प्राकृतिक वस्तु (Natural Object)वस्तु (Object)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
हंसाचे मांस
Wordnet:
benহাঁস
gujહંસ
hinहंस
kasأنٛز , أنٛز سُنٛد ماز
kokहंसाचें मास
oriହଂସ ମାଂସ
panਹੰਸ
sanहंसामिषम्
urdہنس , ہنس کاگوشت

हंस     

 पु. १ एक पक्षी हा मानससरोवराकडे असतो . बदकापेक्षा मोठा व पांढरा असून दूध आणि पाणी एकत्र केलें असतां त्यांतून दूध निवडून पिणारा , जबर उडणारा , पोहणारा पक्षी असा त्याचा लौकिक आहे . बदक ; वरट . २ ( ल . ) जीवात्मा . हंसविणें कुडी . - वमा . ३ संन्याशांतील एक भेद ; परमहंस ४ ब्रह्म ; परमात्मा . ५ विष्णु , सुर्य इ० देव . [ सं . ]
कंकणी - पु . ( संगीत ) एक राग . यांत षड्‍ज , तीव्र ऋषभ , कोमल गांधार , कोमल मध्यम , पंचम , तीव्र धैवत , कोमल निषाद हे स्वर लागतात . आरोहांत ऋषभ व धैवत वर्ज्य जाति औडुव संपूर्ण , वादी पंचम , संवादी षड्‍ज . गानसमय दिवसाचा तिसरा प्रहर .
०हंसगति   हंसगामिनी - वि . हंसाप्रमाणे चालणारी ( स्त्री ). ध्वनी - पु . ( संगीत ) एक राग . यांत षड्‍ज . तीव्र ऋषभ , तीव्र गांधार , पंचम , तीव्र निषाद हे स्वर येतात . जाति औडुव - औडुव वादी षड्‍ज , संवादी पंचम वेळ रात्रीचा पहिला प्रहर .
०नाद  पु. हंस , बदक यांचा किलकिलाट .
०पद  न. काकपद ( लिखाणांत केलेले ). हंसपद देवोनी ओळी । उणें अक्षर रेखिजे मौळी । - मुआदि २५ . ५९ .
०पक्ष   हस्त ) - पु . नृत्यांतील एक अंगविक्षेप . आंगठा व करंगळी यांशिवाय सर्व बोटे मिटणें ( ती तळहातांस न चिकटतील अशी वांकवणें ), आंगठा कोणत्याहि बोटास न चिकटवितां थोडा वांकविणें व करंगळी उभी ठेवणें . हंसपक्षी नितवुक ऐसे । भेद सांगतां कथा ठाकौल । - भाए ४५८ .
  हस्त ) - पु . नृत्यांतील एक अंगविक्षेप . आंगठा व करंगळी यांशिवाय सर्व बोटे मिटणें ( ती तळहातांस न चिकटतील अशी वांकवणें ), आंगठा कोणत्याहि बोटास न चिकटवितां थोडा वांकविणें व करंगळी उभी ठेवणें . हंसपक्षी नितवुक ऐसे । भेद सांगतां कथा ठाकौल । - भाए ४५८ .
०पुतळी  स्त्री. गळ्यांतील पुतळीचा एक प्रकार . हंसपुतळया तेज कल्लोळ । - देवीदासकृत भामावर्णन ६ . बुद्धि - स्त्री . तीव्रबुद्धि ; विषय चटकन आकलन करण्याजोगी बुद्धि ; तारतम्य बुद्धि - ज्ञानप्रकाश १७ - ८ - ३८ . - वि . अशा बुद्धिचा .
०माला  स्त्री. हंसाची रांग , पक्ति .
०मुख   हस्त ) - नृत्यांतील एक अंगविक्षेप . आंगठा , तर्जनी व मधले बोट या तीन बोटांची अग्रे एकत्र जुळविणें , करंगळी व अनामिका ही उभी ठेवणें .
  हस्त ) - नृत्यांतील एक अंगविक्षेप . आंगठा , तर्जनी व मधले बोट या तीन बोटांची अग्रे एकत्र जुळविणें , करंगळी व अनामिका ही उभी ठेवणें .
०वाहन  पु. ब्रह्मदेव .
०वाहिनी  स्त्री. , सरस्वती .
०क्षीरन्याय   विवेक - पु . दूध पाण्याच्या मिश्रणांतून हंस दूध तेवढे काढून पितो अशी समजूत आहे त्याप्रमाणे एखाद्या कृत्यांतील दोषाकडे दुर्लक्ष्य करून त्यांतील गुणांचे ग्रहण करणें . हंसळें - न ( महानु . ) हंशाचें चित्र काढलेले अगदी पांढरे स्वच्छ वस्त्र . गौवी मुरळे हसळे । - प्रमा ८ . हंसात्मा - पु . प्राण्याच्या जीवात्मा . हंसात्मा प्रगट । दावील सुभट । सद्‍गुरु वसिष्ठ । तोचि जाणा । हंसासन - न . योगाशास्त्रांतील एक आसन प्रथम मयूरासनाप्रमाणें आकृति करून नंतर पाय मयूरासनांतल्याप्रमाणे अधांत्री न धरतां त्याची बोटे जमिनीवर ठेवून स्थिर राहाणें . - संयोग ३४९ . हंसी - स्त्री . १ हंसाची मादी . २ तिच्याप्रमाणे चालण्याची गति . दाखविती गती नानापरी । उष्ट्री नाकुळी हंसी मयूरी । - जे ४ . २२ .

हंस     

नेपाली (Nepali) WN | Nepali  Nepali
See : हाँस

हंस     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
हंस  f. 1.m. (ifc.f(). ; accord. to [Uṇ. iii, 62] fr.1.हन्, ‘to go?’) a goose, gander, swan, flamingo (or other aquatic bird, considered as a bird of passage; sometimes a mere poetical or mythical bird, said in [RV.] to be able to separate सोम from water, when these two fluids are mixed, and in later literature, milk from water when these two are mixed; also forming in [RV.] the vehicle of the अश्विन्s, and in later lit° that of ब्रह्मा; ifc. also = ‘best or chief among’), [RV.] &c. &c.
अहं स   the soul or spirit (typified by the pure white colour of a goose or swan, and migratory like a goose; sometimes ‘the Universal Soul or Supreme Spirit’, identified with विराज्, नारायण, विष्णु, शिव, काम, and the Sun; du. ‘the universal and the individual Spirit’; accord. to [Sāy.] resolvable into , ‘I am that’), [Up.] ; [MBh.] ; [Hariv.] &c.
one of the vital airs, [L.]
a kind of ascetic, [MBh.] ; [Hariv.] ; [BhP.]
a man of supernatural qualities born under a partic. constellation, [VarBṛS.]
an unambitious monarch, [L.]
a horse, [Naigh. i, 14]
an excellent draught-ox (accord. to some, ‘a buffalo’), [VarBṛS.]
a mountain, [L.]
a temple of a partic. form, [VarBṛS.]
a kind of मन्त्र or mystical text, [Cat.]
silver, [L.]
envy, malice, [L.]
N. of two metres, [Col.]
(in music) a kind of measure, [Saṃgīt.]
ह्   a mystical N. of the letter , [Cat.]
a spiritual preceptor, [W.]
N. of a देव-गन्धर्व, [Hariv.]
of a दानव, ib.
of a son of ब्रह्मा, [BhP.]
of a son of वसु-देव, ib.
of a son of अ-रिष्टा, [MBh.]
of a son of ब्रह्म-दत्त and general of जरा-संध, ib.
of various authors &c., [Cat.]
of one of the Moon's horses, [VP.]
of a mountain, [Pur.]
pl.N. of the Brāhmans in प्लक्ष-द्वीप, [BhP.]
हंस   [cf.Gk.χήν; Lat.anser for hanser; Lit.żasís; Germ.Gans; Angl.Sax.gôs; Eng.goose.]
हंस   2.Nom.P.°सति, to act or behave like a swan, [Subh.]

हंस     

हंसः [haṃsḥ]   [हस्-अच्-पृषो˚ वर्णागमः] (said to be derived from हस्; cf. भवेद्वर्णागमाद् हंसः Sk.)
A swan, goose, duck; हंसाः संप्रति पाण्डवा इव वनादज्ञातचर्यां गताः [Mk. 5.6;] न शोभते सभामध्ये हंसमध्ये बको यथा Subhāṣ; [R.17.] 25. (The description of this bird, as given by Sanskrit writers, is more poetical than real; he is described as forming the vehicle of the god Brahman, and as ready to fly towards the Mānasa lake at the approach of rains; cf. मानस. According to a very general poetical convention he is represented as being gifted with the peculiar power of separating milk from watere. g. सारं ततो ग्राह्यमपास्य फल्गु हंसो यथा क्षीरमिवाम्बुमध्यात् [Pt.1;] हंसोहि क्षीरमादत्ते तन्मिश्रा वर्जयत्यपः [Ś.6.28;] नीरक्षीरविवेके हंसालस्यं त्वमेव तनुषे चेत् । विश्वस्मिन्नधुनान्यः कुलव्रतं पालयिष्यति कः [Bv.1.13;] see [Bh.2.18] also).
The Supreme Soul, Brahman.
The individual soul (जीवात्मन्); प्रीणीहि हंसशरणं विरम- क्रमेण [Bhāg.4.29.56.]
One of the vital airs.
The sun; हंसः शुचिषद्वसुरन्तरिक्षसद्धोता वेदिषत् Ka&tod;h.2.5.2; उषसि हंसमुदीक्ष्य हिमानिकाविपुलवागुरया परियन्त्रितम् [Rām. ch.4.91.]
Śiva.
Viṣṇu.
Kāmadeva.
An unambitious monorch.
An ascetic of a particular order; [Bhāg.3.12.43.]
A spiritual preceptor; [Bhāg.7.] 9.18.
One free from malice, a pure person.
A mountain.
Envy, malice.
A buffalo.
A horse.
A particular incantation; L. D. B.
The best of its kind (at the end of a compound; cf. कविहंस); L. D. B.
A temple of a particular form.
Silver. -a.
moving, going (गतिमान्); नव- द्वारं पुरं गत्वा हंसो हि नियतो वशी [Mb.12.239.31] (see com.).
Pure; हंसाय संयतगिरे निगमेश्वराय [Bhāg.12.8.47;6.4.] 26.
-साः   (m. pl.) N. of a tribe said to live in the Plakṣa-Dvīpa. -Comp.
-अंशुः a.  a. white.
-अङ्घ्रिः   vermilion.-अधिरूढा an epithet of Sarasvatī.
-अभिख्यम्   silver.-आरूढः N. of Brahman.
-उदकम्   a kind of cordial liquor (prepared from infusion of cardamoms).
-कान्ता   a female goose.
-कालीतनयः   a buffalo.
-कीलकः, -नीलकः   a particular mode of sexual enjoyment.
कूटः N. of one of the peaks of the Himālaya.
the hump on the shoulder of an ox (for अंसकूट).
-गति a.  a. having a swan's gait, stalking in a stately manner.
-गद्गदा   a sweetly speaking woman.
गामिनी a woman having graceful gait like that of a swan; अव्यङ्गाङ्गीं सौम्यनाम्नीं हंसवारणगा- मिनीम् (उद्वहेत् स्त्रियम्) [Ms.3.1.]
 N. N. of Brahmāṇi.-गुह्यम् N. of a particular hymn; अस्तौषीद्धंसगुह्येन भगवन्त- मधोक्षजम् [Bhāg.6.4.22.]
-च्छत्रम्   dry ginger.
-तूलः, -लम्   the soft feathers of down of a goose; रत्नखचितहेमपर्यङ्के हंसतूलगर्भशयनमानीय [Dk.1.4;2.2.]
-दाहनम्   aloewood.
-नादः   the cackling of a goose.
-नादिनी   a woman of a particular class (described as having a slender waist, large hips, the gait of an elephant and the voice of a cuckoo; गजेन्द्रगमना तन्वी कोकिलालापसंयुता । नितम्बे गुर्विणी या स्यात् सा स्मृता हंसनादिनी).
-पक्षः   a particular position o the hand.
-पदः   a particular weight (कर्ष).
पादम् vermilion.
quick-silver.
-बीजम्   a goose's egg.
-माला   a flight of swans; तां हंसमालाः शरदीव गङ्गाम् [Ku.1.3.]
-यानम्   a car drawn by swans.
-युवन्  m. m. a young goose or swan.
-रथः, -वाहनः   epithets of Brahman.
-राजः   a king of geese, a large gander.-लिपिः a particular mode of writing (with Jainas).-लोमशम् green sulphate of iron.
-लोहकम्   brass.-श्रेणी a line of geese.

हंस     

Shabda-Sagara | Sanskrit  English
हंस  m.  (-सः)
1. A goose, a gander, a flamingo, a swan. The descrip tion of this bird as found in sanskrit poetry is rather poetical than real; swans are considered to fly to the MĀNASA-LAKE when monsoon sets in; they are also represented as being the vehicle of BRAHMĀ; there is a convention among poets that this bird is gifted with the power of separating milk from water.
2. BRAHMĀ the supreme soul.
3. VISHṆU.
4. The sun.
5. A liberal or moderate prince, one not covetous nor ambitious.
6. A sort of ascetic or devotee.
7. A particular Mantra, or mystical or magical pray- er.
8. A horse.
9. One of the vital airs.
10. Envy, malice.
11. ŚIVA.
12. (In composition,) Best excellent.
13. Preceding, before, [Page826-a+ 60] in front.
14. A spiritual preceptor.
15. A mountain.
16. A uffalo.
17. KĀMA.
18. The individual soul.
 f.  (-सी) A goose.
E. हन् to hurt or kill, Unādi aff. स; also this word is curiously derived by native philologists, viz:--भवेद् वर्णागमाद् हंसः i. e. it is derived from हस् by the insertion of a nasal; also
ROOTS:
हन् स; भवेद् वर्णागमाद् हंसः हस्
with कन् added, हंसक .

हंस     

See : हंसोपनिषद्

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