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ऐतरेय

   { aitarēya, aitareya }
Script: Devanagari

ऐतरेय     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
AITAREYA I   A great scholar with profound knowledge of the Vedas. Being a non-brahmin he was not able to learn the Vedas from a guru. In spite of this handicap he acquired considerable scholarship and wrote a learned commentary on the [Ṛgveda] . This commentary ranks high among the various commentaries on the Vedas.
AITAREYA II   Son of Sage, Māṇḍuki by his first wife, Itarā. Being the son of Itarā he came to be called Aitareya. As a boy he was very pious and used to chant the mantra “Namo Bhagavate Vāsudevāya” frequently. But he was a shy and silent boy and his father mistook his silence to be a sign of stupidity. Dissatisfied with him and being desirous of having learned sons, Māṇḍuki married another woman named Piṅgā and had four sons by her who all became very learned. Once Itarā called her son and told him that his father regarded him as an unworthy son and was often twitting her using insulting words for having given birth to so unworthy a son. She then told him of her resolve to sacrifice her life. Aitareya then made an enlightening discourse to her and dissuaded her from her determination to commit suicide. Some time later Lord Viṣṇu appeared before them and blessed the mother and son. On the advice of Viṣṇu Aitareya participated in the yajña conducted by Hari- medhya at Koṭitīrtha and there he made a learned speech on the Vedas. Harimedhya was so pleased with him that he gave his daughter in marriage to him. [See Skanda Purāṇa, Chapters 1, 2 and 42] .

ऐतरेय     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
See : ऐतरेय उपनिषद्

ऐतरेय     

ऐतरेय n.  सायण के मतानुसार इतरा नामक स्त्री से उत्पन्न होने के कारण यह मातृमूलक नाम पडा । इसका महिदास ऐतरेय ऐसा निर्देश है । [ऐ. आ.२.१.८,३.७] ;[छां. उ. ३.१६.७] तथा ऐतरेय ऐसा ब्रह्मयज्ञांगतर्पण में उल्लेख है [आश्व. गृ. ३.४.४] । ऐतरेयिन् स्वरुप में [अनुपद.सूत्र. ८.१] ;[आश्व. श्रौ. सूत्र १.३] उल्लेख है । हारीत ऋषि के वंश में मांडूकि ऋषि को इतरा नामक स्त्री से उत्पन्न होने के कारण इसका नाम ऐतरेय पडा। बचपन से ही यह ‘नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपने लगा । यह किसी से नहीं बोलता था इसलिये मांडूकि ने पिंगा नाम दूसरी स्त्री से विवाह किया । जिससे उसे चार पुत्र हुए । वे बहुत विद्वान थे इसलिये उनका उत्तम सन्मान हुआ । इतरा ने अपने पुत्र से कहा कि, तेरे गुणवान न होने के कारण तेरे पिता मेरा अपमान करते है । मैं अब देहत्याग करुंगी । तब ऐतरेय ने इसे धर्मज्ञा दे कर देहत्याग के विचारों से परावृत्त किया । कालोपरांत विष्णु ने उन दोनों को साक्षात् दर्शन दिया तथा आशीर्वाद दिया । बाद में श्रीविष्णु के वचनानुसार कोटितीर्थ पर होने वाले हरिमेध्य के यज्ञ में वेदार्थ पर इसने प्रवचन दिया । तव हरिमेध्य ने इसका पूजन कर अपनी कन्या से उसका व्याह कर दिया [स्कंद.१.२.४२] ; महिदास ऐतरेय देखिये ।

ऐतरेय     

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi
noun  एक उपनिषद   Ex. ऐतरेयात महाव्रतनामक यज्ञाबद्दल माहिती दिली आहे.
ONTOLOGY:
मानवकृति (Artifact)वस्तु (Object)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
ऐतरेयोपनिषद ऐतरेय उपनिषद
Wordnet:
benএতরেয় উপনিষদ
gujએતરેય ઉપનિષદ
hinऐतरेय उपनिषद्
kokएतरेय उपनिषद
malഐതരേയം
oriଐତରେୟ ଉପନିଷଦ
panਏਤਰੇਯ ਉਪਨਿਸ਼ਦ
sanऐतरेयः उपनिषद्
urdایتریہ اپنسد , ایتریہ

ऐतरेय     

 पु. एक वैदिक ऋषि ; इतरा नांवाच्या स्त्रीचा मुलगा .
०आरण्यक  न. ऋग्वेदाच्या शाकल शाखेचें आरण्यक . याचे पांच भाग असून यांत कांहीं अध्यात्म व बराचसा हौत्रविषय आहे . उपनिषद न . ऐतरेय आरण्यकाच्या दुसर्‍या भागांतील काहीं भाग . यांत अध्यात्मविषयाचें विवेचन आहे .
०ब्राह्मण  न. ऋग्वेदाचा ब्राह्मण ग्रंथ . याचे ४० अध्याय असून पांच पांच अध्यायांची एक अशा आठ पंचिका आहेत . यज्ञांत होता नामक ऋत्विजानें करावयाच्या हौत्रकर्माविषयींचें विवेचन यांत आलें आहे . या ग्रंथाचें कर्तृत्व ऐतरेय ऋषीकडे आहे .

ऐतरेय     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
ऐतरेय  m. m. a descendant of इतर or इतरा, N. of महिदास (author of a ब्राह्मण and आरण्यक called after him)
ऐतरेय  mfn. mfn. composed by ऐतरेय.

ऐतरेय     

ऐतरेय [aitarēya] a.  a. [इतरा-ठक्] Originating from Aitareya.
-यः, -यम्   A descendant of Itarā (or Itara, a sage) to whom the Aitareya Brāhmaṇa and Āraṇyaka were revealed. -Comp. ˚आरण्यकम् N. of the Āra- ṇyaka composed by Aitareya.
-उपनिषद्  N. N. of an Upaniṣad.
-ब्राह्मणम्  N. N. of the Brāhmaṇa composed by Aitareya (attached to the Ṛigveda and prescribing the duties of the Hotṛi priest) It is divided into forty Adhyāyas or eight Pañchikās.

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