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शूर्पणख , शूर्पनखी n. एक राक्षसी, जो विश्रवस् एवं कैकसी की कन्या, तथा रावण, विभीषण एवं कुंभकर्ण की बहन थी । खर एवं दूषण राक्षस इसके मौसेरे भाई थे । महाभारत में इसकी माता का नाम राका बताया गया है, एवं खर एवं दूषण इसके सगे भाई बताये गये हैं [म. व. २५९.१४] । कालकेय राक्षसों का अधिपति विद्युज्जिह्व राक्षस से इसका विवाह हुआ था । आगे चल कर इसका पति रावण के हाथों अश्मनगरी में गलती से मारा गया । इस कारण यह लंका नगरी में रहने लगी। कालोपरांत यह अपने मौसेरे भाई खर के साथ दण्डकारण्य में रहने लगी [वा. रा. उ. २३-२४] ।
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शूर्पणख , शूर्पनखी n. वनवास के समय राम के दण्डकारण्य में आने पर यह उस पर मोहित हुई। किन्तु एक पत्नी व्रती राम ने इसकी प्रणयराधना की मज़ाक उड़ायी, एवं इसकी फजिहत करने के हेतु इसे लक्ष्मण से विवाह करने के लिए कहा। लक्ष्मण ने इसकी और भी मजाक उड़ायी, जिस कारण क्रुद्ध होकर यह सीता को मारने के लिए दौड़ी। उसी क्षण लक्ष्मण ने इसके नाक एवं कान काट कर इसे विरूप बनाया । राम एवं लक्ष्मण की शिकायत ले कर यह अपने भाई खर के पास दौड़ी। अपने बहन के अपमान का बदला लेने के लिए, खर ने राम पर आक्रमण किया, जिसमें ख्र स्वयं मारा गया [वा. रा. अर. १७-१९] ; खर १. देखिये ।
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शूर्पणख , शूर्पनखी n. पश्चात्, यह पुनः एक बार लंका में गयी, एवं इसने रामलक्ष्मण के द्वारा दण्डकारण्य में किये गये सारे अत्याचारों की कहानी रावण को बतायी [वा. रा. अर. ३३-३४] ;[म. व. २६१.४५-५१] । उसी समय इसने सीता के सौंदर्य की प्रशंसा रावण को सुनायी, एवं राम से बदला लेने के लिए सीताहरण की मंत्रणा उसे दी। रावण के द्वारा सीताहरण किये जाने पर, इसने उसे रावण श्रेष्ठता बता कर उसका वरण करने के लिए बार-बार आग्रह किया था [वा. रा. सुं. २४, ४३] ।
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