बलाहक II. n. एक राजा, जो जयद्रथ का भाई था । इसके पिता का नाम वृक्षक्षत्र था
[म.व.२४९.१२] ।
बलाहक III. n. एक राजा, जिसे शिव ने गोवत्स के रुप में दर्शन दिया था । पश्चात् गोवत्स के दर्शन के स्थान पर एक दिव्य शिवलिंग उत्पन्न हुआ, एवं वह अणुप्रमाण में दिन बदिन परिवर्धित होने लगा । किन्तु एक कर्मचांडाल उसके दर्शन के लिये आते ही, उसका वर्धन स्थगित हुआ
[स्कंद.३.२.२७] ।
बलाहक IV. n. श्रीकृष्ण के रथ का एक अश्व, जो दाहिने पार्श्व में जोता जाता था
[म.वि.४०.२१] ।