भद्रसार n. (मौर्य. भविष्य.) एक मौर्यवंशीय राजा, जो वायु एवं ब्रह्मांड के अनुसार, चंद्रगुप्त राजा का पुत्र था (बिंदुसार २. देखिये) ।
भद्रसार II. n. (सो. वसु.) एक राजा, जो वसुदेव के रोहिणी से उत्पन्न पुत्रो में से एक था ।
भद्रसार III. n. काश्मीर देश का राजा । इसे सुधर्मन् नामक एक पुत्र था, जो तारक नामक प्रधानपुत्र के साथ हमेशा शिव की उपासना करता रहता था । इसने अपने पुत्र को शिवभक्ति से परावृत्त करने का काफी प्रयत्न किया । किन्तु उसका कुछ फायदा न होकर, सुधर्मन की शिवोपासना बढती ही रही । एक बार पराशर ऋषि इसके यहॉं अतिथि बनकर आया था । उस समय अपने पुत्र की शिवोपासना एवं विरक्ति की समस्या उसके सामने रख दी । पराशर ने इसकी एवं इसके पुत्र के पूर्वजन्म की कहानी इसे सुनाकर इसे सांत्वना दी, एवं इससे रुद्रभिषेक करवाया । तदोपरान्त अपने पुत्र सुधर्मन् को राजगद्दी पर बिठाकर यह वन में चला गया
[स्कंद.३.३.२०-२१] ।