मदिराश्व n. (सू.इ.) एक इक्ष्वकुवंशीय राजा, जो दशाश्व राजा का पुत्र था । यह परमधर्मात्मा, सत्यवादी, तपस्वी, दानी एवं वेद तथा धनुर्वेद में पारंगत था
[म.अनु.२.७-८] । इस द्युतिमत् पुत्र, तथा सुमध्यमा नामक कन्या थी
[म.अनु.२.८] । अपनी कन्या को हिरण्यह्स्त नामक ऋषि को विवाह में प्रदान कर, यह स्वर्गलोक चला गया
[म.शां.२२६.३४] ;
[अनु.१३७.२४] ।
मदिराश्व II. n. मत्स्यनरेश विराट का भाई । इसके नाम के लिए ‘मदिराक्ष’ पाठभेद भी प्राप्त है
[म.उ.१६८.१४] । त्रिगतों के द्वारा गोहरण के समय इसने कवचधारण कर उनसे युद्ध किया था । भारतीय युद्ध में में राजा विराट के चक्ररक्षक के रुप में यह पाण्डवों के पक्ष में शामिल था
[म.वि.३२.३०] । यह एक उदारथी, सम्पूर्ण अस्त्रों का ज्ञात, एवं मनस्वी वीर था
[म.उ.१६८.१५] । भारतीय युद्ध में द्रोण ने इसका वध किया ।