माठर n. सूर्य की एक पार्श्ववर्ती देवता, जो हमेशा सूर्य के दक्षिण में रहता है । सूर्य की सेवा करने के लिए इसकी नियुक्ति इन्द्र के द्वारा की गयी थी
[भवि.ब्राह्म.२३] । महाभारत के अनुसार, दक्षिण भारत में ‘माठरवन’ नामक एक तीर्थस्थान था, जहॉं इसका विजयस्तंभ सुशोभित होता था
[म.व.८६.७] ।
माठर II. n. अष्टादश विनायकों में से एक
[साम्ब.१६] ।
माठर III. n. एक आचार्य, जो ‘सांख्यकारिकावृत्ति’ नामक ग्रंथ का रचयिता माना जाता है । ‘अष्टकाकर्म’ में तंत्र करना चाहिये ऐसा इसका अभिमत था, जौ कौषितकी ब्राह्मण में उद्धृत किया गया है
[कौ.ब्रा.१३८.१६] ।
माठर IV. n. कश्यप एवं भृगुकुलोत्पन्न एक गोत्रकार ।