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संप्रति मौर्य

   
Script: Devanagari

संप्रति मौर्य     

संप्रति मौर्य n.  मगध देश का एक राजा, जो अशोक राजा का पौत्र, एवं कुनाल का पुत्र था । इसे चंद्रगुप्त (द्वितींय) नामांतर भी प्राप्त था । इसका राज्य काल २१६ ई. पू. - २०७ ई. पू. माना जाता है । यह जैन धर्म का एक श्रेष्ठ पुरस्कता था, एवं बौद्ध धर्म के इतिहास में अशोक का जो महत्त्व है, वहीं महत्त्व इसे जैन धर्म के इतिहास में दिया जाता है । जैन धर्म के प्रचार के लिए इसने अनेकानेक धर्मोपदेशक गांधार कपिशा आदि देशों में भेज दिये थे । यही नहीं इसने अपने सैन्यदल के अनेक योद्धाओं को भिक्षुवेष में धर्मप्रचारार्थ भेजा था ।
संप्रति मौर्य n.  एक बार इसके राज्य में लगातार बारह वर्षों तक अकाल उत्पन्न हुआ । इस कारण, अपने गुरु भद्रबहु के साथ यह दक्षिण भारत में स्थित श्रवणबेलगोल नामक नगर में आया । भद्रबाहु के निर्वाण के पश्चात् इसने चंद्रगिरि पर्वत पर प्राणत्याग किया । इसकी मृत्यु के पश्चात् शालिशुक मगध देश के राज गद्दी पर बैठा । तिब्बती साहित्य में इसके उत्तराधिकारी का नाम वृषसेन दिया गया है, जो संभवतः इसके उस प्रदेश में स्थित राज्य का राजा बन गया होगा ।

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