संकल्प

प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.


स्नान, सन्ध्या, दान, देवपूजन तथा किसी भी सत्कर्मके प्रारम्भमें संकल्प करना आवश्यक है । अन्यथा सभी कर्म विफल हो जाते है । हाथोंमे पवित्री धारण कर तथा आचमन आदिसे शुध्द होकर दायें हाथमें केवल जल अथवा जल, अक्षत, पुष्प आदि लेकर निम्नलिखित संकल्प करे --
'ॐ विष्णवे नम:, ॐ विष्णवे नम:, ॐ विष्णवे नम: । ॐ अद्य ब्रह्मनोऽह्रि द्वितीयपरार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वरेऽष्टविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे बौध्दावतारे भूर्लोके जम्बूद्वीपे भरतखण्डे भारतवर्षे ..... क्षेत्रे नगरे ग्रामे..... नाम-संवत्सरे ...... मासे (शुल्क/कृष्ण) पक्षे....... तिथौ..... वासरे......गोत्र:......शर्मा/वर्मा/गुप्तोऽहम् प्रात: (मध्याह्ने, सायं) सर्वकर्मसु शुध्द्यर्थं श्रुतिस्मृतिपुरानोक्तफलप्राप्त्यर्थं श्रीभगवत्प्रीत्यर्थं च अमुक कर्म करिष्ये ।

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Last Updated : November 25, 2018

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