ऋग्वेदीयब्रह्मकर्मसमुच्चयः - इतिवाइतिसूक्तम्
ऋग्वेदीयब्रह्मकर्मसमुच्चयः
श्री: ॥ हरि ॐ ॥ इतवाइतिमेमनोगामश्वंसनुयामिति ॥ कुवित्सोमस्यापामिति ॥ प्रवाताइवदोधतउन्मापीताऽअयंसत ॥ कुवित्सोमस्यापामिति ॥ उन्मापीताअयंसतरथम
श्वाइवाशव: ॥ कुवित्सोमस्यापामिति ॥ नहिमेऽअक्षिपच्चनाच्छान्त्सु:पंचकृष्टय: ॥
कुवित्सोमस्यापामिति ॥१॥
नहिमेरोदसीउभेऽअन्यंपक्षंचनप्रति ॥ कुवित्सोमस्यापामिति ॥ अभिध्यांमहिनाभुवमभी३
मांपृथिवींमहीं ॥ कुवित्सोमस्यापामिति ॥ हंताहंपृथिवीमिमांनिदधानीहवेहवा ॥ कुवित्सो० ॥ ओषमित्पृथिवीमहंजंघनानीहवेवहा ॥ कुवित्सो० ॥ दिविमेअन्य:पक्षो३धोऽ
अन्यमचीकृषं ॥ कुवित्सो० ॥ अहमस्मिमहामहोभिनभ्यमुदीषित: ॥ कुवित्सो० ॥
गृहोयाम्यरंकृतोदेवेभ्योहव्यवाहन: ॥ कुवित्सोमस्यापामिति ॥२॥
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Last Updated : July 25, 2023
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