जो तुम करीये कोट पाखंडा । धरमराय छोडे नहीं दंडा ॥ध्रु०॥
धरमरायसो दंड जो मांगू । अमुक कर कुंडलन टांगू ॥ जो तुम०॥१॥
तारू गंगा तारू काशी । तारू कृष्णा द्वारकावासी ।
तारू तीन लोककी रानी । तारू दुरगा आदि भवानी जो तुम० ॥२॥
तारू तीन लोकके भूपा । तारू निरंजना जोत सुरूपा ।
चलबे बैकुंठ तजेबा तारू । येक तो प्रेमके ताजन मारू जो तुम० ॥३॥
साहेब कबीर निर्मल असवारा । बेद किताब दोनोंसे न्यारा ।
साखी बेद किताब । हम देखो झूटी उनकी आसारे ।
दोनो गरक जायेगे । बेदके ईसवासारे ॥४॥