तूँ हीं मेरे रसना तूँ हीं मेरे बैना ।
तूँ हीं मेरे स्रवना तूँ हीं मेरे नैना ॥टेक॥
तूँ हीं मेरे आतम कँवल मँझारी ।
तूँ हीं मेरे मनसा तुम्ह परिवारी ॥१॥
तूँ हीं मेरे मनहीं तूँ ही मेरे साँसा ।
तूँ हीं मेरे सुरतैं प्राण निवासा ॥२॥
तूँ हीं मेरे नख-सिख सकल सरीरा ।
तूँ हीं मेरे जिय रे ज्यूँ जलनीरा ॥३॥
तुम्ह बिन मेरे ओर कोइ नाहीं ।
तूँ ही मेरी जीवनि दादू माँहीं ॥४॥