हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|कृष्णदास| बाल दसा गोपालकी सब का... कृष्णदास जब तें स्याम सरन हौं ... बाल दसा गोपालकी सब का... मो मन गिरिधरछबिपै अटक्... भजन - बाल दसा गोपालकी सब का... हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है। Tags : bhajankrishnadasकृष्णदासभजन बिलावल Translation - भाषांतर बाल दसा गोपालकी सब काहू प्यारी । लै लै गोद खिलावहीं, जसुमति महतारी ॥१॥ पीत झँगुलि तन सोहहीं, सिर कुलहि बिराजै । छुद्रघंटिका कटि बनी, पाय नृपुर बाजै ॥२॥ मुरि मुरि नाचै मोर ज्यों सुर नर मुनि मोहै । कृष्णदास प्रभु नंदके आँगनमें सोहै ॥३॥ N/A References : N/A Last Updated : December 21, 2007 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP