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भग

   { bhagḥ, bhaga }
Script: Devanagari

भग     

See : उपभोग

भग     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
BHAGA I   
1) General.
One of the twelve Ādityas born as sons of Kaśyapa prajāpati by his wife, Aditi. Viṣṇu, Śakra, Aryaman, Dhātā, Tvaṣṭā, Pūṣā, Vivasvān, Savitā, Mitra, Varuṇa, Aṁśu and Bhaga--these are the Dvādaśādityas, and they were Devas famous as Tuṣitas in the last Cākṣuṣamanvantara.
2) Other information.
(1) Bhaga married Siddhi, and the couple begot three sons called Mahiman, Vibhu and Prabhu and three daughters called Suvratā, Varārohā, and Āśīs.
(2) Bhaga participated in the birthday celebrations of Arjuna. [M.B., Ādi Parva, Chapter 122, Verse 66] .
(3) At the time of Khāṇḍavadāha (burning of the Khāṇḍava forest) Bhaga, as a supporter of Indra, who was fighting Arjuna and Śrī Kṛṣṇa, sprang upon the enemies with sword in hand. [M.B., Ādi Parva, Chapter 236, Verse 36] .
(4) Bhaga shines forth in Indra's assembly. [M.B., Sabhā Parva, Chapter 7, Verse 22] .
(5) Bhaga was also present at the installation of Subrahmaṇya as commander of the fighting forces. [M.B., Śalya Parva, Chapter 45] .
(6) After Devayuga (Deva age), the Devas asembled together and decided upon the share of yajñas due to each of them, and in thus fixing shares they left out Rudra. Enraged at this neglect Rudra made a bow and fought against the Devas. During the fight Rudra, with the point of his bow, extracted the hands of Savitā, the eyes of Bhaga and the teeth of Pūṣā. Ultimately the Devas satisfied and pleased. Rudra, who returned to Bhaga and others the eyes etc. which had been extracted. [M.B., Sauptika Parva] .
BHAGA II   Certain Purāṇas refer to Bhaga as one of the eleven Rudras. But, this view is not universally accepted.
BHAGA III   A vedic god considered to be the lord of wealth, prowess and happiness. Bhaga is also one of the six Ādityas mentioned in the Ṛgveda, viz. Bhaga, Mitra, Aryamā, Varuṇa, Dakṣa and Aṁśa. [Ṛgveda, 2.27] .

भग     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
noun  एक वैदिक देवता   Ex. भग बारह आदित्यों में से एक हैं ।
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
भग देवता
Wordnet:
benভগ
gujભગ
kasبھگ , بھگ دیوتا
kokभग
marभग
panਭਗ
sanभगः
urdبھگ , بھگ دیوتا
See : योनि

भग     

भग n.  एक वैदिक देवता जो सम्पत्ति, वैभव एवं सौभाग्य की देवता मानी जाती है । यह बारह आदित्यों में से एक माना जाताहै । ऋग्वेद में आदित्यों की संख्या छः दी गयी है, एवं निम्नलिखित देवताओं को आदित्य कहा गया हैः
भग II. n.  बारह आदित्यों मे से एक । शतपथ ब्राह्मण में, प्रजापति के यज्ञ में इसने अपनी ऑंखे किस प्रकार खोंई इसका वर्णन प्राप्त है। प्रजापति के यज्ञ में, यह दक्षिण दिशा में बैठा था । रुद्र के द्वारा प्रजापति का ‘वेध’ किय जाने पर, उसजके यज्ञ का हर्विभाग इसके पास लाया गया जिसे देखने से इसकी ऑखे जाती रही [श.ब्रा.१.७.४] । रुद्र के द्वारा इसकी ऑखे नष्ट होने की यही कथा भागवत में अन्य प्रकार से दी गयी है । दक्ष के यज्ञ में यह ऋत्त्विज था । दक्षद्धारा शिव की निंदा किये जाने पर, ऑंखो के संकेत से इसने दक्ष को इशारा करते हुए उसे और प्रोत्साहित किया था । इस कारण शिव के पार्षद वीरभद्र ने इसकी ऑखें बाहर निकाल लीं [भा.४.५.१७-२०] । महाभारत के अनुसार, स्वयं रुद्र ने इसकी ऑंखे फोड डाली थीं [म.अनु.२६५.१८ कुं] । पश्चात् यह शंकर की शरण में गया, जिस कारण शंकर ने इसे उःशाप दिया ‘तुम मित्रों की ऑखों से देख सकोगे [भा.४.७.३] । इसकी पत्नी का नाम सिद्धि था, जिससे इसे महिमा, विभु तथ अप्रभु नामक पुत्र, तथा आशि नामक कन्या थी [म.६.१८.२, ६.६.३९] । महाभारत में इसे बारह आदित्यों में से एक कहा गया है, एवं इसकी माता का नाम अदिति, एवं पिता का नाम कश्यप बताया गया है । यह अर्जुन के जन्मोत्सव में तथा स्कंद के अभिषेक में उपस्थित था [म.आ.११४.५५] ;[म. श.४४.५] । खाण्डववनदाह के समय घटित हुए युद्ध में यह इन्द्र के पक्ष में था, एवं तलवार तथा धनुष्य लेकर इसने शत्रु पर आक्रमण किया था [म.आ.२१८.३५]
भग III. n.  सौरमण्डल का एक आदित्य [म.आ.५९.१५] । यह माघ माह में प्रकाशित होता है, एवं इसकी ११०० किरणें होती है [भावि. ब्राह्म.१.७८] । भागवत के अनुसार, यह पौष माह में प्रकट होता है, और इसके साथ स्फूर्ज, राक्षस, अरिष्टनेमि गंधर्व, ऊर्ण, यक्ष, आयु ऋषि कर्कोटक नाग तथा पूर्वचित्ति अप्सरा रहती हैं [भा.१२.११.४२]
भग IV. n.  एकादश रुद्रों में से एक, जो अर्जुन के जन्मोत्सव में सम्मिलित था [म.आ.११४.५८]

भग     

कोंकणी (Konkani) WN | Konkani  Konkani
noun  एक वैदीक देव   Ex. भग बारा आदित्यां मदलो एक
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
benভগ
gujભગ
hinभग
kasبھگ , بھگ دیوتا
marभग
panਭਗ
sanभगः
urdبھگ , بھگ دیوتا

भग     

A dictionary, Marathi and English | Marathi  English
An ulcer or a sore; yet esp. applied to a venereal ulcer. 2 Pudendum muliebre.
bhaga n Vulgar for भक्ष or भक Food &c.

भग     

Aryabhushan School Dictionary | Marathi  English
 m  An ulcer.

भग     

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi
noun  एक वैदिक देवता   Ex. भग हे बारा आदित्यांपैकी एक आहे.
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
भग देवता
Wordnet:
benভগ
gujભગ
hinभग
kasبھگ , بھگ دیوتا
kokभग
panਭਗ
sanभगः
urdبھگ , بھگ دیوتا

भग     

न पु .
 न. ऐश्वर्य ; नशीब . [ सं . ]
 पु. न . ( अशिष्ट ) भक ; भक्ष . [ सं . भक्ष ]
क्षत ; व्रण ( मुख्यत्वें उपदंशापासून झालेला ).
योनि ; स्त्रियांचें उपस्थ . भगद्वारा चालवीं संसारु । - एभा ८ . २५८ . [ सं . ] दड , दाड , दळ - न . मोठें भोंक ; खिंड ; जमीनींत पडलेला खड्डा .
जखम ; व्रण .
०देव वि.  ( ल . ) बाहेरख्याली ( माणूस ).
०पाळ वि.  विषयासक्त . चेल्यांचा सुकाळ । पिंडदंड भगपाळ । - तुगा २८१९ .
०भाग्य  न. स्त्रियेनें आपल्या स्वतःच्या आणि पुरुषानें आपल्या बायकोच्या , मुलीच्या इ० देहविक्रयानें मिळविलेली संपत्ति , श्रेष्ठता . [ सं . ]
०भोग  पु. योनिसुख .
०वृत्ति  स्त्री. वेश्यावृत्ति ; भगजीविका . [ सं . ] भगल पु . ( ना . ) गोट्या खेळण्यासाठीं जमीनींत केलेला खळगा .
०ले   - न . रतिविलास ; इष्क . भगळ , ळी - स्त्री . चीर ; भेग ; भगदळ ( विशेषतः जमीनींतील , इमारतींतील ). भगळ भगाड , - स्त्रीन .
पण   - न . रतिविलास ; इष्क . भगळ , ळी - स्त्री . चीर ; भेग ; भगदळ ( विशेषतः जमीनींतील , इमारतींतील ). भगळ भगाड , - स्त्रीन .
मोठें , ओबडधोबड भोंक ; खिंडार ( भिंत , ताल , बंधारा यांतील ).
रुंद तोंडाची जखम , क्षत .

भग     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
भग   a See p. 743, col. 2.
भग  fn. bm. (ifc.f( and ). g.बह्व्-आदि) ‘dispenser’, gracious lord, patron (applied to gods, esp. to सवितृ), [RV.] ; [AV.]
N. of an आदित्य (bestowing wealth and presiding over love and marriage, brother of the Dawn, regent of the नक्षत्रउत्तर-फल्गुनी; यास्क enumerates him among the divinities of the highest sphere; according to a later legend his eyes were destroyed by रुद्र), ib. &c. &c.
the नक्षत्र-Ph°, [MBh. vi, 81]
the sun, ib. iii, 146
the moon, [L.]
N. of a रुद्र, [MBh.]
good fortune, happiness, welfare, prosperity, [RV.] ; [AV.] ; [Br.] ; [Yājñ.] ; [BhP.]
 f. (ifc.f(). ) dignity, majesty, distinction, excellence, beauty, loveliness, [RV.] ; [AV.] ; [Br.] ; [GṛS.] ; [BhP.]
 n. (also n., [L.] ) love, affection, sexual passion, amorous pleasure, dalliance, [RV.] ; [AV.] ; [Br.] ; KātyŚr.; [BhP.]
 f. (n., [L.] ; ifc.f(). ) the female organs, pudendum muliebre, vulva, [Mn.] ; [MBh.] &c.
भग  n. n. a partic.मुहूर्त, [Cat.]
the perinaeum of males, [L.]
भग  mn. mn. = यत्न, प्रयत्न, कीर्ति, यशस्, वैराग्य, इच्छा, ज्ञान, मुक्ति, मोक्ष, धर्म, श्री, [L.]
भग   [cf.Zd.bagha = Old Pers.baga; Gk.Βαγαῖος; Slav.bogŭ, bogatŭ; Lith.bagótas, na-bágas.]

भग     

भगः [bhagḥ]   (also भगम्) [भज्-घ]
One of the twelve forms of the sun; the sun.
The moon.
A form of Śiva.
Good fortune, luck, happy lot, happiness; आस्ते भग आसीनस्य Ait. Br.; भगमिन्द्रश्च वायुश्च भगं सप्तर्षयो ददुः [Y.1.282.]
Affluence, prosperity; 'ऐश्वर्यस्य समग्रस्य वीर्यस्य यशसः श्रियः । ज्ञानवैराग्ययोश्चैव षण्णां भग इतीरणा ॥'; शमो दमो भगश्चेति यत्सङ्गाद्याति संक्षयम् [Bhāg.3.31.33.]
Dignity, distinction.
Fame, glory.
Loveliness, beauty.
Excellence, distinction.
Love, affection.
Amorous dalliance or sport, pleasure.
The pudendum muliebre; [Y.3.88;] गुरुतल्पे भगः कार्यः [Ms. 9.237.]
Virtue, morality, religious merit. (धर्म).
Effort, exertion.
Absence of desire, indifference to worldly objects.
Final beatitude.
Strength.
Omnipotence; (said to be n. also in the last 15 senses).
 N. N. of an Āditya presiding over love and marriage; [Mb.1.227.36.]
Knowledge.
Desire, wish.
The superhuman power of becoming as small as an atom, one of the eight Siddhis or powers of Śiva; see अणिमन्.
गा (in comp.). Dignity, majesty; भूः कालभर्जितभगापि यदङ्घ्रिपद्मस्पर्शोत्थशक्ति- रभिवर्षति नोऽखिलार्थान् [Bhāg.1.82.3.]
The female organ.
गम् The asterism called उत्तराफल्गुनी; भगं नक्षत्र- माक्रम्य सूर्यपुत्रेण पीड्यते [Mb.6.3.14.]
The perinæum of males. -Comp.
-अङ्कुरः   (in medicine) clitoris.-आधानम् granting matrimonial happiness.
-ईशः   the lord of fortune or prosperity.
-काम a.  a. desirous of sexual pleasure.
-घ्नः   an epithet of Śiva; नमस्ते त्रिपुरघ्नाया भगघ्नाय नमो नमः [Mb.]
-दारणम् = भगंदरः   q. v.
-देवः   a thorough libertine; भगदेवानुयातानां सर्वासां वामलोचना [Mb. 14.43.15.]
-देवता   the deity presiding over marriage.-दैवत a. conferring conjugal felicity. (-तम्) the constellation उत्तराफल्गुनी; विवाहं स्थापयित्वाऽग्रे नक्षत्रे भगदैवते [Mb.1.8.16.] ˚मासः the month Phālguna; भगदैवतमासं तु एकभक्तेन यः क्षिपेत् [Mb.13.16.22.]
-नन्दनः   an epithet of Viṣṇu.
-नेत्रघ्नः, -नेत्रहरः   an epithet of Śiva. वर्जयित्वा विरूपाक्षं भगनेत्रहरं हरम् [Mb.1.221.8.]
पुरम् N. of the city, Multān.
-भक्षकः   a pander, procurer.
-वृत्ति a.  a. subsisting by the vulva.
-वेदनम्   proclaiming matrimonial felicity.
-शास्त्रम् (= कामशास्त्रम्). -हन्  m. m. N. of Viṣṇu (originally of Śiva).

भग     

Shabda-Sagara | Sanskrit  English
भग  n.  (गं)
1. Pudendum muliebre.
2. Fortune, prosperity.
3. Beauty, splendour.
4. Excellence, greatness.
5. Desire, wish, love.
6. Strength, vigour.
7. Effort, exertion.
8. Fame, glory.
9. Know- ledge.
10. Absence of passion, the tranquillity of the religious man, who has divested himself of worldly excitability.
11. Omni- potence, supreme or divine power.
12. Virtue, moral merit.
13. Final emancipation.
 m.  (-गः)
1. The sun.
2. One of the twelve suns or Ādityas.
3. The moon.
4. A form of ŚIVA.
E. भज् to serve, &c. aff.
ROOTS:
भज्

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