संह्राद n. एक असुर, जो हिरण्यकशिपु का द्वितीय पुत्र एवं प्रह्लाद का छोटा भाई था । इसके अन्य भाइयों के नाम प्रह्लाद, अनुह्राद, शिबि एवं बाष्कल थे
[म. आ. ८९.१७-१८] । इसकी माता का नाम कयाधु एवं पत्नी का नाम कृति था । मृत्यु के पश्चात् यह वरुणसभा में रह कर वरुण की उपासना करने लगा
[म. स. ९.१२] । पाठभेद - प्रह्लाद।
संह्राद n. महाभारत एवं पुराणों में इसके पुत्रों के नाम विभिन्न प्रकार से दिये गये हैः-- १. महाभारत में---इस ग्रंथ में मद्रदेश का सुविख्यात राजा शल्य इसी के अंश से उत्पन्न कहा गया है
[म. आ. ६१.६] ; २. ब्रह्मांड. में---जंभ, बाष्कल, कालनेमि, शंभु। इस पुराण में इसकी वंशावलि भी दी गयी है
[ब्रह्मांड. ३.५.३८-३९] । ३. विष्णु में---आयुष्मत्, शिबि एवं बाष्कल
[विष्णु. १. २१.१] ; ४. भागवत में---पंचजन
[भा. .१८.१३] ; ५. मत्स्य में---इस ग्रंथ में इसके पुत्रों का सामूहिक नाम ‘निवातकवच’ दिया गया है, एवं उन्हें देव, गंधर्व एवं उरग आदि के लिए अवध्य बताया गया है
[मत्स्य. ६.९.२८-२९] ।
संह्राद II. n. जालंधरसेना का ऐक सैनिक।