Dictionaries | References

अवतारकथन

   
Script: Devanagari

अवतारकथन

अवतारकथन n.  ब्रह्मदेव ने कर्दम ऋषि से प्रजा उत्पन्न करने के लिये कहा । यह सरस्वती नदी के किनारे गया, तथा वहॉं दस हजार वर्षो तक इसने तपश्चर्या की । तब इसे विष्णु का दर्शन हुआ , तथा तुम्हारी इच्छा पूरी होगी, ऐसा उसने इसे बताया । विष्णु ने कहा “ब्रह्मदेव का पुत्र मनु सार्वभौम राजा है, तथा ब्रह्मावर्त में रह कर, सप्तसमुद्रांकित पृथ्वी का पालन करता है । वह धर्मज्ञ राजर्षि अपनी शतरुपा नामक पटरानी के साथ परसो तक यहॉं आवेगा । उसकी उपवर कन्या देवहूति, योग्य पति के प्राप्ति की बाट जोह रही है । वह तेरे अनुरुप है, इसलिये तू उससे विवाह कर । वह तेरी सेवा उत्तम रीति से करेगी । उसके गर्भ में तेरे वीर्य के साथ में मैं प्रवेश कर अवतार लूँगा, तथा सांख्यसास्त्र निर्माण करुँगा" । इतना कह कर विष्णु चले गये ।

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP