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नघवास्त्व

   
Script: Devanagari

नघवास्त्व

नघवास्त्व n.  अग्नि का आश्रित । घोरपुत्र कण्व ने अग्नि की प्रार्थना कर, नववास्त्व को अपने पास भेजने के लिये कहा है [ऋ.१.३६.१८] । संभवतः यह उशनस् का पुत्र एवं इंद्र के प्रियपात्रों में से एक था । किंतु ऋग्वेद में कई अन्य स्थानों में इंद्र द्वारा इसका वध होने का निर्देश भी प्राप्त है । भरद्वाज ने इन्द्र के द्वारा इसका वध अरवा कर उशनस् का पुत्र वापस ला दिया [ऋ.६.२०.११] । ऋग्वेद में तीसरे एक स्थान पर, ‘नववास्त्व बृहद्रथ’ नाम से इसका निर्देश आया है । इंद्र ने इसका नाश किया [ऋ.१०.४९.६]

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