विश्र्ववस् n. (स्वा.) एक ऋषि, जो वैश्रवण कुबेर का पिता था
[वायु. ५९.९०-९१] ;
[ब्रह्मांड. २.३३.९८-१००] । इसके भाई का नाम अगस्त्य था ।
विश्र्ववस् n. भागवत में इसे पुलस्त्य एवं हविर्भू का पुत्र कहा गया है
[भा. ४.१.३६-३७] । ब्रह्मांड में इसकी माता का नाम इलविला दिया गया है, जो तृणबिंदु एवं अलंबुषा की कन्या थी
[ब्रह्मांड. ३.७.३९-४२] । वायु में इसकी माता का नाम द्रविडा दिया गया है
[वायु. ८६.१६] । इलविला एवं द्रविडा इसकी माता का नाम था, या पत्नी का, इस संबंध में पुराण में एकवाक्यता नहीं है ।
विश्र्ववस् n. इसकी निम्नलिखित पत्नीयाँ थीः-- १. इडविडा (इलविला, इडविला); २. केशिनी (कैकसी); ३. पुष्पोत्कटा; ४. राका (वाका); ५. बलाका; ६. चेडविडा; ७. देववर्णिनी; ८. मंदाकिनी
[पद्म. पा. 6] ; ९. मालिनी
[म. व. २५९.६०] । अपनी उपर्युक्त पत्नीयो से इसे निम्नलिखित पुत्र उत्पन्न हुएः-- (१) इडविडापुत्र---कुवैर श्रवण। (२) केशिनीपुत्र---रावण, कुंभकर्ण, विभीषण नामक पुत्र एवं शूर्पणखा नामक कन्या। (३) पुष्पोत्काटापुत्र---महोदर, प्रहस्त, महापांशु एवं खर नामक पुत्र, एवं कुंभनसी नामक कन्या। (४) राकापुत्र---त्रिशिरस्, दूषण, विद्युज्जिह्व नामक पुत्र, एवं असलिका नामक कन्या
[वायु. ७०.३२-३५] ;४१;४९-५० । महाभारत के अनुसार, इसकी पत्नीयों में से पुष्पोत्कटा, राका एवं मालिनी ये तीनों राक्षसकन्याएँ थी, जो कुबेर ने अपने माता पिता की सेवा के लिए नियुक्त की थी । महाभारत में विभिषण को मालिनी का, कुंभकर्ण एवं रावण को पुष्पोत्कटा का, एवं खर एवं शूर्पणखा को राका की संतान बतायी गयी है
[म. व. २५९.७-८] ।
विश्र्ववस् n. विश्रवस् ऋषि का आश्रम आनर्त देश की सीमा में स्थित था । इसी आश्रम में कुवेर का जन्म हुआ था ।
विश्र्ववस् II. n. (सू. दिष्ट.) एक राजा, जो तृणबिंन्दु का पुत्र था ।
विश्र्ववस् III. n. एक राजा, जो द्रविड राजा का पौत्र, एवं विशाल राजा का पुत्र था
[वायु. ८६.१६] ।