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शंबुक , शंबूक

   
Script: Devanagari

शंबुक , शंबूक     

शंबुक , शंबूक n.  एक शूद्र, जो अपना शूद्रधर्म छोड़ कर तपस्वी बना था । महाभारत एवं रामायण में इसकी कथा प्राप्त है, जहाँ इसे क्रमशः ‘शंबुक’, एवं ‘शंबूक’ कहा गया है [म. शां. १४९.६२] ;[वा. रा. उ. ७६.४] । त्रैवर्णिकों की सेवा करने का अपना शूद्रधर्म त्याग कर, यह जनस्थान में तपस्या करने लगा। इसके इस पापकर्म के कारण, एक सोलह वर्ष के ब्राह्मण पुत्र की असामयिक मृत्यु हो गयी। अपने इस पुत्र की मृत्यु की तकरार ब्राह्मण ने राम के सम्मुख पेश की, एवं एक राजा के नाते उसे इस घटना के लिए दोषी ठहराया । इसी समय राम को ज्ञात हुआ कि, शंबूक के वर्णांतर के पाप के कारण, ब्राह्मणपुत्र के अपमृत्यु की घटना घटित हुई है । यह ज्ञात होते ही, राम विमान में बैठ कर दक्षिणापथ में शैवलक के उत्तर में स्थित जनस्थान में गया, एवं वहाँ तपस्या करनेवाले इस शूद्रजातीय मुनि का उसने वध किया । इसका वध होते ही मृत हुआ ब्राह्मणपुत्र पुनः जीवित हुआ। इसी प्रकार की एक कथा मांधातृ राजा के संबंध में भी प्राप्त है, किंतु वहाँ मांधातृ राजा ने शूद्र मुनि का वध न कर, अपनी तपस्या के प्रभाव से ब्राह्मणपुत्र को पुनः जीवित करने का निर्देश वहाँ प्राप्त है [पद्म. उ. ५७]
शंबुक , शंबूक n.  चातुर्वर्ण्य में हर एक वर्ण को अपना नियत कर्तव्य निभाना चाहिये, एवं वर्णान्तर नहीं करना चाहिये, क्योंकि, ऐसें वर्णान्तर से समाज की रचना बिगड़ जाने की संभावना है, इस तत्त्व के प्रतिपादन के लिए शंबूक की कथा महाभारत एवं रामायण में दी गयी है । बौद्ध धर्म जैसे संन्यासधर्म को प्रधानता देनेवाले धर्म के प्रचार के पश्चात् समाज के हरएक व्यक्ति का झुकाव अपना नियत कर्तव्य छोड़ कर, संन्यासधर्म को स्वीकार करने की ओर होने लगा। उस समय समाज की संन्यासप्रवणता कम करने के हेतु उपर्युक्त कथा की रचना की गयी होगी, जिसमें तपश्र्चर्या के समान अनुत्पादक व्यवहार की कटु आलोचना की गयी है । आगे चल कर पौराणिक साहित्य के रचनाकाल में भक्तिमार्ग की प्रबलता समाज में पुनः एक बार बढ़ गयी, जिस समय इस कथा को बदल कर उसका परिवर्तन तपस्याप्रधान कथा में किया जाने लगा, जिसका यथार्थ रूप मांधातृ की कथा में पाया जाता है ।
शंबुक , शंबूक II. n.  सहिष्णु नामक शिवावतार का एक शिष्य।
शंबुक , शंबूक III. n.  एक आदित्य, जो कश्यप एवं दिति के पुत्रों में से एक था ।
शंबुक , शंबूक IV. n.  स्कंद का एक सैनिक [म. श. ४४.७१]

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