बृहन्त n. कुलूत देश का राजा । युधिष्ठिर के राजसूर्य यज्ञ के समय, अर्जुन ने किये उत्तर दिग्विजय में, इसका अर्जुन के साथ युद्ध हुआ था । उस युद्ध में इसका पराजय हुआ, एवं अनेक प्रकार के रत्नों के भेंट ले कर यह अर्जुन की सेवा में उपस्थित हुआ था
[म.स.२४.४-११] । द्रौपदी के स्वयंवर में भी उपस्थित था
[म.आ.१७७.७] । युधिष्ठिर के प्रति इसके मन में अत्यधिक आदरभाव था । इस कारण, भारतीय युद्ध में यह पांडवों के पक्ष में शामिल था
[म.उ.,४.१३] । इसके रथ को जोते गये अश्व अत्यधिक सुंदर थे
[म.द्रो.२२.४४] । अन्त में दुःशासन के द्वारा यह मारा गया
[म.क.४.६५] ।
बृहन्त II. n. कौरव पक्ष का एक योद्धा, जो क्षेमधूर्ति का भाई था । भारतीय युद्ध में सात्यकि के साथ इसका युद्ध हुआ था
[म.द्रो.२४.४५] । अन्त में इसी युद्ध में यह मारा गया
[म.क.४.४१] ।
बृहन्त III. n. (सो. पूरु.) एक राजा, जो मत्स्य के अनुसार बृहदनु राजा का पुत्र था ।