सुतपस् n. सावर्णि मन्वंतर का एक देवगण, जिसमें निम्नलिखित वीस देव शामिल थेः-- आर्चिष्मत्, कीर्ति, क्रतु, कृतिनेमि, तपस्, तेजस् द्योतन, धर्म, धृति, प्रभाकर, प्रभास, बुध, भानु, मासकृत्, यशस्, रश्मि, विराज्, एवं शुक्र
[ब्रह्मांड. ४.१.१२] ।
सुतपस् II. n. एक ऋषि, जो निवृत्तिचक्षु ऋषि का पुत्र था । एक बार इसने उत्पलावती से संभोग की प्रार्थना की। उसके द्वारा इसकी प्रार्थना अस्वीकार किये जाने पर, इसने उसे मृगी बनने का शाप दिया । उत्पलावती के द्वारा उःशाप की माँग किये जाने पर, उसके गर्भ से ‘लोल’ नामक तामस मनु निर्माण होने का उःशाप इसने उसे प्रदान किया
[मार्क.७१] ।
सुतपस् III. n. भरद्वाजकुलोत्पन्न एक ऋषि। इसकी कुल दो पत्नियाँ थी । उनमें से एक पितृकन्या थी, जिससे इसे कल्याणमित्र नामक पुत्र उत्पन्न हुआ । इसकी दूसरी पत्नी पर सूर्य ने बलात्कार किया, जिससे इसे अश्विनीसुत नामक पुत्र उत्पन्न हुआ । अपनी इस व्यभिचारिणी पत्नी का, एवं उसके पुत्र का इसने त्याग किया । किंतु आगे चल कर स्वयं कृष्ण के द्वारा आज्ञा दिये जाने पर, इसने अपने इन स्त्रीपुत्रों को पुनः स्वीकार किया
[ब्रह्म. वै. १.११] ।
सुतपस् IV. n. सावर्णि मन्वंतर का एक देवगण ।
सुतपस् IX. n. दक्षसावर्णि मन्वंतर का एक ऋषि ।
सुतपस् V. n. एक मरुत्, जो मरुतों के पहले गण में समाविष्ट था ।
सुतपस् VI. n. एक प्रजापति, जिसने इस पृथ्वी पर वसुदेव के रूप में जन्म लिया था
[भा. १०.३.३२] ।
सुतपस् VII. n. उत्तम मन्वंतर के सप्तर्षियों में से एक ।
सुतपस् VIII. n. तामस मनु के पुत्रों में से एक ।
सुतपस् X. n. ०. रुद्रसावर्णि मन्वंतर के सप्तर्षियों में से एक ।
सुतपस् XI. n. १. रौज्य मनु के पुत्रों में से एक ।
सुतपस् XII. n. २. रौच्य मन्वंतर के सप्तर्षियों में से एक ।
सुतपस् XIII. n. ३. (सो. अनु.) एक राजा, जो भागवत, विष्णु, एवं वायु के अनुसार हेम राजा का पुत्र, एवं बलि राजा का पिता था
[भा. ९.२३.४] । मत्स्य में इसे सेन राजा का पुत्र कहा गया है ।
सुतपस् XIV. n. ४. (सू. इ. भविष्य.) एक राजा, जो भागवत के अनुसार अंतरिक्ष राजा का पुत्र, एवं अमित्रजित् राजा का पिता था
[भा. ९.१२.१२] । वायु, विष्णु, मत्स्य, एवं भविष्य में इसे क्रमशः ‘सुपर्ण’, ‘सुवर्ण’, ‘सुषेण’, एवं ‘सुवर्णांग’ कहा गया है ।
सुतपस् XV. n. ५. (सो. कुरु. भविष्य.) एक राजा, जो मत्स्य के अनुसार परिष्णव (परिप्लव) राजा का पुत्र था
[मत्स्य. ५०.८३] । पाठभेद- सुनय।