सुदामन् n. सीरध्वज जनक राजा का एक मंत्री ।
सुदामन् II. n. कृष्ण के बालमित्र कुचैल का नामान्तर । भागवत में प्राप्त इसकी कथा में, इसका निर्देश सर्वत्र ‘कुचैल’ नाम से ही किया गया है । किन्तु लोकश्रुति में यह सुदामन् नाम से ही अधिक सुविख्यात है (कुचैल देखिये) । श्रीकृष्ण ने इसे एक सुवर्ण नगरी प्रदान की थी, जो कई अभ्यासकों के अनुसार आधुनिक सुराष्ट्र में स्थित पोरबंदर मानी जाती है । कृष्ण की कृपा से इसे स्वर्गलोक से भी श्रेष्ठ तर ‘गोलोक’ की प्राप्ति हुई।
सुदामन् III. n. दशार्ण देश का एक राजा, जो चेदिराज सुबाहु एवं विदर्भराजकन्या दमयंती का पितामह था
[म. व. ६६.१२] । इसकी कुल दो कन्याएँ थी, जिनमें से एक का विवाह विदर्भ राजा भीम से, एवं दूसरे का विवाह चेदिराज वीरबाहु से हुआ था ।
सुदामन् IV. n. मोदपुर देश का एक राजा
[म. स. २४.१०] ।
सुदामन् IX. n. एक गोप, जो कृष्ण के आठ प्रमुख गोप सखाओं में से एक था
[दे. भा. ९.१८.२] । अपने अगले जन्म में यह शंखचूड नामक राक्षस बना था (शंखचूड २. देखिये) ।
सुदामन् V. n. पाण्डवों के पक्ष का एक राजा, जिसके रथ के अश्व मृणालिनी के समान नीले, एवं श्येनपक्षी के समान वेगवान् थे
[म. द्रो. २२.४२] ।
सुदामन् VI. n. काशिदेश का एक राजा, जो अभिभू (सुकेतु) नामक राजा का पुत्र था । अपने पिता के साथ यह द्रौपदीस्वयंवर में उपस्थित हुआ था ।
सुदामन् VII. n. उत्तरभारत का एक लोकसमूह, जिसे अर्जुन ने अपने उत्तरदिग्विजय के समय जीता था
[म. स. २४.१०] ।
सुदामन् VIII. n. स्कंद की अनुचरी एक मातृका
[म. श. ४५.१०] ।
सुदामन् X. n. ०. चाक्षुष मन्वन्तर के सप्तर्षियों में से एक ।
सुदामन् XI. n. १. कंस का एक माली, जिसने मथुरा में आये हुए कृष्ण एवं बलराम को पुष्पमालाएँ अर्पित की थी
[भा. १०.४१. ४३-५२] ।
सुदामन् XII. n. २. एक यादव राजा। जरासंध के द्वारा किये मथुरा नगरी के आक्रमण के समय, इस पर उस नगरी के उत्तर द्वार के संरक्षण का भार सौंपा गया था ।