दीपावली पर सरस्वती पूजन करने का भी विधान है । इसके लिए लक्ष्मी पूजन करने के पश्चात् निम्नलिखित मन्त्रों से माँ सरस्वती का भी पूजन करना चाहिए । सर्वप्रथम निम्नलिखित मन्त्र से माँ सरस्वती का ध्यान करे ।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता ,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्र्वेतपद्मासना ।
या ब्रह्माच्यूतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता ,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥
हाथ में लिए हुए अक्षतों को माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष चढ़ा दें । अब माँ सरस्वती का पूजन निम्नलिखित प्रकार से करे ।
तीन बार जल के छींटे दें और बोलेः पाद्यं , अर्घ्यं , आचमनीयं ।सर्वाङ्गेस्नानं समर्पयामि । माँ सरस्वती पर जल के छीटे दें ।
सर्वाङ्गे पंचामृत स्नानं समर्पयामि । माँ सरस्वती को पंचामृत से स्नान कराएँ ।
पंचामृतस्नानान्ते शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि । शुद्ध जल से स्नान कराएँ ।
सुवासितम् इत्रं समर्पयामि । माँ सरस्वती पर मौली चढ़ाएँ ।
आभूषण समर्पयामि । माँ सरस्वती पर आभूषण चढ़ाएँ ।
गन्धं समर्पयामि । माँ सरस्वती पर रोली अथवा लाल चन्दन चढ़ाएँ ।
अक्षतान् समर्पयामि । माँ सरस्वती पर चावल चढ़ाएँ ।
पुष्पमालां समर्पयामि । माँ सरस्वती पर पुष्पमाला चढ़ाएँ ।
कुंकुमं समर्पयामि । माँ सरस्वती पर कुंकुम चढ़ाएँ ।
धूपम् आघ्रापयामि । माँ सरस्वती पर धूप करें ।
दीपक दर्शयामि । माँ सरस्वती को दीपक दिखाएँ ।
नैवेद्यं निवेदयामि । माँ सरस्वती को प्रसाद चढ़ाएँ ।
आचमनं समर्पयामि । माँ सरस्वती पर जल के छीटे दें ।
ताम्बूलं समर्पयामि । माँ सरस्वती पर पान , सुपारी , इलायची आदि चढ़ाएँ ।
ऋतुफलं समर्पयामि । माँ सरस्वती पर ऋतुफल चढ़ाएँ ।
दक्षिणां समर्पयामि । माँ सरस्वती पर नकदी चढ़ाएँ ।
कर्पूरनीराजनं समर्पयामि । माँ सरस्वती की कर्पूर जलाकर आरती करें ।
नमस्कारं समर्पयामि । माँ सरस्वती को नमस्कार करें ।
पूजन के उपरांत हाथ जोड़कर इस प्रकार प्रार्थना करे ।
सरस्वती महाभागे देवि कमललोचने ।
विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोऽस्तुते ।