कामाक्ष्यष्टोत्तरशतनामावलिः
अष्टोत्तरशतनामावलिः म्हणजे देवी देवतांची एकशे आठ नावे, जी जप करताना म्हणावयाची असतात. नावे घेताना १०८ मण्यांची जपमाळ वापरतात.
Ashtottara shatanamavali means 108 names of almighty God and Godess.
अथ श्री कामाक्ष्यष्टोत्तरशतनामावलिः ॥
ॐ श्री कलकण्ठ्यै नमः ॥
ॐ श्री त्रिपुरायै नमः ॥
ॐ श्री बालायै नमः ॥
ॐ श्री मायायै नमः ॥
ॐ श्री त्रिपुरसुन्दर्यै नमः ॥
ॐ श्री सुन्दर्यै नमः ॥
ॐ श्री सौभाग्यवत्यै नमः ॥
ॐ श्री क्लींकार्यै नमः ॥
ॐ श्री सर्व मङ्गलायै नमः ॥
ॐ श्री ऐंकार्यै नमः ॥ १०
ॐ श्री स्कन्द जनन्यै नमः ॥
ॐ श्री परायै नमः ॥
ॐ श्री पञ्चदशाक्षर्यै नमः ॥
ॐ श्री त्रैलोक्य मोहनाधीशायै नमः ॥
ॐ श्री सर्वाशापूर वल्लभायै नमः ॥
ॐ श्री सर्व संक्षोभणाधीशायै नमः ॥
ॐ श्री सर्व सौभाग्य वल्लभायै नमः ॥
ॐ श्री सर्वार्थ साधकाधीशायै नमः ॥
ॐ श्री सर्व रक्षाकराधिपायै नमः ॥
ॐ श्री सर्वरोगहराधीशायै नमः ॥ २०
ॐ श्री सर्व सिद्धिप्रदाधिपायै नमः ॥
ॐ श्री सर्वानन्द मयाधीशायै नमः ॥
ॐ श्री योगिनी चक्रनाभिकायै नमः ॥
ॐ श्री भक्तानुरक्तायै नमः ॥
ॐ श्री रक्ताङ्ग्यै नमः ॥
ॐ श्री शङ्करार्ध शरीरिण्यै नमः ॥
ॐ श्री पुष्पबाणेक्षुकोदण्ड पाशाङ्कुशकरायै नमः ॥
ॐ श्री उज्वलायै नमः ॥
ॐ श्री सच्चिदानन्द लहर्यै नमः ॥
ॐ श्री श्री विद्यायै नमः ॥ ३०
ॐ श्री परमेश्वर्यै नमः ॥
ॐ श्री अनङ्ग कुसुमोकुसुमोध्यानायै नमः ॥
ॐ श्री चक्रेश्वर्यै नमः ॥
ॐ श्री भुवनेश्वर्यै नमः ॥
ॐ श्री गुप्तायै नमः ॥
ॐ श्री नित्यायै नमः ॥
ॐ श्री नित्य क्लिन्नायै नमः ॥
ॐ श्री मदद्रवायै नमः ॥
ॐ श्री मोहिण्यै नमः ॥
ॐ श्री परमानन्दायै नमः ॥ ४०
ॐ श्री कामेश्यै नमः ॥
ॐ श्री तरुणी कलायै नमः ॥
ॐ श्री श्री कलावत्यै नमः ॥
ॐ श्री भगवत्यै नमः ॥
ॐ श्री पद्मराग किरीटायै नमः ॥
ॐ श्री रक्त वस्त्रायै नमः ॥
ॐ श्री रक्त भूषायै नमः ॥
ॐ श्री रक्त गन्धानुलेपनायै नमः ॥
ॐ श्री सौगन्धिक लसत्वेण्यै नमः ॥
ॐ श्री मन्त्रिण्यै नमः ॥ ५०
ॐ श्री तन्त्र रूपिण्यै नमः ॥
ॐ श्री तत्वमय्यै नमः ॥
ॐ श्री सिद्धान्त पुरवासिन्यै नमः ॥
ॐ श्री श्रीमत्यै नमः ॥
ॐ श्री चिन्मय्यै नमः ॥
ॐ श्री देव्यै नमः ॥
ॐ श्री कौलिन्यै नमः ॥
ॐ श्री परदेवतायै नमः ॥
ॐ श्री कैवल्य रेखायै नमः ॥
ॐ श्री वशिन्यै नमः ॥ ६०
ॐ श्री सर्वेश्वर्यै नमः ॥
ॐ श्री सर्व मातृकायै नमः ॥
ॐ श्री विष्णु स्वस्त्रे नमः ॥
ॐ श्री वेदमय्यै नमः ॥
ॐ श्री सर्वसंपत्प्रदायिन्यै नमः ॥
ॐ श्री किङ्करी भूत कीर्वाण्यै नमः ॥
ॐ श्री सुधावापी विनोदिन्यै नमः ॥
ॐ श्री मणिपूर समासीनायै नमः ॥
ॐ श्री अनाहताब्ज वासिन्यै नमः ॥
ॐ श्री विशुद्धिचक्र निलयायै नमः ॥ ७०
ॐ श्री आज्ञापद्म निवासिन्यै नमः ॥
ॐ श्री अष्टत्रिंशत् कलामूर्त्यै नमः ॥
ॐ श्री श्री सुषुम्ना द्वार मध्यकायै नमः ॥
ॐ श्री योगीश्वर मनोध्येयायै नमः ॥
ॐ श्री परब्रह्म स्वरूपिण्यै नमः ॥
ॐ श्री चतुर्भुजायै नमः ॥
ॐ श्री चन्द्र चूडायै नमः ॥
ॐ श्री पुराणागम रूपिण्यै नमः ॥
ॐ श्री ओङ्कार्यै नमः ॥
ॐ श्री विमलायै नमः ॥ ८०
ॐ श्री विद्यायै नमः ॥
ॐ श्री पञ्चप्रणव रूपिण्यै नमः ॥
ॐ श्री भूतेश्वर्यै नमः ॥
ॐ श्री भूतमय्यै नमः ॥
ॐ श्री पञ्चाशत्पीठ रूपिण्यै नमः ॥
ॐ श्री षोडान्यास महारूपिण्यै नमः ॥
ॐ श्री कामाक्ष्यै नमः ॥
ॐ श्री दशमातृकायै नमः ॥
ॐ श्री आधार शक्त्यै नमः ॥
ॐ श्री अरुणायै नमः ॥ ९०
ॐ श्री लक्ष्म्यै नमः ॥
ॐ श्री त्रिपुर भैरव्यै नमः ॥
ॐ श्री रहःपूजा समालोलायै नमः ॥
ॐ श्री रहोयन्त्र स्वरूपिण्यै नमः ॥
ॐ श्री त्रिकोण मध्यनिलयायै नमः ॥
ॐ श्री बिन्दुमण्डलवासिन्यै नमः ॥
ॐ श्री वसुकोणपुरावासायै नमः ॥
ॐ श्री दशारद्वय वासिन्यै नमः ॥
ॐ श्री चतुर्दशारचक्रस्थायै नमः ॥
ॐ श्री वसुपद्म निवासिन्यै नमः ॥ १००
ॐ श्री श्री स्वराब्ज पत्र निलयायै नमः ॥
ॐ श्री वृत्तत्रय वासिन्यै नमः ॥
ॐ श्री चतुरस्र स्वरूपास्यायै नमः ॥
ॐ श्री नवचक्र स्वरूपिण्यै नमः ॥
ॐ श्री महानित्यायै नमः ॥
ॐ श्री विजयायै नमः ॥
ॐ श्री श्री राजराजेश्वर्यै नमः ॥
इति श्री कामाक्ष्यष्टोत्तरशत नामावलिः समाप्ता ॥
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Last Updated : November 11, 2016
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