शौच-विधि
प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.
शौचाचार
शौचे यत्न: सदा कार्य: शौचमूलो द्विज: स्मृत: ।
शौचाचारविहीनस्य समस्ता निष्फला: क्रिया: ॥
'शौचाचारमें सदा प्रयत्नशील रहना चाहिये, क्योकि ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्यका मूल शौचाचार ही है, शौचाचारका पालन न करनेपर सारी क्रियाएँ निष्फल हो जाती हैं ।'
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शौच-विधि --
यदि खुली जगह मिले तो गाँवसे नैऋत्यकोण -- (दक्षिण और पश्चिमके बीच) की ओर कुछ दूर जाय । रातमें दूर न जाय । नगरवासी गृहके शौचालयमें सुविधानुसार मूत्र- पुरीषका उत्सर्ग करें । मिट्टी और जलपात्र लेते जायँ । इन्हें पवित्र जगहपर रखें जलपात्राको हाथमें रखना निषिध्द है । सिर और शरीरको ढका रखें । जनेऊको दायें कानपर चढ़ा लें । अच्छा तो यह है कि जनेऊको दायें हाथसे निकालकर (कण्ठमें करके) पहले दायें कानको लपेटे, फिर उसे सिरके ऊपर लाकर बायें कानको भी लपेट ले शौचके लिये बैठते समय सुबह, शाम और दिनमें उत्तरकी मुख करे तथा रातमें दक्षिणकी ओर । यज्ञमें काम न आनेवाले तिनकोंसे जमीनको ढक दे । इसके बाद मौन होकर शौच-क्रिया करे । उस समय जोरसे साँस न ले और थूके भी नहीं । शौचके बाद पहले मिट्टी और-जलसे लिन्गको एक बार धोवे । बादमें मलस्थानको तीन बार मिट्टी-जलसे धोवे । प्रत्येक बार मिट्टीकी मात्रा हरे आँवलेके बरोवर हो । बादमें बायें हाथको एक बार मिट्टीसे धोकर अलग रखे, इससे कुछ स्पर्श न करे । इसके पहले आवश्यकता पड़नेपर बायें हाथसे नाभिके अंगोंको स्पर्श किया जा सकता था, किंतु अब नहीं । नाभिके ऊपरके स्थानोंको सदा दाहिने हाथसे छूना चाहिये । दाहिने हाथसे ही लोटा या वस्त्रका स्पर्श करे । लाँग लगाकर (पुछटा खोंसकर) पहलेसे ही रखी गयी, मिट्टीके तीन भागोंमेंसे हाथ धोने (मलने) और कुल्ला करनेके लिये नियत जगहपर आये । पश्चिमकी ओर बैठकर मिट्टीके पहले भागमेंसे बायें हाथको दस बार और दूसरे भागसे दोनों हाथोंको पहुँचेतक सात बार धोये । जलपात्रको तीन बार धोकर, तीसरे भागसे पहले दायें पैरको, फिर बायें पैरको तीन-तीन बार मिट्टी और जल लेकर धोये । इसके बाद बाँयी ओर बारह कुल्ले करे । बची हुई मिट्टीको अच्छी तरह बहा दे । जलपात्रको मिट्टी और जलसे धोकर विष्णुका स्मरण कर, शिखाको बाँधकर जनेऊको 'उपवीत' कर ले, अर्थात् बायें कंधेपर रखकर दायें हाथके नीचे कर ले । फिर दो बार आचमन करे ।
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Last Updated : November 25, 2018
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