हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|पौषके व्रत|पौष कृष्णपक्ष व्रत| कृष्णैकादशी पौष कृष्णपक्ष व्रत संकष्टचतुर्थी रुक्मिणी अष्टमी कृष्णैकादशी सुरुपद्वादशी पौष कृष्णपक्ष व्रत - कृष्णैकादशी व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalpaushavratपौषमहिनाव्रतसण कृष्णैकादशी Translation - भाषांतर कृष्णैकादशी ( पद्मपुराण ) - पौष कृष्ण एकादशीको उपवास करके भगवानका यथाविधि पूजन करे । यह सफला एकादशी है; अतः नैवेद्यमें केला, बिजौरा, जंबीरी, नारियल, दाडिम ( अनार ) और पूगफलादि अर्पण करके रात्रिमें जागरण करे । प्राचीन कालमें चम्पावतीके माहिष्मन् राजाका लुम्पक नामक पुत्र कुमार्गी होकर धन - पुत्रादिसे हिन हो गया था । कई वर्ष कष्ट भोगनेके बाद एक रोज ( एकादशीको ) उसने फल बीनकर किसीए पुराने पीपलकी जड़में रख दिये और असमर्थ होनेके कारण खाये नहीं । वह रातभर जागता रहा । इस प्रकार अनायास किये गये व्रतसे भी भगवान् प्रसन्न हुए और उसे उसके पितासे आदरपूर्वक चम्पावतीका राज्य दिला दिया । N/A References : N/A Last Updated : January 01, 2002 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP