हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|माघके व्रत|माघ कृष्णपक्ष व्रत| पात्रदान माघ कृष्णपक्ष व्रत माघस्त्रान वक्रतुण्डचतुर्थी कृष्णैकादशी माघी अमा विधिपूजा अर्धोदय पात्रदान माघ कृष्णपक्ष व्रत - पात्रदान व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalmaghavratमहिनामाघव्रतसण पात्रदान Translation - भाषांतर पात्रदान ( स्कन्दपुराण ) - अर्धोदय योगवाली अमावस्याको साठ, चालीस या पचीस माशा सुवर्णका अथवा चाँदीका पात्र बनाकर उसमें खीर भरे और पृथ्वीपर अक्षतोंका अष्टदल लिखकर उसपर ब्रह्मा, विष्णु और शिवस्वरुप उपर्युक्त पात्रको स्थापित करके गन्ध - पुष्पादिसे पूजन करे और फिर सुपठित ब्राह्मणको दे तो समुद्रान्त पृथ्वीदान करनेके समान फल होता है । यह अवश्य स्मरण रखना चाहिये कि इस व्रतमें गोदान, शय्यादान और जो भी देय द्रव्य तों तीन - तीन दे । अर्धोदय योगके अवसरपर सत्ययुगमें वसिष्ठजीने, त्रेतामें रामचन्द्रजीने, द्वापरमें धर्मराजने और कलियुगमें पूर्णोदर ( देवविशेष ) ने अनेक प्रकारके दान, धर्म किये थे; अतः धर्मज्ञ सत्पुरुषोंको अब भी अवश्य करना चाहिये । N/A References : N/A Last Updated : January 01, 2002 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP