हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|श्रीभट्ट| जुगुलकिसोर हमारे ठाकुर ... श्रीभट्ट मदनगुपाल, सरन तेरी आयौ । ... ब्रजभूमि मोहिनी मैं जा... सेब्य हमारे हैं पिय प... जुगुलकिसोर हमारे ठाकुर ... बलि -बलि श्रीराधे -नँदनँ... भजन - जुगुलकिसोर हमारे ठाकुर ... स्यामा स्याम पद पावैं सोई । मन-बच-क्रम करि सदा नित्य जेहि हरि गुरु पदपंकज रति होई ॥१॥ नंदसुवन वृषभानुसुता पद भजै तजै मन आनै जोई । श्रीभट अटकि रहे स्वामीपन आन ब्रतै मानै सब छोई ॥२॥ Tags : bhajanshribhattaभजनश्रीभट्ट भजन Translation - भाषांतर जुगुलकिसोर हमारे ठाकुर । सदा सरबदा हम जिनके हैं, जनम जनम घरजाये चाकर ॥१॥ चूक परै परिहरैं न कबहूँ, सबही भाँति दयाके आकर । जे श्रीभट्ट प्रगट त्रिभुवनमें, प्रनतनि पोषत परम सुधाकर ॥२॥ N/A References : N/A Last Updated : December 21, 2007 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP