नग्नजित् n. गांधार देश का एक क्षत्रिय राजा, एवं कृष्ण की पत्नी सत्या का पिता । यह ‘इषुपाद’ नामक दैत्य के अंश से उत्पन्न हुआ था
[म.आ.६१.२१] ;पापजित् पाठ । कर्ण के दिग्विजय में, उसने उसका पराभव किया था
[म.व.परि.१.२४.७०] । भगवान श्रीकृष्ण ने नग्नजिन के समस्त पुत्रों को पराजित किया था
[म.उ.४७.६९] । भारतीय युद्ध में यह कौरवों के पक्ष में था । भांडारकर संहिता में इसके नाम के लिये ‘पापजित्’ पाठभेद उपलब्ध है ।
नग्नजित् II. n. एक वास्तुशास्त्रज्ञ । इसने वास्तुशास्त्र पर एक ग्रंथ लिखा था
[मत्स्य.२५२] ।
नग्नजित् III. n. प्रल्हाद का शिष्य, एक दैत्य । पृथ्वी पर, राजा ‘सुबल’ नाम से इसने अवतार लिया था ।
नग्नजित्(गांधार) n. गांधार देश का एक यज्ञवेत्ता राजा । पर्वत एवं नारद ने इसकी राजगद्दी पर प्रतिष्ठापना की थी
[ऐ. ब्रा.७.३४] । ‘शतपथ ब्राह्मण’ में अपने स्वर्जित नामक पुत्र के साथ इसका उल्लेख प्राप्त है
[श. ब्रा.८.१.४.१०] । उस ग्रंथ में, संस्कार विषयक इस राजा के किसी वक्तव्य का व्यंग्योक्तिपूर्ण दृष्टि से निर्देश किया गया है । ‘नग्नजित् गांधार,’ यह एक ही व्यक्ति मान कर ‘शतपथ ब्राह्मण’ एवं ‘ऐतरेय ब्राह्मण’ में इसका निर्देश किया गया है । फिर भी सायणाचार्य ‘नग्नजित्’ एवं ‘गांधार’ को दो अलग व्यक्तियॉं मानते है । ‘शतपथ ब्राह्मण’ के जिस परिच्छेद में इसका निर्देश आया हैं, वहॉं अनेक राजाओं के ही नाम इकट्टे दिये गये हैं । उनमें से प्रत्येक व्यक्ति अलग मान कर अर्थ किया जाये, तो वह यथार्थ नहीं होगा ।