पुंड्र n. (सो. अनु.) अनुवंश का एक राजा । यह बलि राजा के छः पुत्रो में से एक था (अंग एवं बलि देखिये) ।
पुंड्र II. n. पुंड्र देश के लोगों के लिये प्रयुक्त एक सामूहिक नाम । इन लोगों को पाण्डु राजा ने जीता था
[म.आ.१०५.१२] । युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ के समय ये लोग भेंट लेकर आये थे
[म.स.४८.१७] । कर्ण ने अपने दिग्विजय के समय इन लोगों को, एवं इनके पौड्रक वासुदेव नामक राजा को जीता था
[म.क.५.१९] । पाण्डवों के अश्वमेध यज्ञ के समय अर्जुन ने इन्हें जीता था
[म.आश्व. ८४.२९] ।
पुंड्र III. n. वसुदेव के सुतनु से उत्पन्न दो पुत्रों में से ज्येष्ठ पुत्र ।
पुंड्र IV. n. ब्रह्मांड के अनुसार, व्यास के यजुःशिष्य परंपरा में से याज्ञवल्क्य का वाजसनेय शिष्य ।