बृहदुक्थ n. अंगिराकुलोत्पन्न एक मंत्रकार एवं ऋषिक । इसे ‘बृहदुत्थ’ एवं ‘बृहद्वक्षस्’ नामान्तर भी प्राप्त है ।
बृहदुक्थ (वामदेव) n. एक वैदिक सूक्तद्रष्टा एवं पुरोहित
[ऋ.१०.५४-५६] । शतपथब्राह्मण में इसे वामदेव का पुत्र इस अर्थ से ‘वामदेव्य’ कहा गया है
[श.ब्रा.१३.२.२.१४] । पंचविश ब्राह्मण में इसे वामनेय (वाम्नी वंशज) कहा गया है
[पं.ब्रा.१४.९.३७.३८] । किन्तु हॉपकिन्स के अनुसार, यहॉं वामदेव्य पाठ ही स्वीकरणीय है । इसके द्वारा किये गये स्तुतिपाठों का निर्देश वव्रि के सूक्त में प्राप्त
[ऋ.५.१९.३] । इसने पांचाल देश के दुर्मुख नामक राजा को राज्याभिषेक किया था
[ऐ.ब्रा.८.२३] । इसके पुत्र का नाम वाजिन् था, जिसकी मृत्योपरान्त उसके मृत शरीर के भाग उठा कर ले जाने के लिये, इसने देवों से प्रार्थना की थी
[ऋ.१०.५६] ।
बृहदुक्थ II. n. निमिवंशीय देवराज जनक राजा का नामान्तर (बृहद्रथ ३. देखिये) ।